डिप्टी सीएम दीया कुमारी का सिविल लाइंस के अरबों के बंगलों पर कब्जा, कानूनी जाल में उलझी सरकार

राजस्थान की डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने सिविल लाइंस के बेशकीमती बंगला नंबर 15 और 16 पर कब्जा जमा रखा है। ये वही बंगले हैं, जो मुख्यमंत्री निवास के ठीक बगल में हैं। thesootr एक्सपोज में जानिए इस खेल की पूरी इनसाइड स्टोरी....

author-image
The Sootr
New Update
diya kumari expose the sootr

Photograph: (The Sootr)

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

सुनो, जयपुर वालों! आपकी डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने सिविल लाइंस के बेशकीमती बंगला नंबर 15 और 16 पर कब्जा जमा रखा है। ये वही बंगले हैं, जो मुख्यमंत्री निवास के ठीक बगल में हैं। इनकी कीमत अरबों रुपए में है, लेकिन चौंकाने वाली बात ये है कि राज्य सरकार इन बंगलों को खाली कराने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रही है। अब सवाल यह है कि क्या सरकार दीया कुमारी के दबाव में झुक गई है? क्या जनता की संपत्ति यूं ही लुट जाएगी?

ये सवाल इसलिए अहम हैं, क्योंकि भजन सरकार दीया कुमारी के कब्जे वाले इन बंगलों को लेकर अपनी कमजोर पैरवी के चलते सुप्रीम कोर्ट में केस हार चुकी है। शीर्ष अदालत ने राजस्थान हाईकोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा है, जिसमें सरकार को इस मामले में एक तरह से सक्षम अदालत में जाने की सलाह दी गई।

दरअसल, राजस्थान की उपमुख्यमंत्री व जयपुर के पूर्व राजपरिवार की बेटी दीया कुमारी अलग ही एजेंडे को अंजाम दे रही हैं। यह एजेंडा जयपुर की बेशकीमती सरकारी संपत्तियों को हड़पने से जुड़ा है। सरकार ने मानो उनके आगे घुटने टेक दिए हैं। 'द सूत्र' ने इससे पहले 'दीया कुमारी के हथरोई की सरकारी जमीन को हथियाने' का मामला उठाया था। सियासत में इस मामले को लेकर काफी हलचल है। आज हम अपने पाठकों और दर्शकों के लिए दीया कुमारी के एजेंडे की दूसरी किस्त लेकर आए हैं।

पढ़िए ये खास खबर... 

बंगलों का सच: सरकारी संपत्ति पर राजपरिवार का कब्जा

बात शुरू होती है आजादी के बाद की, जब जयपुर रियासत का भारत में विलय हुआ था। उस वक्त सरकार और पूर्व शासक के बीच एक संधि हुई थी, जिसमें साफ तौर पर लिखा गया कि सिविल लाइंस के बंगला नंबर 15 और 16 सरकारी संपत्ति हैं। इनका मालिकाना हक सरकार के पास रहेगा। सरकार ही इनका रख- रखाव करेगी।

इसके बाद तत्कालीन परिस्थितियों के हिसाब से राजपरिवार के कुछ घरेलू अधिकारियों को इन बंगलों में रहने की इजाजत दे दी गई थी, लेकिन शर्त थी कि जब इनकी जरूरत न रहे तो राजपरिवार इन्हें खाली कर देगा। लेकिन क्या हुआ?

राजपरिवार ने इन बंगलों को खाली नहीं किया। इससे आगे बढ़कर अपने निजी दफ्तर खोल दिए। जी हां, आज इन बंगलों में दीया कुमारी के परिवार के ऑफिस चल रहे हैं। क्या ये जनता की संपत्ति का दुरुपयोग नहीं है?

 

bunglow 15
बंगला नंबर 15

 

 

bunglow 16
(बंगला नंबर 16)

 

राजस्थान: अशोक गहलोत ने सचिन पायलट से जुड़ा ये किस्सा किया शेयर, कहा- मैंने  बनवाया था केंद्र में मंत्री - Ashok Gehlot said I had made Sachin Pilot a  minister at the

गहलोत सरकार ने दिखाई हिम्मत, लेकिन...

साल 1998 में जब अशोक गहलोत राजस्थान के मुख्यमंत्री बने तो उनकी सरकार ने इस कब्जे को चुनौती दी। संपदा विभाग से कहा गया कि इन बंगलों को खाली कराया जाए। राजस्थान सार्वजनिक परिसर (अनाधिकृत अधिभोगियों की बेदखली) अधिनियम के तहत दीया कुमारी और उनके परिवार को बेदखल करने की मांग की गई। लेकिन राजपरिवार ने तुरंत इस पर आपत्ति जताई। संपदा अधिकारी ने माना कि ये बंगले राजपरिवार की निजी संपत्ति नहीं, बल्कि सरकारी संपत्ति हैं। फिर भी, राजपरिवार ने कानूनी दांवपेच शुरू कर दिए।

 

इस तरह कानूनी जाल में फंसी सरकार...

  • संपदा अधिकारी के आदेश के खिलाफ राजपरिवार ने जिला सेशन जज के समक्ष 27 मार्च 2004 को अपील दायर की, जिसे 12 अगस्त 2005 में स्वीकार कर लिया गया। 
  • बाद में राज्य सरकार इस मामले को राजस्थान हाईकोर्ट की सिंगल कोर्ट में ले गई। सिंगल कोर्ट ने सरकार की अपील को बिना किसी निर्णय के खारिज कर उसे वापस ट्रायल कोर्ट में भेज दिया। 
  • फिर यह मामला स्पेशल अपील के रूप में सुनवाई के लिए राजस्थान की हाईकोर्ट में जस्टिस केएस झावेरी और जस्टिस विजय कुमार व्यास की खंडपीठ में सुनवाई के लिए आया। 
  • हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 12 मार्च 2018 को अपने आदेश में सक्षम अदालत में जाने की सलाह दी। तब कोर्ट ने इस पर दोनों में किसी के पक्ष में ​कोई निष्कर्ष नहीं निकाला।
  • तत्कालीन अशोक गहलोत सरकार इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं। प्रदेश की सत्ता में भाजपा के आने के बाद सुप्रीम कोर्ट में सरकार की पैरवी कमजोर पड़ गई। 
  • शीर्ष कोर्ट ने 16 जुलाई, 2024 को हाईकोर्ट के आदेश में कोई हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए उसके फैसले को बरकरार रखा। 
  • हाईकोर्ट के आदेश के अनुरूप अब इस मामले में भाजपा सरकार को सक्षम अदालत में सिविल सूट करना था, लेकिन वह अभी तक ऐसा नहीं कर पाई है।

भजनलाल सरकार की चुप्पी: दबाव या साजिश?

Rajasthan: उपचुनाव के बीच CM भजनलाल शर्मा को लगा बड़ा झटका, बिना कोर्ट  अनुमति के नहीं जा सकते विदेश - Rajasthan: CM Bhajanlal Sharma gets a big  shock amidst the by elections,

सुप्रीम कोर्ट में हार के बाद भजनलाल सरकार को सक्षम अदालत में सिविल सूट दायर करना था। लेकिन सूत्र बताते हैं कि दीया कुमारी के दबाव में सरकार ने अब तक कोई कदम नहीं उठाया। शीर्ष कोर्ट के फैसले को आए एक साल बीत चुके हैं, फिर भी सरकार चुप है। क्या ये जनता के साथ धोखा नहीं? क्या दीया कुमारी का रुतबा इतना बड़ा है कि सरकार उनके सामने घुटने टेक दे? ये सवाल हर जयपुरवासी के मन में कौंध रहा है।

 

जनता का पैसा, जनता की जमीन

सिविल लाइंस के ये बंगले कोई साधारण संपत्ति नहीं हैं। इनकी कीमत अरबों रुपए में है। ये वो जमीन है, जो जनता की है, जिसके लिए सरकार जिम्मेदार है, लेकिन राज्य सरकार की चुप्पी और कमजोर रवैया जनता को ठगने जैसा नहीं है? दीया कुमारी डिप्टी सीएम हैं, लेकिन क्या ये पद उन्हें सरकारी संपत्ति पर कब्जा करने का हक देता है? अगर सरकार अब भी नहीं जागी, तो ये बंगले हमेशा के लिए राजपरिवार के पास चले जाएंगे।

...तो जयपुरवासियों, ये खबर सिर्फ बंगलों की नहीं, बल्कि आपके हक की है। अगर आप चाहते हैं कि आपकी संपत्ति पर कोई गलत कब्जा न करे, तो आवाज उठाइए। सरकार को जगाइए। ये बंगले आपकी धरोहर हैं, इन्हें बचाने की जिम्मेदारी आपकी भी है।


नोट: इस मामले में खबर thesootr ने दीया कुमारी का पक्ष जानने के लिए उनसे संपर्क करने की कोशिश की, मगर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। फिर हमने उनको मेल करके सवालों की लिस्ट भेजी। इस पर भी उनकी ओर से कोई रिएक्शन नहीं आया। आगे जब भी उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया आएगी, हम प्रमुखता से प्रकाशित करेंगे।
Editor, thesootr 

 

कोर्ट के ऑर्डर

court 2

court 3

court 4

court 7

 

court 6

court 5

court 9

court 1

FAQ

1. दीया कुमारी और जयपुर के सिविल लाइंस बंगला विवाद का असली मुद्दा क्या है?
यह विवाद जयपुर में सिविल लाइंस के बंगला नंबर 15 और 16 को लेकर है, जिन पर दावा है कि ये सरकार की संपत्ति हैं लेकिन दशकों से इन पर जयपुर राजपरिवार के नियंत्रण में रहते हुए परिवार के निजी ऑफिस चल रहे हैं।
2. इन बंगलों की कानूनी स्थिति क्या है?
सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, आजादी के बाद जयपुर के भारत में विलय की संधि में स्पष्ट किया गया था कि ये बंगले सरकारी संपत्ति बने रहेंगे, लेकिन राजपरिवार द्वारा इन्हें छोड़े जाने की शर्त दी गई थी।
3. सरकार फिलहाल क्या कर रही है?
राजस्थान सरकार ने कोर्ट में कई बार इन्हें खाली कराने की कोशिश की, लेकिन मामला अब तक सुलझा नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के अनुसार, सरकार को सक्षम सिविल अदालत में वाद दर्ज करना है, जो अब तक नहीं हुआ है।
4. क्या सरकार पर किसी तरह का दबाव है?
रिपोर्ट की मानें तो सरकार पर राजनीतिक या सामाजिक दबाव होने की आशंका है, जिससे विवाद सुलझने में देरी हो रही है। हालांकि, इसका प्रमाणिक या आधिकारिक सबूत रिपोर्ट में मौजूद नहीं है।
5. इस विवाद से जयपुर की जनता को क्या नुकसान है?
ये बंगले अरबों रुपए की संपत्ति हैं, जिनके राजपरिवार के अनधिकृत कब्ज़े में रहने से राज्य और जनता को अधिकार एवं वास्तविक उपयोग से वंचित रहना पड़ रहा है।
6. इसमें आगे क्या कानूनी रास्ते खुले हैं?
सरकार सक्षम सिविल अदालत में मुकदमा दर्ज कर सकती है या विशेष अधिनियम के तहत कार्रवाई कर सकती है; साथ ही जनता जागरूकता और मीडिया कवरेज से सरकार पर दबाव बना सकती है।
7. क्या बंगलों को लेकर राजपरिवार या दीया कुमारी का कोई सार्वजनिक पक्ष सामने आया?
फिलहाल इस रिपोर्ट में उनके प्रतिवाद या सफाई के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है।

thesootr links

सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧👩

दीया कुमारी का दावा | राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा | राजस्थान हाईकोर्ट का फैसला | दीया कुमारी राजस्थान | दीया कुमारी ने हथरोई की सरकारी जमीन अपने नाम कराई | जमीन घोटाला | Rajasthan | Rajasthan government | Deputy Chief Minister Diya Kumari | Diya Kumari | Deputy CM Diya Kumari 

Rajasthan राजस्थान Deputy Chief Minister Diya Kumari दीया कुमारी का दावा Deputy CM Diya Kumari डिप्टी सीएम दीया कुमारी Rajasthan government Diya Kumari दीया कुमारी राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा राजस्थान हाईकोर्ट द सूत्र राजस्थान हाईकोर्ट का फैसला जमीन घोटाला दीया कुमारी राजस्थान दीया कुमारी ने हथरोई की सरकारी जमीन अपने नाम कराई हथरोई