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Jaipur. राजस्थान में जयपुर के डीसीपी वेस्ट हनुमान प्रसाद मीणा ने एक महत्वपूर्ण क्राइम मीटिंग की, जिसमें उन्होंने सभी एसीपी (एडिशनल पुलिस कमिश्नर), थानों के सीआई (सर्कल इंस्पेक्टर), और अपराध सहायक अधिकारियों को बुलाया। मीटिंग के दौरान, अधिकारियों से परफॉरमेंस और स्पेशल एक्ट पर प्रभावी कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया गया।
त्योहारों के दौरान बनी रहे कानून-व्यवस्था
यह मीटिंग खासकर आगामी त्योहारों के दौरान क्राइम कंट्रोल पर विशेष फोकस रखने की बात पर आधारित थी। डीसीपी ने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि सभी कार्य सही समय पर और पूरी तत्परता से किए जाएं, ताकि त्योहारों के दौरान कानून-व्यवस्था में कोई व्यवधान न आए।
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अपराध नियंत्रण की दिशा में कदम
डीसीपी ने मीटिंग के दौरान 2023, 2024 और 2025 के अपराधों की तुलनात्मक स्थिति पर चर्चा की। उन्होंने पेंडेंसी (अभी तक हल न हुए मामलों) को समय पर निपटाने की आवश्यकता पर जोर दिया। जयपुर पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वे अपनी प्रगति की रिपोर्ट समय-समय पर जमा करें, ताकि अधिकारियों की कार्यप्रणाली की समीक्षा की जा सके और आगे की रणनीतियों को तय किया जा सके।
साथ ही, पुलिस प्रशासन से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी चर्चा की गई। डीसीपी ने विशेष रूप से त्योहारों के दौरान सांयकालीन पैदल गश्त, रात्रिकालीन गश्त और नाकाबंदी पर ध्यान देने की आवश्यकता जताई।
सांस्कृतिक आयोजनों में सुरक्षा
जैसा कि जयपुर में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम और त्योहार जल्द ही होने वाले हैं, डीसीपी वेस्ट ने त्योहारों के दौरान शांति समिति, सीएलजी (कम्युनिटी लिडरशिप ग्रुप) सदस्यों, सुरक्षा सखियों और पुलिस मित्रों के साथ निरंतर संवाद बनाए रखने की बात कही। इस दौरान, स्थानीय स्तर पर शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए सभी विभागों को मिलकर काम करने का निर्देश दिया गया।
आवश्यकता पड़ने पर, पुलिस अधिकारियों को नए आपराधिक कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए भी आवश्यक विचार-विमर्श करने को कहा गया। पुलिस का मुख्य उद्देश्य त्योहारों के दौरान सामान्य जनता के बीच सुरक्षा और शांति बनाए रखना है।
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महिला अत्याचार और रेप मामलों में त्वरित कार्रवाई
डीसीपी वेस्ट ने विशेष रूप से महिला अत्याचार और रेप मामलों में त्वरित कार्रवाई पर जोर दिया। उन्होंने निर्देश दिए कि राज्य सरकार द्वारा निर्धारित गाइडलाइंस के अनुसार महिला अत्याचार से संबंधित पेंडिंग मामलों का समय पर निस्तारण किया जाए। इसके अलावा, सीआई (सर्कल इंस्पेक्टर) को अपने सर्किल के मालखाना के पेंडिंग माल का निस्तारण करवाने के लिए भी निर्देश दिए गए।
डीसीपी मीणा ने कहा कि सभी सीआई और एसीपी को एससीआरबी (राजस्थान पुलिस का स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो) द्वारा दिए गए आदेशों की पालन करते हुए सीसीटीएनएस (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम) पर 100% कार्य करने का निर्देश दिया।
नई तकनीकी पहलइसके अलावा, डीसीपी ने सीईआईआर (सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिफिकेशन रेजिस्टर) पोर्टल पर मोबाइल गुमशुदगी की रिपोर्ट अपडेट करने और मोबाइल रिकवरी करने के निर्देश भी दिए। यह कदम मोबाइल चोरी से संबंधित मामलों की सही जांच और उनकी समय पर वसूली के लिए लिया गया है। डीसीपी ने स्पष्ट किया कि अपराधों को समय पर निपटाना, खासकर रेप, पॉक्सो (प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस) और एससी/एसटी से संबंधित पेंडिंग मामलों में तुरंत कार्रवाई आवश्यक है। | |
पुलिस मुख्यालय के अभियानों पर ध्यान
डीसीपी वेस्ट ने पुलिस मुख्यालय द्वारा चलाए जा रहे अभियानों की सफलता पर भी ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे इन अभियानों को और अधिक प्रभावी बनाएं, ताकि अपराधों को नियंत्रित किया जा सके और समाज में सुरक्षा की भावना बनी रहे।
इसके साथ ही, जिला स्पेशल टीम को जयपुर पश्चिम क्षेत्र के वांछित अपराधियों, इनामी बदमाशों और स्पेशल एक्ट के तहत अधिकतम कार्यवाही करने का निर्देश दिया गया। पुलिस अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया कि सभी क्रिमिनल एक्टिविटी पर कड़ी नजर रखी जाए और कोई भी अपराधी बच न सके। राजस्थान पुलिस सभी क्षेत्रों में चौकसी बनाए हुए है।