3 पुलिसकर्मियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी, नाबालिग छात्रा से रेप-प्रताड़ना के आरोप साबित

राजस्थान के अलवर के रैणी पुलिस थाना अंतर्गत दो साल पहले नाबालिग छात्रा से रेप व प्रताड़ना के मामले में आरोपी तीन पुलिसकर्मियों को गिरफ्तारी वारंट से तलब किया गया है।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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राजस्थान के अलवर के रैणी पुलिस थाना अंतर्गत दो साल पहले 16 साल की नाबालिग छात्रा से रेप व प्रताड़ना के मामले में आरोपी तीन पुलिसकर्मियों को गिरफ्तारी वारंट से तलब किया गया है।

मामले में तत्कालीन राजगढ़ डीएसपी और जांच अधिकारी ने तीनों पुलिसकर्मियों का पक्ष लेते हुए अंतरिम रिपोर्ट (एफआर) लगा दी थी। पीड़िता की ओर से कोर्ट में प्रोटेस्ट पिटीशन दायर करने के बाद अब पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी का वारंट जारी किया गया है। एक कांस्टेबल पर रेप का और दो पर छेड़छाड़ व प्रताड़ित करने का आरोप है।

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2 साल तक किया गया दुष्कर्म

सरकारी वकील विनोद कुमार और एडवोकेट राजेश गुप्ता ने बताया कि रैणी थाने में 23 दिसंबर, 2023 पीड़िता की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया कि रैणी थाने में कार्यरत कांस्टेबल अविनाश मीणा, मानसिंह और राजू उर्फ राजवेंद्र ने उसके साथ अलग-अलग जगह सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। इसमें अविनाश मीणा विगत 2 साल तक उसके साथ दुष्कर्म करता रहा। अलवर में पढ़ाई के दौरान भी उसने मुझे परेशान किया और दुष्कर्म किया।

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दायर की प्रोटेस्ट पिटीशन

इस मामले को लेकर तत्कालीन जांच अधिकारी और राजगढ़ के पुलिस अधीक्षक उदय सिंह मीणा ने इस मामले में एफआर लगा दी और उन्हें बचाने का प्रयास करते हुए अंतरिम रिपोर्ट कोर्ट में पेश की। पीड़िता की मां की ओर से 3 फरवरी, 2024 को एफआर के खिलाफ अलवर के पॉक्सो कोर्ट नंबर एक में प्रोटेस्ट पिटीशन (नाराजगी याचिका) पेश की थी। उस प्रोटेस्ट पिटीशन में उन्होंने जिक्र किया कि पुलिस अधिकारी ने न उनका मोबाइल जब्त किया और ना लोकेशन ट्रेस की। ना ही मोबाइल की कॉल डिटेल निकाली गई।

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फॉरेंसिक जांच करने के निर्देश

विशिष्ट न्यायाधीश पॉक्सो अदालत नंबर एक जगेंद्र अग्रवाल ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण को कुछ बिंदु देकर जांच रिपोर्ट दोबारा मांगी, जिसमें 23 नवंबर, 2022 को छात्रा का जिस मकान में कमरा लेकर पढ़ना बताया गया, उसके किराएनामे को जब्त करना, उसी दिन कांस्टेबल अविनाश मीणा की मोबाइल लोकेशन तथा जहां पीड़िता पढ़ती है, उसके आसपास के रास्तों में लगे सीसीटीवी फुटेज, इंस्टाग्राम पर चैट की जांच करने तथा अविनाश के मोबाइल को जब्त कर उसे फॉरेंसिक जांच के लिए भेजने के निर्देश दिए।

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सभी आरोप सही पाए गए

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण द्वारा जांच के दौरान पीड़िता की मां के द्वारा लगाए गए आरोप सही पाए गए। आरोपियों की कॉल डिटेल और मोबाइल लोकेशन घटनास्थल के आसपास पाई गई। सिपाही अविनाश, कांस्टेबल राजू और मानसिंह की कॉल डिटेल भी घटनास्थल के आसपास पाई गई।

संबंधित न्यायालय ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक की रिपोर्ट के बाद तीनों पुलिसकर्मियों को गिरफ्तारी वारंट से तलब किया है। पुलिसकर्मियों ने पीड़िता के भाई को भी झूठे केस में फंसाने की धमकी दी थी। कांस्टेबल मानसिंह मालाखेड़ा थाने में तैनात है, वहीं अविनाश मीणा और राजू राजगढ़ थाने में तैनात हैं।

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