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Photograph: (TheSootr)
राजस्थान के जयपुर में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक 10 साल के बच्चे की मौत के बाद, परिजनों की अनुमति के बिना उसकी आंखें निकाल ली गईं। यह घटना न केवल कानूनी और नैतिक दृष्टिकोण से गंभीर है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाती है। इस मामले में सवाई मान सिंह अस्पताल (SMS Hospital) थाने में मानव अंग और ऊतक प्रत्यारोपण अधिनियम के तहत एफआईआर (FIR) दर्ज की गई है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
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बिना अनुमति बच्चे की आंखें निकालीं
यह घटना 6 अगस्त 2023 को राजौर गांव (Rajaur Village) में घटी, जब एक 10 साल का बच्चा, समर मीना (10), अपने दोस्तों के साथ खेलते हुए दुर्घटनाग्रस्त हो गया। निर्माणाधीन पानी की टंकी से एक लोहे की चद्दर गिरने के कारण समर के सिर में गंभीर चोट आई। उसे तत्काल बालघाट सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी हालत नाजुक होने पर उसे जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल (SMS Hospital) रेफर किया गया। लेकिन, इलाज से पहले ही रास्ते में बच्चे की मौत हो गई।
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बच्चे की आंखें निकालने का खुलासा
समर के पिता, किरोड़ी लाल मीना (Kirori Lal Meena), ने बताया कि उनकी मौत के बाद परिवार ने अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू कर दी थीं। इसी दौरान, उन्हें पता चला कि उनके बेटे की आंखें निकाल ली गई हैं। आरोप है कि मदनमोहन (Madan Mohan), जो कि परिवार के परिचित थे, ने धोखे से समर की आंखें निकालने का सौदा किया और इसे दान करने का झांसा दिया। जब पिता ने इस बारे में सवाल किया, तो मदनमोहन ने आश्वासन दिया कि उसने आंखों का दान कर दिया है।
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परिजनों का आरोप, बिना अनुमति बच्चे की आंखें निकालीं
समर के पिता का आरोप है कि मदनमोहन ने उन्हें धोखा दिया और समर की आंखें बेच दीं। उन्होंने यह भी कहा कि जब परिवार ने बच्चे के शव का अंतिम संस्कार करने से पहले आंखों के बिना शव को देखा, तो उन्हें इसका पता चला। इसके बाद, मदनमोहन ने बार-बार उन्हें आश्वासन दिया कि उसने समर की आंखों का दान कर दिया है। लेकिन जब परिवार ने इस मामले में कार्रवाई करने की धमकी दी, तो उसने मामले को हाईकोर्ट में ले जाने का दावा किया।
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सवाई मान सिंह अस्पताल थाना के ASI सुरजमल ने कहा कि परिवादी की शिकायत पर FIR दर्ज कर जांच की जा रही है। बयान दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। अभी तक जांच में आई डोनेट का सटिर्फिकेट भी परिजनों को दिया जाना सामने आया है।
कानूनी कार्रवाई: FIR दर्ज
समर की आंखों की चोरी का मामला मानव अंग और ऊतक प्रत्यारोपण अधिनियम (Human Organs and Tissues Transplantation Act) के तहत एफआईआर (FIR) के रूप में दर्ज किया गया। जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल थाने (SMS Hospital Police Station) में पुलिस ने इस गंभीर अपराध के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। ASI सुरजमल (ASI Surajmal) ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।
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मानव अंग और ऊतक प्रत्यारोपण अधिनियम क्या है?मानव अंग और ऊतक प्रत्यारोपण अधिनियम (THOTA), 1994 के मुख्य उद्देश्य और प्रावधान:
इस अधिनियम का उद्देश्य अंगों के वाणिज्यिक उपयोग को रोकते हुए, जरूरतमंदों को अंगों का उचित वितरण सुनिश्चित करना है। | |
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सामाजिक और नैतिक सवाल
यह घटना न केवल कानूनी दृष्टिकोण से गंभीर है, बल्कि यह समाज और स्वास्थ्य सेवाओं पर भी सवाल उठाती है। मानव अंगों का दान (Organ Donation) एक संवेदनशील मुद्दा है, और इसे बिना किसी सहमति के किया जाना पूरी तरह से गलत है। बच्चों के शव का दुरुपयोग (Misuse) करना न केवल एक अपराध है, बल्कि यह समाज की नैतिकता और मानवता को भी चोट पहुंचाता है।
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