कचरे पर 272 करोड़ खर्च का प्लान, लेकिन शिकायत ने उड़ा दी नींद

राजस्थान का अलवर नगर निगम शहर की सफाई का नया ठेका देने को लेकर सवालों में है। वह नए ठेके को देने की उस समय तैयारी कर रहा है, जब मौजूदा ठेके की मियाद पूरी होने में नौ महीने बाकी हैं। नया ठेका सात साल के लिए 272 करोड़ रुपए में देने का प्लान है।

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JAIPUR. राजस्थान में स्थानीय निकायों के चुनाव से पहले ही अलवर नगर निगम शहर की सफाई का नया ठेका देने को लेकर सवालों में है। वह नए ठेके को देने की उस समय तैयारी कर रहा है, जब मौजूदा ठेके की मियाद पूरी होने में नौ महीने बाकी हैं।

नया ठेका सात साल के लिए 272 करोड़ रुपए में देने का प्लान है। अभी शहर की सफाई का ठेका 1.21 करोड़ रुपए प्रति माह दिया हुआ है, जबकि नए प्रस्तावित ठेके में सफाई के लिए निगम को 3.15 करोड़ रुपए प्रति माह चुकाने होंगे। निगम नए ठेके को देने को लेकर इतना उतावला है कि उसने मीटिंग में प्रस्ताव पारित करने के एक घंटे बाद ही उसे स्वीकृति के लिए सरकार को भेज दिया।

आरपीपीटी (लोक प्रतिनिधित्व कानून) के नियमों के खिलाफ दिए जा रहे नए ठेके के बारे में शिकायत होने के बाद राज्य सरकार ने सोमवार को नगर निगम से पूरे मामले पर स्पष्टीकरण मांगा है।

नए ठेके में यह है प्रावधान

नए ठेके में नगर निगम सीमा, रीको औद्योगिक क्षेत्र और अलवर अर्बन ट्रस्ट क्षेत्र की सफाई का प्रावधान है। इसमें सफाई तीन चरण से होगी। पहले चरण में सड़कों व नालों की सफाई होगी, जबकि दूसरे चरण में अग्यारा कचरा निस्तारण प्लांट पर एकत्रित कचरे का निपटारा होगा। तीसरे भाग में मौजूदा प्लांट का नवीनीकरण और संचालन होगा। इस प्रोजेक्ट में यूआईटी 40 लाख रुपए और रीको 25 लाख रुपए का अंशदान होगा।

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इसलिए उठ रहे सवाल

आरपीपीटी (लोक प्रतिनिधित्व कानून) के तहत दो साल से अधिक का टेंडर नहीं दिया जा सकता है, जबकि नगर निगम ने सात साल की योजना तैयार की है। मौजूदा ठेका मार्च 2025 तक चलेगा। इसका इंतजार किए बगैर ही निगम ने नए ठेके की प्लानिंग कर ली।

गंभीर बात यह है कि वर्तमान में निगम में कोई निर्वाचित बोर्ड भी नहीं है। निगम के चुनाव नवंबर-दिसंबर में प्रस्तावित हैं। सवाल है कि फिर अधिकारी अपने स्तर पर नए ठेके को क्यों अंजाम देना चाहते हैं।

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ऐसे बनी प्लानिंग

बताया जाता है कि 10 जून को निगम प्रशासक और जिला कलेक्टर आर्तिका शुक्ला की अध्यक्षता में आनन-फानन में बैठक बुलाई गई। इसके एक घंटे बाद ही निगम ने नए ठेके का प्रस्ताव मंजूरी  के लिए सरकार को भेज दिया।

गौर करने की बात रही कि मीटिंग की मिनिट्स 16 जून को सार्वजनिक की गई। इस मामले की शिकायत पूर्व पार्षद अजय पूनिया ने की है। स्थानीय निकाय विभाग के उप निदेशक विनोद पुरोहित ने शिकायत में दर्शाए बिन्दुओं को तथ्यात्मक रूप से उचित माना है। उन्होंने अलवर नगर निगम के आयुक्त से 26 जून को इस मामले की पूरी पत्रावली तलब की है।

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