/sootr/media/media_files/2025/10/13/raj-and-2025-10-13-18-05-08.jpg)
राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ ने बीएससी नर्सिंग और जीएनएम कोर्स 2025-26 की काउंसलिंग प्रक्रिया पर एक अहम फैसला सुनाया। जस्टिस डॉ. पुष्पेंद्र सिंह भाटी और जस्टिस अनुरूप सिंघी की खंडपीठ ने इस विवाद से संबंधित दायर स्पेशल अपील रिट पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया कि केवल उन नर्सिंग संस्थानों को काउंसलिंग में भाग लेने की अनुमति दी जाएगी, जिनके पास राज्य सरकार द्वारा वैध NOC (No Objection Certificate) है।
यह मामला राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (RUHS) बनाम ऋद्धि सिद्धि एजुकेशन एंड रिसर्च सोसायटी (जोधपुर) से संबंधित था।
एनओसी का महत्व और काउंसलिंग प्रक्रिया
NOC एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो यह प्रमाणित करता है कि संस्थान राज्य सरकार की निर्धारित मानकों के अनुसार है और वह विधिक तौर पर विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम प्रदान करने के लिए सक्षम है। उच्च न्यायालय के अनुसार, बिना वैध एनओसी के संस्थानों को काउंसलिंग प्रक्रिया से बाहर किया जाएगा ताकि प्रवेश प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे।
राज्य सरकार ने अपने फैसले के अनुसार कई संस्थानों के NOC आवेदन पर विचार किया और 52 संस्थानों को NOC प्रदान की, जबकि कुछ संस्थानों के NOC अस्वीकृत कर दिए गए। इस फैसले के बाद, काउंसलिंग प्रक्रिया में केवल वही संस्थान भाग ले सकेंगे, जिनके पास NOC वैध है।
ये खबरें भी पढ़ें
कहां है कानून का राज : राजस्थान के शेखावाटी में अपराध और रंगदारी का खतरा बढ़ा, विदेश में बैठकर साजिश
राजस्थान में सामाजिक सुरक्षा पेंशन : 3 लाख लोगों की पेंशन रोकी, अब आय की होगी जांच
काउंसलिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता
इस आदेश के तहत, केवल राजस्थान सरकार द्वारा स्वीकृत NOC वाले संस्थानों को ही काउंसलिंग में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी। काउंसलिंग प्रक्रिया के बाद, छात्रों का अस्थायी रूप से नामांकन RUHS द्वारा किया जाएगा, बशर्ते कि सभी आवश्यकताएं पूरी हों।
यदि किसी संस्थान को NOC अस्वीकृत कर दिया गया है, तो वह संस्थान कानूनी तरीके से इस फैसले को चुनौती दे सकता है। इसके बाद, NOC पर निर्णय लेने के बाद काउंसलिंग प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।
राज्य सरकार का निर्णय
राज्य सरकार ने अदालत को सूचित किया कि NOC पर फैसला लिया जा चुका है और 52 संस्थानों को NOC प्रदान किया गया है, जबकि कुछ अन्य मामलों में NOC अस्वीकृत कर दी गई है। यह प्रक्रिया काउंसलिंग की सटीकता और प्रभावशीलता को सुनिश्चित करने के लिए की गई है।
ये खबरें भी पढ़ें
जयपुर जंक्शन पर प्लेटफॉर्म टिकट बंद : ट्रेन के समय से एक घंटे पहले मिलेगी एंट्री
अमित शाह जयपुर पहुंचे, प्रदर्शनी का किया उद्घाटन, तीन माह में तीसरा राजस्थान दौरा
खंडपीठ का स्पष्ट निर्देश
खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा कि यह मामला पहले से तय हो चुके फैसले के दायरे में आता है। 19 सितंबर को कोर्ट ने ऐसे ही 23 मामलों में फैसला सुनाया था कि केवल सरकारी NOC वाले संस्थान ही काउंसलिंग में भाग लेंगे। अब इस नए मामले में भी वही नियम लागू होंगे। इस फैसले से यह स्पष्ट होता है कि काउंसलिंग प्रक्रिया में भाग लेने के लिए संस्थान को वैध NOC प्राप्त करना अनिवार्य होगा, ताकि किसी प्रकार की गड़बड़ी या असमंजस की स्थिति न बने।