राजस्थान में इलाज के नाम पर चुरा ली बच्चे की आंखें, अंतिम संस्कार के वक्त चला पता

राजस्थान के जयपुर में 10 साल के बच्चे की मौत के बाद बिना परिवार की अनुमति के उसकी आंखें निकाल ली गईं। एफआईआर दर्ज, पुलिस जांच में जुटी। पूरी जानकारी TheSootr में।

author-image
Nitin Kumar Bhal
New Update
rajasthan-child-eye-theft-case

Photograph: (TheSootr)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

राजस्थान के जयपुर में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक 10 साल के बच्चे की मौत के बाद, परिजनों की अनुमति के बिना उसकी आंखें निकाल ली गईं। यह घटना न केवल कानूनी और नैतिक दृष्टिकोण से गंभीर है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाती है। इस मामले में सवाई मान सिंह अस्पताल (SMS Hospital) थाने में मानव अंग और ऊतक प्रत्यारोपण अधिनियम के तहत एफआईआर (FIR) दर्ज की गई है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।

RSS के कार्यक्रम में हिंसा मामले में NSUI के प्रदेश अध्यक्ष समेत 9 की जमानत याचिका खारिज

rajasthan-child-eye-theft-case
समर मीना का फाइल फोटो। Photograph: (TheSootr)

बिना अनुमति बच्चे की आंखें निकालीं

यह घटना 6 अगस्त 2023 को राजौर गांव (Rajaur Village) में घटी, जब एक 10 साल का बच्चा, समर मीना (10), अपने दोस्तों के साथ खेलते हुए दुर्घटनाग्रस्त हो गया। निर्माणाधीन पानी की टंकी से एक लोहे की चद्दर गिरने के कारण समर के सिर में गंभीर चोट आई। उसे तत्काल बालघाट सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी हालत नाजुक होने पर उसे जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल (SMS Hospital) रेफर किया गया। लेकिन, इलाज से पहले ही रास्ते में बच्चे की मौत हो गई।

यह खबर भी देखें...

105 साल की आयु में राजस्थान विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष गिर्राज प्रसाद तिवारी का निधन, सीएम-पूर्व सीएम ने जताई संवेदना

बच्चे की आंखें निकालने का खुलासा

समर के पिता, किरोड़ी लाल मीना (Kirori Lal Meena), ने बताया कि उनकी मौत के बाद परिवार ने अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू कर दी थीं। इसी दौरान, उन्हें पता चला कि उनके बेटे की आंखें निकाल ली गई हैं। आरोप है कि मदनमोहन (Madan Mohan), जो कि परिवार के परिचित थे, ने धोखे से समर की आंखें निकालने का सौदा किया और इसे दान करने का झांसा दिया। जब पिता ने इस बारे में सवाल किया, तो मदनमोहन ने आश्वासन दिया कि उसने आंखों का दान कर दिया है।

यह खबर भी देखें...

राजस्थान में राजनीतिक रसूख बढ़ा रहे बिजली चोरी, बेढम-खींवसर-पायलट-शेखावत-मेघवाल के गढ़ में जम्पर की भरमार

परिजनों का आरोप, बिना अनुमति बच्चे की आंखें निकालीं

समर के पिता का आरोप है कि मदनमोहन ने उन्हें धोखा दिया और समर की आंखें बेच दीं। उन्होंने यह भी कहा कि जब परिवार ने बच्चे के शव का अंतिम संस्कार करने से पहले आंखों के बिना शव को देखा, तो उन्हें इसका पता चला। इसके बाद, मदनमोहन ने बार-बार उन्हें आश्वासन दिया कि उसने समर की आंखों का दान कर दिया है। लेकिन जब परिवार ने इस मामले में कार्रवाई करने की धमकी दी, तो उसने मामले को हाईकोर्ट में ले जाने का दावा किया।

यह खबर भी देखें...

बड़े उद्योगों के स्वागत को तैयार राजस्थान, भूखंड आरक्षित दर में किया यह अहम बदलाव

सवाई मान सिंह अस्पताल थाना के ASI सुरजमल ने कहा कि परिवादी की शिकायत पर FIR दर्ज कर जांच की जा रही है। बयान दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। अभी तक जांच में आई डोनेट का सटिर्फिकेट भी परिजनों को दिया जाना सामने आया है।

कानूनी कार्रवाई: FIR दर्ज

समर की आंखों की चोरी का मामला मानव अंग और ऊतक प्रत्यारोपण अधिनियम (Human Organs and Tissues Transplantation Act) के तहत एफआईआर (FIR) के रूप में दर्ज किया गया। जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल थाने (SMS Hospital Police Station) में पुलिस ने इस गंभीर अपराध के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। ASI सुरजमल (ASI Surajmal) ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।

यह खबर भी देखें...

राजस्थान में अब अभ्यर्थियों को मिलेगी परीक्षा केन्द्र की लोकेशन, कर्मचारी चयन बोर्ड की पहल

मानव अंग और ऊतक प्रत्यारोपण अधिनियम क्या है?

मानव अंग और ऊतक प्रत्यारोपण अधिनियम (THOTA), 1994 के मुख्य उद्देश्य और प्रावधान:

  1. नियामक ढाँचा स्थापित करना:
    यह अधिनियम मानव अंगों और ऊतकों को निकालने, भंडारण करने और प्रत्यारोपण की प्रक्रिया को कानूनी रूप से नियंत्रित करता है।

  2. वाणिज्यिक लेन-देन की रोकथाम:
    यह अधिनियम मानव अंगों की खरीद-बिक्री और गैर-कानूनी लेन-देन पर सख्त रोक लगाता है, ताकि अंगों का उपयोग जरूरतमंद रोगियों के इलाज के लिए सही तरीके से हो सके।

  3. दान को बढ़ावा देना:
    यह अधिनियम अंगों के दान को प्रोत्साहित करता है, ताकि मृत दाताओं के अंगों का उपयोग जीवन को बचाने या उसकी गुणवत्ता को सुधारने के लिए किया जा सके। 

  4. जीवित और मृत दाताओं से अंग प्राप्त करना:
    इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अंगों का उपयोग केवल उन लोगों के इलाज के लिए हो, जिन्हें अंग प्रत्यारोपण की सख्त जरूरत है, और यह सुनिश्चित करना कि नैतिक और कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया जाए।

  5. अधिनियम में संशोधन:
    इस अधिनियम को समय-समय पर संशोधित किया गया है, जैसे कि 2011 में हुए संशोधन ने इसके नियमों को और अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए बदलाव किए हैं।

इस अधिनियम का उद्देश्य अंगों के वाणिज्यिक उपयोग को रोकते हुए, जरूरतमंदों को अंगों का उचित वितरण सुनिश्चित करना है।

यह खबर भी देखें...

बच्चों के लिए सुर​क्षित नहीं राजस्थान, मासूमों के खिलाफ अपराध में देश में चौथे स्थान पर

सामाजिक और नैतिक सवाल

यह घटना न केवल कानूनी दृष्टिकोण से गंभीर है, बल्कि यह समाज और स्वास्थ्य सेवाओं पर भी सवाल उठाती है। मानव अंगों का दान (Organ Donation) एक संवेदनशील मुद्दा है, और इसे बिना किसी सहमति के किया जाना पूरी तरह से गलत है। बच्चों के शव का दुरुपयोग (Misuse) करना न केवल एक अपराध है, बल्कि यह समाज की नैतिकता और मानवता को भी चोट पहुंचाता है।

यह खबर भी देखें...

राजस्थान में कर्मचारियों को जल्द मिल सकती है खुशखबरी, डीए और दिवाली बोनस पर विचार

अंगदान कैसे करें?

  • NOTTO वेबसाइट पर जाएँ:
    आपको राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (National Organ & Tissue Transplant Organisation) की आधिकारिक वेबसाइट https://notto.mohfw.gov.in/ पर जाना होगा।

  • फॉर्म भरें:
    वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन फॉर्म भरें और अपनी प्रोफ़ाइल बनाएँ।

  • परिवार को सूचित करें:
    पंजीकरण करने के बाद, यह जरूरी है कि आप अपने परिवार के सदस्यों को अपनी इच्छा के बारे में बताएं। क्योंकि मृत्यु के बाद परिवार की सहमति ही अंतिम निर्णय होती है।

  • जीवित रहते हुए अंग दान करना:
    आप अपनी जिंदगी में भी कुछ अंग (जैसे लिवर, किडनी) दान कर सकते हैं, बशर्ते वे किसी ज़रूरतमंद या परिवार के सदस्य को दिए जाएं।

FAQ

1. समर मीना की मौत कैसे हुई?
समर मीना की मौत 6 अगस्त 2023 को तब हुई, जब पानी की टंकी से गिरने वाली लोहे की चद्दर उसके सिर पर गिरी। इसके बाद उसे गंभीर चोटें आईं और उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।
2. बच्चे की आंखें किसने निकालीं?
आरोप है कि बच्च की आंखें मदनमोहन (Madan Mohan) नामक व्यक्ति ने बिना परिजनों की अनुमति के निकाल लीं। बच्चे के परिजन का आरोप है कि उसने धोखे से यह कहा कि उसने आंखों का दान कर दिया है, जबकि असल में उसने उन्हें बेच दिया था।
3. बच्चे की आंखें निकालने के मामले में FIR क्यों दर्ज की गई थी?
एफआईआर मानव अंग और ऊतक प्रत्यारोपण अधिनियम (Human Organs and Tissues Transplantation Act) के तहत दर्ज की गई थी, क्योंकि बिना अनुमति के बच्चे की आंखें निकालना और बेचने का मामला सामने आया था।
4. क्या पुलिस ने बच्चे की आंखें निकालने के मामले में कार्रवाई शुरू की है?
हां, पुलिस ने बच्चे की आंखें निकालने के मामले में एफआईआर दर्ज की है और गहन जांच शुरू कर दी है। एसएमएस अस्पताल थाने के ASI सुरजमल ने कहा ​है कि मामले में जांच की जा रही है।

बिना अनुमति बच्चे की आंखें निकालीं मानव अंग और ऊतक प्रत्यारोपण अधिनियम अंगदान सवाई मान सिंह अस्पताल थाना सवाई मान सिंह अस्पताल
Advertisment