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Photograph: (TheSootr)
राजस्थान सरकार ने बड़े उद्योगों के लिए सस्ती जमीन उपलब्ध कराने का ऐलान किया है। अब उद्योगों के लिए औद्योगिक भू-खंडों की आरक्षित दर में बदलाव किया जाएगा। राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास और अनुसंधान निगम (RIICO) की इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट कमेटी ने इस संबंध में एक अहम फैसला लिया है। इस फैसले के तहत, औद्योगिक भू-खंडों की आरक्षित दर में कटौती की जाएगी, जिससे निवेशकों को बड़े औद्योगिक प्रोजेक्ट्स के लिए सस्ती जमीन मिल सकेगी। यह कदम राज्य में औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने और रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
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कम होती आरक्षित दर: क्या है नया फैसला?
रीको की इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट कमेटी ने औद्योगिक भू-खंडों की आरक्षित दर घटाने का फैसला लिया है। हालांकि, कमेटी ने स्पष्ट किया है कि यह दरें न्यूनतम प्रचलित आवंटन दर से कम नहीं होंगी। इसका मतलब यह है कि भू-खंडों की दरें इतनी कम नहीं होंगी कि राज्य के लिए नुकसानकारी हों, लेकिन यह उद्योगों के लिए अधिक सस्ती होंगी। इसके अलावा, भू-खंड के आवंटन में लोकेशन, सड़क की चौड़ाई और अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं को भी ध्यान में रखा जाएगा।
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नई दरों का विवरण
3000 वर्ग मीटर तक के भूखंडों की दर में कोई बदलाव नहीं होगा और यह वही रहेगी जो रिजर्व प्राइस फिक्सेशन कमेटी पहले तय करती रही है।
3000 से 10,000 वर्ग मीटर तक के भू-खंडों पर रिजर्व दर में 10 प्रतिशत की कमी की जाएगी।
10,000 से 40,000 वर्ग मीटर तक के भू-खंडों की दर में 15 प्रतिशत की कमी की जाएगी।
1 से 2 लाख वर्ग मीटर तक के भू-खंडों पर 30 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
40,000 से 1 लाख वर्ग मीटर तक के भू-खंडों पर रिजर्व दर में 20 प्रतिशत की कमी होगी।
2 लाख वर्ग मीटर से अधिक के भू-खंडों पर 40 प्रतिशत तक की छूट दी जाएगी।
यह नया संशोधन उन उद्योगों के लिए बेहद लाभकारी साबित हो सकता है जो राजस्थान में बड़े औद्योगिक प्रोजेक्ट्स में निवेश करने की योजना बना रहे हैं। इस फैसले से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भूमि की उपलब्धता बढ़ेगी और उद्योगों को सस्ते दरों पर भूमि मिल सकेगी।
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राजस्थान निवेशकों की पसंद क्यों बनाता है?
राजस्थान सरकार का यह कदम प्रदेश को उद्योगों के लिए एक आकर्षक स्थल बनाने में मदद करेगा। राज्य के पास बड़ी भूमि उपलब्धता है, जो कई अन्य राज्यों की तुलना में अधिक लाभकारी है। कई मेगा प्रोजेक्ट्स और बड़े उद्योगों के लिए बड़ी भूमि की आवश्यकता होती है, और राजस्थान में ऐसे बड़े भू-खंडों की उपलब्धता निवेशकों के लिए एक बड़ा अवसर है। इसके अलावा, राजस्थान के प्रमुख दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (DMIC), हाईवे-एक्सप्रेस-वे और अन्य औद्योगिक गलियारों के कारण यह प्रदेश निवेशकों के लिए एक प्रमुख गंतव्य बन चुका है। इन परियोजनाओं के कारण, राजस्थान का जुड़ाव देश के प्रमुख व्यापारिक मार्गों से है, जो उद्योगों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है।
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सरकारी पहल: निवेशकों के लिए नए अवसर
राजस्थान सरकार ने ग्लोबल समिट जैसे आयोजनों और प्रत्यक्ष भूमि आवंटन नीति के तहत निवेशकों के लिए आसान प्रक्रियाएं बनाई हैं। यह न केवल राज्य में निवेश आकर्षित करेगा, बल्कि विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में विकास की नई संभावनाएं भी उत्पन्न करेगा।
वहीं, राज्य सरकार ने भूमि आवंटन में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। यह प्रयास निवेशकों को यह विश्वास दिलाने में मदद करेगा कि उनका निवेश सुरक्षित रहेगा और उन्हें प्रोसेस में कोई समस्या नहीं आएगी।
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रीको क्या है?
मुख्य कार्य
स्थापना और विकास
संक्षेप में
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रोजगार के अवसरों में वृद्धि
बड़े उद्योगों के आने से राज्य में रोजगार के अवसरों की भी वृद्धि होगी। खासकर, स्थानीय युवाओं को नौकरी के अवसर मिलेंगे। जब बड़े उद्योग प्रदेश में स्थापित होंगे, तो उन्हें स्थानीय श्रमिकों की आवश्यकता होगी, जो रोजगार के लिए सकारात्मक बदलाव लाएगा।
वहीं, इस बदलाव से राज्य में औद्योगिकीकरण के कारण नए कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों की भी शुरुआत हो सकती है, जो युवाओं को विभिन्न उद्योगों में काम करने के लिए तैयार करेंगे।
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नई संभावनाएं: किस क्षेत्र में होगा निवेश?
राजस्थान में विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की संभावना बढ़ेगी, जिनमें टेक्सटाइल (Textiles), सोलर एनर्जी (Solar Energy), सीमेंट (Cement), ऑटोमोबाइल (Automobile), और मिनरल बेस्ड इंडस्ट्री (Mineral-based Industry) प्रमुख हैं। इन क्षेत्रों में बड़े निवेश के परिणामस्वरूप प्रदेश में औद्योगिकीकरण की नई दिशा मिलेगी।
सोलर एनर्जी के क्षेत्र में विशेष रूप से राजस्थान एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, क्योंकि राज्य की सूर्य ऊर्जा की उच्चतम क्षमता है। इसके अलावा, सीमेंट और मिनरल बेस्ड इंडस्ट्री के क्षेत्र में भी निवेश बढ़ने से राज्य को न केवल रोजगार के अवसर मिलेंगे, बल्कि आर्थिक विकास में भी योगदान होगा।