फर्जी ट्रेडिंग ऐप के जाल में फंसे विंग कमांडर: एक करोड़ रुपए से ज्यादा की साइबर ठगी

सूरतगढ़ में तैनात विंग कमांडर से साइबर ठगों ने 1 करोड़ रुपए से ज्यादा की ठगी की। साइबर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 7 लाख रुपए होल्ड कराए।

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Gyan Chand Patni
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राजस्थान में भी साइरब क्राइम के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। पढ़े लिखे और उच्च अधिकारी भी साइबर ठगों के जाल में फंस रहे हैं। ताजा मामला सूरतगढ़ का है। 

वायुसेना के विंग कमांडर रॉबिन सेबेस्टियन साइबर ठगी के शिकार हो गए। उन्हें एक फर्जी ट्रेडिंग ऐप के जरिए फंसाया गया और वे 1 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी का शिकार हो गए।

यह घटना तब हुई जब ठगों ने उन्हें एक आकर्षक निवेश योजना के झांसे में डाला और अलग-अलग तारीखों पर कई बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करवा लिए।

कैसे की फर्जी ट्रेडिंग ऐप से ठगी

विंग कमांडर ने 10 जून 2025 को '55 शून्या ग्रोथ क्लब' नामक एक वॉट्सऐप ग्रुप जॉइन किया, जिसमें ट्रेडिंग टिप्स और आकर्षक निवेश योजनाओं की जानकारी दी जा रही थी।

ग्रुप में फर्जी लिंक साझा किया गया, जिसे डाउनलोड करके विंग कमांडर ने एक ऐप इंस्टॉल किया। इस ऐप के माध्यम से वे ठगों से संपर्क में आए और फिर धीरे-धीरे ठगों ने उन्हें लाखों रुपए ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया। 10 जून से 8 अगस्त तक विंग कमांडर ने कई बार सूरतगढ़ की एसबीआई शाखा से पैसे ट्रांसफर किए। यह रकम करीब 1 करोड़ 11 लाख रुपए है।

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कब हुआ ठगी का शक

जब विंग कमांडर ने 13 अगस्त को राशि निकालने की कोशिश की, तो ठगों ने उनसे 42 लाख 96 हजार 603 रुपए अतिरिक्त जमा करने की मांग की, जिससे उन्हें ठगी का शक हुआ। इस पर उन्होंने तुरंत बैंक मैनेजर से संपर्क किया और आरटीजीएस ट्रांसफर को रद्द करने के लिए ईमेल किया। साथ ही उन्होंने साइबर सेल और नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर शिकायत भी की।

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साइबर पुलिस ने क्या कार्रवाई की

साइबर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 7 लाख रुपए होल्ड करवा दिए और अन्य खातों की जानकारी मांगी। श्रीगंगानगर साइबर सेल के डीएसपी कुलदीप वालिया के नेतृत्व में इस मामले की जांच जारी है। पुलिस इंस्पेक्टर रमेश कुमार न्यौल मामले की जांच कर रहे हैं और वे यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि बाकी की राशि भी जल्दी से बरामद की जाए।

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कैसे बचें साइबर ठगी से

डीएसपी कुलदीप वालिया ने हैरानी जताई कि इस तरह के जाल में शिक्षित और जिम्मेदार लोग भी फंस रहे हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे Cyber ​​crime से सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत शिकायत करें। इसके साथ ही पुलिस ने सभी से यह भी कहा कि ऐसे फर्जी ऐप्स और लिंक से बचें, जो प्रलोभन देकर उनका व्यक्तिगत डेटा और पैसे चुराने का प्रयास करते हैं।

राहत की उम्मीद

Cyber ​​crime साइबर ठग हर जगह सक्रिय हैं। विंग कमांडर से साइबर ठगी से साफ है कि अपराधी बेखौफ हैं। फर्जी ट्रेडिंग ऐप के जाल में फंसे विंग कमांडर अब तक सकते में हैं। सूरतगढ़ में साइबर पुलिस की कार्रवाई से राहत की उम्मीद है।

FAQ

1.सूरतगढ़ में विंग कमांडर के साथ साइबर ठगी कैसे हुई?
विंग कमांडर ने एक फर्जी ट्रेडिंग ऐप इंस्टॉल किया, जिसके जरिए ठगों ने उन्हें लाखों रुपए ट्रांसफर करवाए। बाद में उन्होंने अतिरिक्त राशि की मांग की, जिससे ठगी का शक हुआ।
2.साइबर पुलिस ने इस मामले में क्या कार्रवाई की?
साइबर पुलिस ने 7 लाख रुपए होल्ड कराए और अन्य खातों की जानकारी मांगी। इस मामले की जांच अब भी जारी है, और पुलिस सक्रिय रूप से कार्रवाई कर रही है।
3. साइबर ठगी से बचने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए?
लोग सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध ऐप या लिंक से बचें। अगर कोई संदेह हो तो तुरंत साइबर सेल या पुलिस से शिकायत करें और अपनी जानकारी को सुरक्षित रखें।

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