बीएससी नर्सिंग और जीएनएम काउंसलिंग में केवल एनओसी प्राप्त संस्थान ही शामिल हो सकेंगे, राजस्थान हाईकोर्ट का फैसला

राजस्थान हाईकोर्ट ने बीएससी नर्सिंग और जीएनएम कोर्स की काउंसलिंग में केवल उन संस्थानों को शामिल करने का आदेश दिया है, जिनके पास राज्य सरकार द्वारा वैध NOC है। यह निर्णय काउंसलिंग प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए लिया गया है।

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Gyan Chand Patni
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राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ ने बीएससी नर्सिंग और जीएनएम कोर्स 2025-26 की काउंसलिंग प्रक्रिया पर एक अहम फैसला सुनाया। जस्टिस डॉ. पुष्पेंद्र सिंह भाटी और जस्टिस अनुरूप सिंघी की खंडपीठ ने इस विवाद से संबंधित दायर स्पेशल अपील रिट पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया कि केवल उन नर्सिंग संस्थानों को काउंसलिंग में भाग लेने की अनुमति दी जाएगी, जिनके पास राज्य सरकार द्वारा वैध NOC (No Objection Certificate) है।

यह मामला राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (RUHS) बनाम ऋद्धि सिद्धि एजुकेशन एंड रिसर्च सोसायटी (जोधपुर) से संबंधित था।

एनओसी का महत्व और काउंसलिंग प्रक्रिया 

NOC एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो यह प्रमाणित करता है कि संस्थान राज्य सरकार की निर्धारित मानकों के अनुसार है और वह विधिक तौर पर विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम प्रदान करने के लिए सक्षम है। उच्च न्यायालय के अनुसार, बिना वैध एनओसी के संस्थानों को काउंसलिंग प्रक्रिया से बाहर किया जाएगा ताकि प्रवेश प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे।

राज्य सरकार ने अपने फैसले के अनुसार कई संस्थानों के NOC आवेदन पर विचार किया और 52 संस्थानों को NOC प्रदान की, जबकि कुछ संस्थानों के NOC अस्वीकृत कर दिए गए। इस फैसले के बाद, काउंसलिंग प्रक्रिया में केवल वही संस्थान भाग ले सकेंगे, जिनके पास NOC वैध है।

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काउंसलिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता 

इस आदेश के तहत, केवल राजस्थान सरकार द्वारा स्वीकृत NOC वाले संस्थानों को ही काउंसलिंग में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी। काउंसलिंग प्रक्रिया के बाद, छात्रों का अस्थायी रूप से नामांकन RUHS द्वारा किया जाएगा, बशर्ते कि सभी आवश्यकताएं पूरी हों।

यदि किसी संस्थान को NOC अस्वीकृत कर दिया गया है, तो वह संस्थान कानूनी तरीके से इस फैसले को चुनौती दे सकता है। इसके बाद, NOC पर निर्णय लेने के बाद काउंसलिंग प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।

राज्य सरकार का निर्णय 

राज्य सरकार ने अदालत को सूचित किया कि NOC पर फैसला लिया जा चुका है और 52 संस्थानों को NOC प्रदान किया गया है, जबकि कुछ अन्य मामलों में NOC अस्वीकृत कर दी गई है। यह प्रक्रिया काउंसलिंग की सटीकता और प्रभावशीलता को सुनिश्चित करने के लिए की गई है।

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खंडपीठ का स्पष्ट निर्देश 

खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा कि यह मामला पहले से तय हो चुके फैसले के दायरे में आता है। 19 सितंबर को कोर्ट ने ऐसे ही 23 मामलों में फैसला सुनाया था कि केवल सरकारी NOC वाले संस्थान ही काउंसलिंग में भाग लेंगे। अब इस नए मामले में भी वही नियम लागू होंगे। इस फैसले से यह स्पष्ट होता है कि काउंसलिंग प्रक्रिया में भाग लेने के लिए संस्थान को वैध NOC प्राप्त करना अनिवार्य होगा, ताकि किसी प्रकार की गड़बड़ी या असमंजस की स्थिति न बने।

FAQ

1. क्या केवल NOC प्राप्त संस्थान ही बीएससी नर्सिंग और जीएनएम काउंसलिंग में भाग ले सकते हैं?
जी हां, राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले के अनुसार, केवल उन संस्थानों को काउंसलिंग में भाग लेने की अनुमति दी जाएगी जिनके पास राज्य सरकार की वैध NOC (No Objection Certificate) है।
2. क्या अस्वीकृत NOC वाले संस्थान काउंसलिंग प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं?
एनओसी अस्वीकृत संस्थान काउंसलिंग प्रक्रिया में भाग नहीं ले सकते हैं। हालांकि, यदि वे चाहें तो इस फैसले को कानूनी तौर पर चुनौती दे सकते हैं।
3. काउंसलिंग प्रक्रिया में शामिल होने के लिए संस्थान को क्या कदम उठाने होंगे?
संस्थानों को राज्य सरकार से एनओसी प्राप्त करना होगा और उसे काउंसलिंग में शामिल होने से पहले वैध प्रमाणित करना होगा।
4. इस फैसले से छात्रों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
इस फैसले का प्रभाव छात्रों पर यह पड़ेगा कि केवल वैध एनओसी वाले संस्थान ही उन्हें प्रवेश देंगे, जिससे काउंसलिंग प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष होगी।

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