दिल का दौरा : सोमवार को रहें जरा संभलकर, जयपुर समिट में सामने आए ये चौंकाने वाले आंकड़े

सोमवार को दिल के दौरे का खतरा अधिक होता है। जयपुर हार्ट रिदम समिट में इस पर चर्चा की गई। The Sootr में जानिए, इस बढ़ोतरी के कारण और इलाज के नए तरीके।

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Nitin Kumar Bhal
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Photograph: (The Sootr)

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दिल का दौरा (Heart Attack) का खतरा सोमवार को सप्ताह के बाकी दिनों की तुलना में ज्यादा होता है, यह जानकारी जयपुर हार्ट रिदम समिट-2025 में सामने आई। ब्रिटेन और आयरलैंड में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, सोमवार को गंभीर हार्ट अटैक के मामलों में औसतन 13% तक बढ़ोतरी पाई गई है। समिट में विशेषज्ञों ने बताया कि यह बढ़ोतरी सप्ताहांत के आराम के बाद अचानक कार्यभार में वृद्धि, तनाव (Stress) और शरीर की सर्केडियन रिदम (Circadian Rhythm) में बदलाव के कारण होती है।

इस समिट में दिल से जुड़ी बीमारियों पर कई शोध और उपचार के नए तरीके प्रस्तुत किए गए। विशेषज्ञों ने बताया कि दिल के दौरे का खतरा सोमवार को क्यों बढ़ता है का कारण शरीर में हार्मोनल परिवर्तन और मानसिक दबाव है। दिल की बीमारियों का इलाज समय पर कराना बेहद आवश्यक है।

क्यों बढ़ता है सोमवार को दिल का खतरा?

सोमवार को दिल के दौरे का खतरा अन्य दिनों के मुकाबले अधिक होता है, इसका मुख्य कारण शरीर की सर्केडियन रिदम (Circadian Rhythm) में बदलाव, तनाव (Stress) और अचानक बढ़े हुए काम का बोझ है। सप्ताहांत में आराम करने के बाद जब कार्यभार अचानक बढ़ता है, तो शरीर पर दबाव बढ़ता है, जिससे दिल पर अतिरिक्त तनाव पड़ता है।

इसके अलावा, सोमवार की सुबह के समय में नींद की कमी और मानसिक दबाव (Mental Stress) भी दिल की सेहत पर असर डालते हैं। यह सभी कारक मिलकर दिल के दौरे (Heart Attack) की संभावना को बढ़ा देते हैं।

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Photograph: (The Sootr)

सोमवार को ज्यादा कार्डियक ओपीडी केस क्यों होते हैं?

जयपुर में एसएमएस अस्पताल में सोमवार को कार्डियक ओपीडी (Cardiac OPD) के केस सबसे अधिक होते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस दिन अधिक संख्या में लोग दिल की समस्याओं के लिए अस्पताल आते हैं, क्योंकि सप्ताहांत के बाद काम के दबाव में दिल की समस्याएं बढ़ जाती हैं। हालांकि, इसका एक और कारण रविवार को खराब खानपान और अधिक शारीरिक परिश्रम भी हो सकता है, जो सोमवार को दिल पर अतिरिक्त दबाव डालता है।

कार्डियक डिसऑर्डर पर जयपुर समिट में विशेषज्ञों की चर्चा

जयपुर हार्ट रिदम समिट में विशेषज्ञों ने कार्डियक डिसऑर्डर (Cardiac Disorders) पर विस्तार से चर्चा की। डॉ. विवेक माथुर ने बताया कि आईसीयू में भर्ती करीब 15-20% मरीज अनियंत्रित धड़कन (Arrhythmia) से पीड़ित होते हैं। इनमें से एट्रियल फिब्रिलेशन (Atrial Fibrillation) और वेंट्रिकुलर टेकीकार्डिया (Ventricular Tachycardia) सबसे आम हैं, जो मृत्यु दर को बढ़ाते हैं।

अब इन रोगियों के लिए इलाज के नए तरीके अपनाए जा रहे हैं। क्रायो एब्लेशन (Cryo Ablation) तकनीक का उपयोग इन रोगियों के इलाज में किया जा रहा है, जिससे दिल की धड़कनों को नियंत्रित किया जा सकता है और मरीज को दिल के दौरे के जोखिम से बचाया जा सकता है।

अरिदमिया क्या है 

  • अरिदमिया (अतालता) एक ऐसी बीमारी है जिसमें हृदय की धड़कन की गति या लय असामान्य हो जाती है।

  • इसमें दिल बहुत तेज, बहुत धीमा, या अनियमित रूप से धड़क सकता है।

  • यह समस्या हृदय की विद्युत आवेगों (electrical impulses) में खराबी के कारण होती है, जिससे दिल रक्त पंप करने में सक्षम नहीं होता।

अरिदमिया के लक्षण

  • घबराहट या दिल का बहुत तेज़ी से धड़कना महसूस होना।

  • धीमी गति से धड़कन (ब्रैडीकार्डिया)।

  • तेज़ गति से धड़कन (टैकीकार्डिया)।

  • हृदय की अनियमित धड़कन, जिसमें दिल का धड़कना रुकता हुआ महसूस होता है।

  • सांस लेने में कठिनाई।

  • कमजोरी या चक्कर आना।

  • सीने में दर्द या असहजता।

अरिदमिया के कारण

  • हृदय की विद्युत प्रणाली में खराबी।

  • जन्मजात हृदय रोग।

  • उच्च रक्तचाप और उच्च कोलेस्ट्रॉल।

  • थायरॉइड की समस्याएँ।

  • कैफीन, शराब और कुछ दवाओं का अधिक सेवन।

  • तनाव और मानसिक दबाव।

  • मोटापा और अनहेल्दी लाइफस्टाइल।

कब डॉक्टर से संपर्क करें

  • अगर आपको अपनी दिल की धड़कन असामान्य लगे, जैसे कि वह बहुत तेज़, बहुत धीमी या अनियमित हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

अरिदमिया से बचाव और रोकथाम

  • नियमित व्यायाम करें ताकि हृदय स्वस्थ रहे।

  • धूम्रपान से बचें, क्योंकि यह हृदय और रक्तवाहिनियों पर बुरा प्रभाव डालता है।

  • स्वस्थ आहार लें, जिसमें फाइबर, फल और सब्जियाँ शामिल हों।

  • कैफीन और शराब का सेवन सीमित करें, क्योंकि ये हृदय की धड़कन को प्रभावित कर सकते हैं।

  • तनाव का प्रबंधन करें, जैसे योग, ध्यान और गहरी साँस लेना।

  • स्वस्थ वजन बनाए रखें, क्योंकि अधिक वजन हृदय पर दबाव डाल सकता है।

मानसिक दबाव का दिल पर गहरा असर

डॉ. पिंटू नाहटा ने बताया कि मानसिक दबाव (Mental Stress) दिल पर गहरा असर डालता है। जरूरी नहीं कि जो व्यक्ति दिखने में फिट हो, उसके दिल में कोई समस्या न हो। फिट दिखने वाले एथलीट्स (Athletes) को भी दिल से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए, विशेषज्ञों का सुझाव है कि एथलीट्स और फिटनेस प्रेमियों को हर साल कम से कम दो बार ईसीजी (ECG) और इकोकार्डियोग्राफी (Echocardiography) करवानी चाहिए, ताकि अचानक कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest) की संभावना को रोका जा सके। दिल के दौरे के लक्षण दिखते ही तुरंत चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।

दिल के दौरे के खतरे को कम करने के उपाय

1. मानसिक दबाव को नियंत्रित करें (Control Mental Stress)

दिल के दौरे (Heart Attack) से बचने के लिए मानसिक दबाव को नियंत्रित करना बहुत जरूरी है। योग (Yoga), मेडिटेशन (Meditation) और गहरी सांस लेने की तकनीकें (Breathing Techniques) मानसिक तनाव को कम करने में मदद करती हैं।

2. नियमित स्वास्थ्य जांच करवाएं (Regular Health Checkups)

जो लोग फिटनेस के प्रति जागरूक हैं, उन्हें नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच करानी चाहिए। इससे दिल की समस्याओं का जल्दी पता चल सकता है और इलाज शुरू किया जा सकता है।

3. सही खानपान अपनाएं (Follow a Healthy Diet)

स्वस्थ आहार (Healthy Diet) और सही जीवनशैली (Lifestyle) का पालन करना दिल की सेहत के लिए महत्वपूर्ण है। खाने में फल, सब्जियां, ओमेगा-3 फैटी एसिड्स, और कम वसा वाले खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए।

4. शारीरिक गतिविधियों में बढ़ोतरी करें (Increase Physical Activity)

शारीरिक गतिविधियों में बढ़ोतरी (Increase Physical Activity) करने से दिल स्वस्थ रहता है। रोजाना 30 मिनट की हल्की-फुल्की एक्सरसाइज दिल की सेहत के लिए फायदेमंद होती है।

FAQ

1. सोमवार को दिल के दौरे का खतरा क्यों अधिक होता है?
सोमवार को दिल के दौरे का खतरा अधिक होता है क्योंकि सप्ताहांत में आराम करने के बाद अचानक कार्यभार में वृद्धि, तनाव और शरीर की सर्केडियन रिदम में बदलाव होते हैं।
2. दिल के दौरे के लिए कौन-कौन से कारक जिम्मेदार होते हैं?
दिल के दौरे के प्रमुख कारकों में मानसिक दबाव (Mental Stress), अस्वस्थ आहार, शारीरिक गतिविधियों की कमी, और अनियंत्रित धड़कन (Arrhythmia) शामिल हैं।
3. क्या दिल की समस्याओं को रोका जा सकता है?
दिल की समस्याओं को सही खानपान, नियमित एक्सरसाइज, मानसिक तनाव को नियंत्रित करने, और समय-समय पर स्वास्थ्य जांच करके रोका जा सकता है।
4. क्या एथलीट्स को भी दिल की समस्याएं हो सकती हैं?
हां, एथलीट्स को भी दिल की समस्याएं हो सकती हैं, इसलिए उन्हें नियमित रूप से ईसीजी और इकोकार्डियोग्राफी करानी चाहिए।
5. क्या क्रायो एब्लेशन तकनीक प्रभावी है?
क्रायो एब्लेशन तकनीक (Cryo Ablation) प्रभावी है और इसका उपयोग अनियंत्रित धड़कन (Arrhythmia) के इलाज में किया जा रहा है, जिससे दिल के दौरे का खतरा कम होता है।

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