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Photograph: (TheSootr)
राजस्थान सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए कायसन फार्मा (https://kaysonspharma.com) कंपनी की सभी 19 प्रकार की दवाइयों पर रोक लगा दी है। इस निर्णय का कारण बच्चों में खांसी की सिरप (Cough Syrup) के सेवन से होने वाली बीमारियों और कुछ मामलों में मौतों की घटनाएँ हैं। इस निर्णय ने राज्य में स्वास्थ्य सुरक्षा के मुद्दे को प्रमुख बना दिया है। इसके साथ ही सरकार ने इस संबंध में एडवाइजरी जारी की है, जिसमें निर्देश दिए गए हैं कि ये सिरप 2 साल या उससे छोटे बच्चों को नहीं दी जानी चाहिए।
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कायसन फार्मा का उत्पादन और दवाइयों की सूची
कायसन फार्मा (Kaysons Pharma) जयपुर स्थित एक कंपनी है, जो खांसी की सिरप के साथ-साथ अन्य दवाइयों का उत्पादन करती है। इनमें फॉलिक एसीड ऑरल सिरप (Folic Acid Oral Syrup), एजिस्पर-500 (Egisper-500), मैकलिनॉस (Maclinos), लैक्टिक एसिड बेसिलस टैबलेट (Lactic Acid Bacillus Tablets), और ग्लोअप-एसएफ (Glowup-SF) जैसी दवाइयाँ शामिल हैं। यह कंपनी राजस्थान राज्य के मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना (Chief Minister Free Medicine Scheme) के तहत भी दवाइयाँ सप्लाई करती है। हालांकि, अब इन दवाइयों पर प्रतिबंध लगने के बाद, सरकार ने सभी संबंधित विभागों को इन दवाइयों के वितरण पर निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं।
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खांसी सिरप के सेवन से होने वाली बीमारियाँ और मौतें
खांसी की सिरप (Cough Syrup) के सेवन से बच्चों में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ पैदा होने की घटनाएँ सामने आई हैं। इन सिरप के अत्यधिक सेवन से बच्चों के शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है और कुछ मामलों में तो मौतें भी हुई हैं। ऐसे में यह आवश्यक हो गया कि सरकार इस पर कठोर कदम उठाए।
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साथ ही, हेल्थ डिपार्टमेंट की प्रमुख शासन सचिव IAS गायत्री राठौड़ (Gayatri Rathore) ने भी इस संबंध में निर्देश दिए हैं कि ऐसी दवाइयाँ, जो बच्चों और गर्भवती महिलाओं (Pregnant Women) के लिए हानिकारक हो सकती हैं, उन पर स्पष्ट रूप से आवश्यक चेतावनी दी जाए और उस दवा के पैकेज पर वह जानकारी अंकित की जाए।
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सीओपीडी दवाइयों पर भी सरकार का निर्णय
राज्य सरकार ने क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) से संबंधित दवाइयों पर भी नियंत्रण करने का निर्णय लिया है। COPD एक गंभीर रोग है, जो श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है और इससे संबंधित दवाइयों की खरीदारी पर अब निगरानी रखी जाएगी। सरकार ने निर्देश दिए हैं कि सामान्य परिस्थितियों में खांसी के इलाज के लिए अब वैकल्पिक दवाइयों का इस्तेमाल किया जाएगा।
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कफ सिरप को लेकर केंद्र की एडवाइजरी को शॉर्ट में समझें
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कफ सिरप के नमूनों की जांच: कोई जहरीला रसायन नहीं मिला
स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि मध्य प्रदेश और राजस्थान में बच्चों की मौत से जुड़े कफ सिरप के नमूनों में किसी भी प्रकार के खतरनाक रसायन जैसे डाइएथिलीन ग्लाइकोल या एथिलीन ग्लाइकोल की उपस्थिति नहीं पाई गई। इन नमूनों की जांच एनसीडीसी (NCDC), एनआईवी (NIV), और सीडीएससीओ (CDSCO) जैसी विभिन्न एजेंसियों द्वारा की गई थी, और सभी ने यह पुष्टि की कि इन सिरपों में कोई विषाक्त पदार्थ नहीं था।
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राजस्थान स्वास्थ्य विभाग की एडवाइजरी
राजस्थान स्वास्थ्य विभाग (Rajasthan Health Department) ने अपनी एडवाइजरी (Advisory) में कहा कि ऐसे उत्पादों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी, जो बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इससे पहले, ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया (Drug Controller of India) ने भी इस तरह के उत्पादों के खिलाफ एडवाइजरी जारी की थी। गायत्री राठौड़ ने कहा, "हमने निर्देश दिए हैं कि उन दवाइयों पर जरूरी जानकारी अंकित की जाए, जो बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए हानिकारक हो सकती हैं।"
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दवाइयों पर रोक का प्रभाव
राज्य सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम से निश्चित रूप से राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार होगा। खासकर बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए अब सुरक्षित दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। इसके अलावा, इस कदम से अन्य कंपनियाँ भी अपनी दवाइयों की गुणवत्ता पर ध्यान देंगी और यह कदम राज्य में स्वास्थ्य सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
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