राजस्थान के 18 IAS-IPS बने चुनाव पर्यवेक्षक, बिहार चुनाव में निभाएंगे महत्वपूर्ण भूमिका

चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव और अन्य राज्यों के उपचुनाव के लिए 425 केंद्रीय पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है। इनमें राजस्थान से 18 अधिकारी शामिल हैं।

author-image
Nitin Kumar Bhal
New Update
bihar-assembly-elections-ias-ips-observers

Photograph: (TheSootr)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

बिहार विधानसभा चुनाव और कुछ अन्य राज्यों में होने वाले उपचुनाव को देखते हुए चुनाव आयोग ने केंद्रीय पर्यवेक्षकों (Observers) की नियुक्ति की है। चुनाव आयोग ने यह फैसला लिया है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के अधिकारियों को इन चुनावों में पर्यवेक्षक के रूप में लगाया जाएगा। इस नियुक्ति के तहत राजस्थान से कुल 18 अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है।

यह खबर भी देखें...

कफ सिरप विवाद : राजस्थान में बच्चों की मौत के बाद जागी सरकार, कायसन फार्मा की दवाओं पर रोक

bihar-assembly-elections-ias-ips-observers-from-rajasthan
Photograph: (TheSootr)

केंद्रीय पर्यवेक्षकों का नियुक्ति का उद्देश्य

चुनाव आयोग का मुख्य उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाए रखना है। इन पर्यवेक्षकों को विशेष रूप से चुनावी कानूनों, नियमों और दिशा-निर्देशों का पालन करने की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा, इन अधिकारियों को मतदाताओं के लिए चुनावी प्रक्रिया को सहज और सुलभ बनाने के लिए विभिन्न उपायों को लागू करने का काम सौंपा गया है।

यह खबर भी देखें...

राजस्थान के पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी का निधन, दो साल से कोमा में थे

राजस्थान से चुनाव पर्यवेक्षकों की नियुक्ति

इस बार राजस्थान से कुल 18 अधिकारी पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किए गए हैं। इनमें से 15 आईएएस (IAS) अधिकारी और 3 आईपीएस (IPS) अधिकारी शामिल हैं। आयोग ने इन अधिकारियों से उम्मीद की है कि वे चुनाव प्रक्रिया की पूरी निगरानी करेंगे और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या नियमों के उल्लंघन की स्थिति में कार्रवाई करेंगे।

यह खबर भी देखें...

राजस्थान मौसम अपडेट : आज 18 जिलों में बारिश का अलर्ट, 7 अक्टूबर तक पानी ही पानी

bihar-assembly-elections-ias-ips-observers-from-rajasthan
Photograph: (TheSootr)

राजस्थान से नियुक्त 15 आईएएस अधिकारियों की सूची

  1. IAS देबाशीष प्रुस्ती

  2. IAS मंजू राजपाल

  3. IAS अम्बरीश कुमार

  4. IAS आरुषि ए. मलिक

  5. IAS जोगाराम

  6. IAS रोहित गुप्ता

  7. IAS शुचि त्यागी

  8. IAS अर्चना सिंह

  9. IAS राजन विशाल

  10. IAS मनीषा अरोड़ा

  11. IAS एम.एल. चौहान

  12. IAS पुष्पा सत्यानी

  13. IAS रश्मि शर्मा

  14. IAS आशीष मोदी

  15. IAS बचनेश कुमार अग्रवाल

राजस्थान से नियुक्त 3 आईपीएस अधिकारियों की सूची

  1. IPS राघवेन्द्र सुहासा

  2. IPS शरद कविराज

  3. IPS अजयपाल लांबा

केंद्रीय पर्यवेक्षकों की जिम्मेदारियाँ

चुनाव आयोग ने इन पर्यवेक्षकों को मतदाताओं की सुविधा और मतदान केंद्रों पर किए गए चुनावी इंतजामों की निगरानी का जिम्मा सौंपा है। इसके अलावा, इन अधिकारियों को मतदान केंद्रों का दौरा करने, मतदान प्रक्रिया की निगरानी करने और किसी भी गड़बड़ी की स्थिति में तुरंत रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया है।

इन पर्यवेक्षकों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि वे चुनावी कानूनों और नियमों को ध्यान से पढ़ें और इनका सही तरीके से अनुपालन सुनिश्चित करें। साथ ही, क्षेत्रीय अधिकारियों से जानकारी प्राप्त करने और चुनावी प्रक्रिया के निष्पक्ष संचालन के लिए आवश्यक कदम उठाने की जिम्मेदारी भी इन्हें दी गई है।

यह खबर भी देखें...

RSS के कार्यक्रम में हिंसा मामले में NSUI के प्रदेश अध्यक्ष समेत 9 की जमानत याचिका खारिज

bihar-assembly-elections-ias-ips-observers-from-rajasthan
Photograph: (TheSootr)

यह खबर भी देखें...

राजस्थान में राजनीतिक रसूख बढ़ा रहे बिजली चोरी, बेढम-खींवसर-पायलट-शेखावत-मेघवाल के गढ़ में जम्पर की भरमार

चुनाव आयोग पर्यवेक्षक कौन होता है?

  • पर्यवेक्षकों का चयन

    • पर्यवेक्षकों का चयन विभिन्न केंद्रीय सेवाओं से किया जाता है, जैसे- भारतीय राजस्व सेवा, भारतीय प्रशासनिक सेवा और भारतीय पुलिस सेवा।

    • ये पर्यवेक्षक चुनाव प्रक्रिया के समापन तक निर्वाचन आयोग के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते हैं।

  • नियुक्ति

    • अगस्त 1996 में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 में धारा 20B जोड़ी गई, जो पर्यवेक्षकों को चुनाव संचालन, खासकर वोटों की गिनती में वैधानिक शक्तियाँ प्रदान करती है।

    • निर्वाचन आयोग को जन-प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 20B और भारत के संविधान के तहत समस्त शक्तियाँ प्राप्त हैं।

  • कार्य और जिम्मेदारी

    • पर्यवेक्षक चुनाव प्रक्रिया के स्वतंत्र और निष्पक्ष संचालन में आयोग की सहायता करते हैं।

    • ये पर्यवेक्षक अपने क्षेत्र में चुनावी प्रक्रिया के कुशल और प्रभावी प्रबंधन की देखरेख करते हैं।

    • चुनाव अवधि के दौरान, ये पर्यवेक्षक आयोग की आँख और कान के रूप में कार्य करते हैं और चुनाव मशीनरी, उम्मीदवारों, राजनीतिक दलों, तथा निर्वाचकों के संबंध में आयोग को सूचनाएँ प्रदान करते हैं।

    • इस प्रक्रिया से यह सुनिश्चित होता है कि मतदान के समय चुनाव से संबंधित नियमों, प्रक्रियाओं और निर्देशों का निष्पक्ष रूप से पालन हो।

  • भारत निर्वाचन आयोग

    • निर्वाचन आयोग भारत का एक स्वायत्त संवैधानिक प्राधिकरण है, जो संघ और राज्य चुनावों के संचालन के लिए जिम्मेदार है।

    • आयोग लोकसभा, राज्यसभा, राज्य विधानसभाओं और राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति के चुनाव आयोजित करता है।

  • जन-प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951

    • निर्वाचन आयोग का पर्यवेक्षक, जो सरकार का अधिकारी होता है, किसी निर्वाचन क्षेत्र या निर्वाचन क्षेत्रों के समूह में चुनावों की निगरानी करता है।

    • पर्यवेक्षक को निर्वाचन आयोग द्वारा सौंपे गए कृत्यों का पालन करना होता है।

यह खबर भी देखें...

105 साल की आयु में राजस्थान विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष गिर्राज प्रसाद तिवारी का निधन, सीएम-पूर्व सीएम ने जताई संवेदना

पर्यवेक्षकों का कार्य और उनका महत्व

पर्यवेक्षकों की भूमिका चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने में अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। इन अधिकारियों की निगरानी से यह सुनिश्चित किया जाता है कि चुनावी प्रक्रिया में कोई भी धोखाधड़ी या धांधली न हो। इसके अलावा, ये अधिकारी मतदान केंद्रों पर मतदान के दौरान उत्पन्न होने वाली किसी भी समस्या का समाधान करने में मदद करते हैं और चुनावी नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई करते हैं।

चुनाव आयोग की तैयारी और फोकस

चुनाव आयोग का मुख्य उद्देश्य हर चुनाव को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाना है, ताकि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सही तरीके से लागू किया जा सके। इस बार आयोग ने विभिन्न स्तरों पर चुनावों के संचालन के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं। चुनाव पर्यवेक्षक के अलावा, आयोग ने इस बार और भी कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं, ताकि चुनाव में अधिकतम पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

यह खबर भी देखें...

राजस्थान में इलाज के नाम पर चुरा ली बच्चे की आंखें, अंतिम संस्कार के वक्त चला पता

निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान क्या कदम उठाए जाएंगे?

चुनावों के दौरान आयोग द्वारा उठाए गए कदमों में से कुछ मुख्य कदमों में से एक है पोलिंग बूथों का निरीक्षण। आयोग द्वारा नियुक्त किए गए पर्यवेक्षक मतदान केंद्रों पर जाएंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि मतदान प्रक्रिया पूरी तरह से निष्पक्ष और पारदर्शी हो। इसके अलावा, मतदाताओं के लिए चुनावी प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए भी कई कदम उठाए जाएंगे।

विशेष ध्यान देने योग्य बातें

  • मतदान केंद्रों पर सुरक्षा का कड़ा प्रबंध किया जाएगा।

  • मतदाताओं को उनकी सुविधाओं के अनुसार मतदान करने में कोई दिक्कत नहीं होगी।

  • चुनावी प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी होने पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।

FAQ

1. चुनाव आयोग ने पर्यवेक्षकों को कौन-कौन से निर्देश दिए हैं?
चुनाव आयोग ने पर्यवेक्षकों को चुनावी कानूनों, नियमों और दिशा-निर्देशों का पालन करने, मतदान केंद्रों का निरीक्षण करने और चुनावी प्रक्रिया की निगरानी करने के निर्देश दिए हैं।
2. राजस्थान से कितने अधिकारी पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किए गए हैं?
राजस्थान से कुल 18 अधिकारी पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किए गए हैं, जिनमें 15 आईएएस और 3 आईपीएस अधिकारी शामिल हैं।
3. चुनावी प्रक्रिया में पर्यवेक्षकों का मुख्य कार्य क्या होता है?
पर्यवेक्षकों का मुख्य कार्य चुनावी प्रक्रिया की निगरानी करना, मतदान केंद्रों का दौरा करना और चुनावी नियमों का पालन सुनिश्चित करना है।
4. पर्यवेक्षकों को क्या जिम्मेदारियाँ दी गई हैं?
पर्यवेक्षकों को मतदान केंद्रों की जांच, मतदाताओं की सुविधा और चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता की निगरानी करने की जिम्मेदारी दी गई है।
5. चुनाव आयोग ने किस प्रकार के सुरक्षा उपायों का पालन करने के निर्देश दिए हैं?
चुनाव आयोग ने सुरक्षा के कड़े उपायों का पालन करने के निर्देश दिए हैं, ताकि चुनावी प्रक्रिया में किसी प्रकार की गड़बड़ी या धांधली न हो।

चुनाव पर्यवेक्षक चुनाव आयोग भारत निर्वाचन आयोग राजस्थान से चुनाव पर्यवेक्षकों की नियुक्ति बिहार विधानसभा चुनाव
Advertisment