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Photograph: (The Sootr)
दक्षिण राजस्थान के पिछड़े जनजातीय अंचल के तीन जिलों बांसवाड़ा, डूंगरपुर और प्रतापगढ़ में जनजाति के बच्चों में शिक्षा की अलख जगाने के लिए स्थापित गोविन्द गुरु ट्राइबल यूनिवर्सिटी (Govind Guru Tribal University, GGTU) खुद अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही है। इस यूनिवर्सिटी की स्थापना को 13 वर्ष हो चुके हैं लेकिन, इस अवधि में विश्वविद्यालय ने स्थायी स्टाफ की नियुक्ति तक नहीं की है। रजिस्ट्रार से लेकर अकादमिक व शैक्षणिक पदों पर सभी संविदा (contractual) या अस्थायी कर्मी ही कार्य कर रहे हैं।
जीजीटीयू में अब तक नहीं बने विभाग, भवन भी अधूरा
यूनिवर्सिटी में अभी तक कोई विभाग भी गठित नहीं हो पाया है। इसके साथ ही विश्वविद्यालय परिसर का निर्माण भी अधूरा है। जो स्थिति बनी है, उसके कारण पढ़ाई तथा परीक्षा गुणवत्ता पर बुरा असर पड़ा है। यहां तक कि राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC) से एक्रेडिटेशन की प्रक्रिया भी शुरू नहीं हो सकी है।
166 राजकीय एवं निजी कॉलेज संभालता है जीजीटीयू
यूनिवर्सिटी के एकमात्र स्वीकृत स्थायी कुलसचिव का पद भी खाली है। अतिरिक्त जिला कलक्टर को अस्थायी तौर पर अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है। यूनिवर्सिटी के अधीन बांसवाड़ा, डूंगरपुर और प्रतापगढ़ जिलों के 166 राजकीय एवं निजी महाविद्यालय आते हैं। इन कॉलेजों में कुल मिलाकर लगभग सवा लाख (1,25,000) छात्र अध्ययनरत हैं।
जीजीटीयू में सभी पद रिक्त
शिक्षा व्यवस्था की मजबूती के लिए स्थायी स्टाफ अत्यंत आवश्यक होता है। हालांकि, गोविन्द गुरु ट्राइबल यूनिवर्सिटी में स्थायी पद स्वीकृत जरूर हैं, परंतु वे खाली पड़े हैं। कुछ प्रमुख गैर-शैक्षणिक और शैक्षणिक पदों की स्थिति इस प्रकार है।
पदनाम (Post) | स्वीकृत पद (Sanctioned) | भरे पद (Filled) |
---|---|---|
परीक्षा नियंत्रक (Exam Controller) | 1 | 0 |
उपकुलसचिव (Deputy Registrar) | 1 | 0 |
सहायक कुलसचिव (Assistant Registrar) | 1 | 0 |
स्टेनोग्राफर (Stenographer) | 1 | 0 |
विधि सहायक (Legal Assistant) | 1 | 0 |
पुस्तकालयाध्यक्ष (Librarian) | 1 | 0 |
कनिष्ठ लिपिक (Junior Clerk) | 1 | 0 |
वाहन चालक (Driver) | 1 | 0 |
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी (Grade IV Staff) | 1 | 0 |
शैक्षणिक पदों पर भी स्थिति कुछ अलग नहीं
पदनाम (Academic Post) | स्वीकृत पद (Sanctioned) | भरे पद (Filled) |
---|---|---|
प्रोफेसर (Professor) | 5 | 0 |
एसोसिएट प्रोफेसर (Associate Professor) | 10 | 0 |
सहायक प्रोफेसर (Assistant Professor) | 15 | 0 |
जीजीटीयू का नैक एक्रिडिटेशन भी नहीं
स्थायी स्टाफ न होने के कारण जीजीटीयू की प्रशासनिक और अकादमिक कार्यक्षमता प्रभावित होती है। नैक एक्रेडिटेशन के अभाव में विश्वविद्यालय की मान्यता और गुणवत्ता पर संदेह उत्पन्न होता है। इसके साथ ही यूजीसी से मिलने वाले वित्तीय अनुदान भी रुक गए हैं, जिससे विकास कार्य ठप हो गए हैं।
नैक एक्रिडिटेशन क्या है?नैक एक्रिडिटेशन (NAAC Accreditation) का मतलब राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (National Assessment and Accreditation Council) द्वारा उच्च शिक्षा संस्थानों (जैसे कॉलेज और विश्वविद्यालय) का मूल्यांकन और मान्यता प्राप्त करना है। यह एक प्रक्रिया है जिसका उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करना और संस्थानों को बेहतर बनाने के लिए प्रोत्साहित करना है। NAAC एक स्वायत्त संस्था है जो भारत सरकार के विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा स्थापित की गई है। | |
सवा लाख विद्यार्थी हैं जीजीटीयू में
गोविन्द गुरु ट्राइबल यूनिवर्सिटी के अधीन 166 कॉलेज हैं, जहाँ छात्र संख्या लगभग 1.25 लाख है। इन कॉलेजों की बेहतर व्यवस्थाओं और शिक्षा की गुणवत्ता के लिए विश्वविद्यालय की मजबूत आंतरिक संरचना व संसाधन आवश्यक हैं। अभी विश्वविद्यालय की ही स्थिति कमजोर होने से इन कॉलेजों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
भारत में जनजातीय शिक्षा के सामने क्या चुनौतियां हैं?भारत में जनजातीय शिक्षा की मुख्य समस्याएं अनेक हैं, जो आर्थिक, सामाजिक, भाषाई, प्रशासनिक और बुनियादी ढांचे से जुड़ी हैं। इन समस्याओं के कारण जनजातीय क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण और समावेशी शिक्षा की उपलब्धता बाधित होती है। प्रमुख समस्याएं निम्नलिखित हैं:
| |
गोविन्द गुरु ट्राइबल यूनिवर्सिटी की मुख्य चुनौतियां
चुनौतियां | विवरण |
---|---|
स्थायी स्टाफ का अभाव | सभी महत्वपूर्ण पद खाली, संविदा कर्मचारियों पर निर्भरता |
ऐप्टेड विभागों का न बनना | विभाग गठन न होने से शैक्षणिक प्रबंधन में समस्या |
नैक एक्रेडिटेशन का अभाव | गुणवत्ता प्रमाणीकरण अधूरा, विश्वविद्यालय की छवि प्रभावित |
यूजीसी फंडिंग बंद | अनुदान बंद, विकास कार्य रुकावट में |
अविकसित परिसर | सुविधाओं का अभाव, स्थायी भवन का निर्माण अधूरा |
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दक्षिण राजस्थान में उच्च शिक्षा की स्थिति | गोविन्द गुरु ट्राइबल यूनिवर्सिटी का NAAC एक्रेडिटेशन क्यों नहीं हुआ | राजस्थान के जनजातीय विश्वविद्यालय की समस्याएं | प्रेमचंद बैरवा | राजस्थान न्यूज | राजस्थान न्यूज अपडेट | राजस्थान न्यूज हिंदी