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Photograph: (The Sootr)
राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Rajasthan State Pollution Control Board) ने राजस्थान (Rajasthan) के अलवर नगर निगम (Alwar Municipal Corporation) पर 77 लाख रुपए (77 Lakhs Fine) का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना खुले में कचरा जलाने (Open Trash Burning) के मामले में लगाया गया, जो राज्य के पर्यावरणीय नियमों का उल्लंघन है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस संबंध में नगर निगम आयुक्त (Municipal Commissioner) को नोटिस जारी किया है।
रोक के बावजूद कचरा जलाया
अलवर से भरतपुर मार्ग (Alwar to Bharatpur Road) पर स्थित अग्यारा बांध (Agara Dam) के पास कचरा निस्तारण प्लांट (Waste Disposal Plant) और हनुमान सर्किल (Hanuman Circle) के पास पुराने डंपिंग यार्ड (Dumping Yard) में, जहां कचरा जलाने पर रोक थी, इसके बावजूद कचरा जलाया गया। यह पर्यावरणीय नियमों का उल्लंघन था, और इसकी पुष्टि होने के बाद राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नगर निगम पर 77 लाख रुपए का जुर्माना लगाया।
पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंचाया
यह कार्रवाई उस समय की गई जब अलवर नगर निगम (Alwar Municipal Corporation) स्वच्छता रैंकिंग (Swachhata Ranking) में प्रदेश के चौथे स्थान (Fourth Rank) पर था। बोर्ड ने अपने पत्र में बताया कि वायु अधिनियम (Air Act), जल अधिनियम (Water Act) और राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के प्रावधानों का पालन नहीं किया गया, जिससे पर्यावरण को गंभीर नुकसान हुआ। इसके साथ ही, सार्वजनिक स्वास्थ्य और जीव-जंतुओं पर भी विपरीत प्रभाव पड़ा।
पाबंदियों के बावजूद कचरा जलता हुआ पाया गया
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी पत्र में साफ तौर पर बताया गया कि 24 नवंबर 2022 (November 24, 2022) को निरीक्षण के दौरान हनुमान सर्किल के पास ग्रेप 2 की पाबंदियों (Grape 2 Restrictions) के बावजूद कचरा जलता हुआ पाया गया। इसके बाद 19 मई 2023 (May 19, 2023) को भी कचरा जलता पाया गया, और आसपास के वातावरण में धुआं फैलने की समस्या थी। 21 सितंबर 2023 (September 21, 2023) को कचरे के ढेर पाए गए, जिससे दुर्गंध और मक्खियों की समस्या बढ़ गई।
खुले में कचरा जलाने को लेकर एनजीटी के नियम क्या हैं?
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अलवर नगर निगम ने कचरा जलाने की शिकायतों के बावजूद नहीं की कार्रवाई
अलवर नगर निगम द्वारा अग्यारा गांव (Agara Village) में कचरा निस्तारण प्लांट का संचालन बिना प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम 1974 (Pollution Control Act 1974) के प्रावधानों के किया गया था। इस एक्ट के अनुसार कोई भी व्यक्ति राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सहमति के बिना कोई औद्योगिक संयंत्र स्थापित या संचालित नहीं कर सकता, जिससे वायु प्रदूषण (Air Pollution) होने का खतरा हो। इसके बावजूद नगर निगम ने कचरा जलाने के मामले में कई बार शिकायतों के बावजूद उचित कार्रवाई नहीं की।
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