गुटबाजी से जूझ रही कांग्रेस, अग्रिम संगठन नहीं कर पा रहे कोई आंदोलन, नेताओं के बड़े-बड़े दावे

राजस्थान कांग्रेस के अग्रिम संगठनों में गुटबाजी और परफॉर्मेंस की कमी के चलते पिछले एक साल में कोई बड़ा आंदोलन नहीं हो पाया है। पार्टी के नेताओं के अनुसार, भविष्य में बड़े आंदोलनों की योजना है।

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Amit Baijnath Garg
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Jaipur. राजस्थान में कांग्रेस के अग्रिम संगठनों जैसे एनएसयूआई, महिला कांग्रेस, युवा कांग्रेस और सेवादल की स्थिति इन दिनों गुटबाजी की वजह से खराब है। पार्टी की रीढ़ माने जाने वाले इन संगठनों ने पिछले एक साल में राज्य सरकार और भाजपा के खिलाफ कोई बड़ा आंदोलन नहीं किया है। 

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गतिविधियां काफी सीमित

अग्रिम संगठनों के लचर प्रदर्शन के कारण कांग्रेस को कई बार असहज स्थिति का सामना करना पड़ा है। हालांकि इन संगठनों की पहचान विपक्ष में रहते हुए बड़े आंदोलन और धरने-प्रदर्शन करने वाली रही है, लेकिन पिछले कुछ महीनों से इनकी गतिविधियां काफी सीमित हो गई हैं।

गुटबाजी और धड़ेबंदी का असर

कांग्रेस की सबसे बड़ी समस्या इन अग्रिम संगठनों में गुटबाजी और धड़ेबंदी का होना है। पार्टी के नेता और पदाधिकारी अपनी आंतरिक राजनीति में व्यस्त हैं, जिसका असर इन संगठनों की प्रदर्शन क्षमता पर पड़ रहा है। यह गुटबाजी कई बार प्रदेश कांग्रेस के आह्वान पर होने वाले प्रदर्शनों में भी रुकावट डाल चुकी है। 

विपक्ष की भूमिका नहीं

हाल ही में युवा कांग्रेस में 200 से अधिक पदाधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था और चार पदाधिकारियों को संगठन से निष्कासित किया गया था। इसके बाद भी कमजोर प्रदर्शन जारी है। क​हीं कोई आवाज उठती दिखाई नहीं दे रही है। विपक्ष में रहकर जो करना चाहिए था, वह कहीं से हो नहीं पा रहा है।

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सेवादल भी कमजोर

सेवादल और महिला कांग्रेस की परफॉर्मेंस भी पिछले एक साल में कमजोर रही है। सेवादल ने कोई बड़ा आंदोलन नहीं किया और अगस्त क्रांति दिवस पर भी तिरंगा यात्रा आयोजित नहीं की गई, जबकि यह हर साल आयोजित होती रही है। 

महिला कांग्रेस भी पूरी तरह लचर 

वहीं महिला कांग्रेस की ओर से भी महिला अपराधों और अत्याचारों के खिलाफ कोई प्रभावी आंदोलन नहीं किया गया, जिससे महिला नेताओं में भी निराशा का माहौल है। इस कमी को लेकर पार्टी से जुड़ी महिला नेता भी महिला कांग्रेस से दूर होती जा रही हैं।

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एनएसयूआई और युवा कांग्रेस में गुटबाजी

एनएसयूआई, जो पहले सरकार के खिलाफ बड़े आंदोलनों का हिस्सा रही थी, पिछले एक साल में कोई प्रभावी आंदोलन नहीं कर पाई है। अगस्त में शहीद स्मारक पर छात्रसंघ चुनाव को लेकर धरना हुआ था, लेकिन उसके बाद एनएसयूआई ने कोई बड़ा प्रदर्शन नहीं किया। 

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बड़े आंदोलनों की योजना

इसके बाद राजस्थान विश्वविद्यालय में आरएसएस के कार्यक्रम में तोड़फोड़ के मामले में गिरफ्तार एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष सहित अन्य नेताओं की गिरफ्तारी के बावजूद कोई बड़ा आंदोलन नहीं हुआ। युवा कांग्रेस में भी गुटबाजी के कारण प्रदर्शन प्रभावी नहीं हो पाए हैं। एनएसयूआई और युवा कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि अगले समय में वे बड़े आंदोलनों की योजना बना रहे हैं। 

आगे की रणनीति

एनएसयूआई के प्रदेश प्रभारी राहुल भाकर का कहना है कि अब कार्यकारिणी का गठन किया जा चुका है और आगामी आंदोलनों के लिए तैयारी की जा रही है। युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अभिमन्यु पूनिया का कहना है कि युवा कांग्रेस हर मुद्दे पर अपनी भूमिका निभाती है। 26 नवंबर को एक बड़ा प्रदेश स्तरीय आंदोलन आयोजित करने की योजना बनाई जा रही है।

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सेवादल की ओर से बड़ी घोषणाएं

राजस्थान कांग्रेस सेवादल के प्रदेश प्रभारी और विधायक हाकम अली ने कहा कि सेवादल ने पिछले कुछ समय में कई जिलों में प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए थे। अब आगामी SIR और वोट चोरी जैसे अभियानों में वे सड़कों पर उतरेंगे। हालांकि ये सभी घोषणाएं हैं। वहीं धरातल पर ऐसा कुछ नजर नहीं आ रहा है।

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