बच्ची का वीजा बढ़ाने के लिए मां की एनओसी की जरूरत नहीं, एफआरआरओ को हाईकोर्ट ने दिए निर्देश

राजस्थान हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में, 5 वर्षीय बच्ची सेहर गोगिया के वीजा को बढ़ाने के लिए मां की एनओसी (No Objection Certificate) की आवश्यकता नहीं बताई है।

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Gyan Chand Patni
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Photograph: (AI)

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राजस्थान हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में ऑस्ट्रेलिया में जन्मी भारतीय मूल की 5 वर्षीय बच्ची सेहर गोगिया के मामले में आदेश दिया कि बच्ची का भारत में वीजा बढ़ाया जाए, भले ही उसकी मां ने एनओसी (No Objection Certificate) नहीं दी हो।

मामले की पृष्ठभूमि

बच्ची के पिता ने याचिका दायर की थी कि उनकी पत्नी के साथ विवाद के कारण मां ने अपनी बेटी का वीजा बढ़ाने के लिए एनओसी देने से इनकार कर दिया है।

कोर्ट का निर्णय

कोर्ट ने कहा कि, "हम पांच साल की बच्ची को अपनी मां की दया पर नहीं छोड़ सकते हैं। यदि बच्ची का वीजा नहीं बढ़ाया जाता तो वह भारत में अवैध नागरिक हो सकती है।" इसके अलावा, अदालत ने विदेशीय क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी (एफआरआरओ) को आदेश दिया कि वे मां से एनओसी प्राप्त किए बिना बच्ची का वीजा बढ़ाएं।

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वीजा बढ़ाने के लिए आदेश

कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि पिता को अपनी बेटी के ओवरसीज सिटीजनशिप ऑफ इंडिया (OCI) कार्ड के लिए आवेदन करने की अनुमति दी जाए और भारत सरकार को आवेदन पर तीन महीने के भीतर निर्णय लेने के लिए कहा।

माता-पिता की नागरिकता

बच्ची के माता-पिता भारतीय नागरिक हैं और उनकी शादी भी भारत में हुई थी।  विवाह के बाद दोनों ऑस्ट्रेलिया चले गए थे, वहीं पर सेहर का जन्म हुआ। बच्ची को वर्ष 2011 में ऑस्ट्रेलियाई नागरिकता भी मिल गई।

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बच्ची का भारत में वीजा

अगस्त 2022 में बच्ची अपने माता-पिता के साथ भारत वापस आई थी। उसके पास अगस्त 2023 तक का वीजा था, जिसे बाद में 24 जनवरी 2024 तक बढ़ा दिया गया। लेकिन, जब मां ने वीजा बढ़ाने के लिए एनओसी देने से इनकार किया, तो बच्ची के पिता ने अदालत का रुख किया।

केन्द्र सरकार से अपील

अदालत ने केन्द्र सरकार से नागरिकता कानूनों पर पुनर्विचार करने की भी अपील की। कोर्ट ने यूएनसीआरसी यानी संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार संधि का उल्लेख करते हुए कहा कि किसी बच्चे के कल्याण को सर्वोपरि मानते हुए आवश्यक परिस्थितियों में ही माता-पिता से अलग किया जाना चाहिए।

कोर्ट ने साफ कर दिया कि बच्ची का वीजा बढ़ाने के लिए मां की एनओसी की जरूरत नहीं। 

ऑस्ट्रेलिया नागरिक 5 वर्षीय बच्ची का वीजा बढ़ाने का मामला नागरिकता कानून में संशोधन की भी मांग करता है। 

सरकार से सुझाव

अदालत ने सरकार से यह भी कहा कि वह उन बच्चों के हितों की रक्षा के लिए उपायों पर विचार करे, जिनके माता-पिता भारतीय नागरिक हैं, लेकिन उनका जन्म विदेश में हुआ है।

FAQ

1. बच्ची सेहर गोगिया के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने क्या कहा?
हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि वीजा बढ़ाने के लिए मां की एनओसी की आवश्यकता नहीं है, यदि बच्ची के वीजा की अवधि खत्म हो रही हो, तो उसे कानूनी तौर पर अवैध माना जाएगा।
2. क्या इस मामले में भारतीय नागरिकता कानूनों पर पुनर्विचार किया जाएगा?
अदालत ने केन्द्र सरकार से नागरिकता कानूनों पर पुनर्विचार करने की अपील की है, खासकर उन बच्चों के लिए जिनका जन्म विदेश में हुआ है, लेकिन माता-पिता भारतीय नागरिक हैं।
3. क्या ओसीआई कार्ड के लिए आवेदन किया जा सकता है?
कोर्ट ने आदेश दिया कि बच्ची के पिता ओसीआई कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं और संबंधित अधिकारियों को आवेदन पर तीन महीने के भीतर निर्णय लेने के लिए कहा है।

 

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