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Photograph: (TheSootr)
राजस्थान में पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरे (CCTV Cameras in Police Stations) तो लगाए गए हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा और रिकॉर्डिंग व्यवस्था में कई कमियां नजर आ रही हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 2021 में 1050 राजस्थान पुलिस थानों में से 915 थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे, लेकिन इन कैमरों की रिकार्डिंग को सुरक्षित रखना एक बड़ी चुनौती बन गई है। कैमरों की रिकार्डिंग थानों में ही लगी हार्ड डिस्क में सेव होती है, लेकिन हाल ही में हुई घटनाओं ने इस व्यवस्था की खामियों को उजागर किया है।
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बूंदी के तालेड़ा थाने की घटना
हाल ही में बूंदी के तालेड़ा थाने से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई, जहां एक हार्ड डिस्क चोरी हो गई। पुलिस का दावा है कि कोई अज्ञात व्यक्ति हार्ड डिस्क निकालकर दूसरी हार्ड डिस्क लगा गया था। इससे स्पष्ट हुआ कि थानों में लगे कैमरों की रिकार्डिंग पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है। पुलिस ने यह भी दावा किया है कि कैमरों की रिकार्डिंग अब भी सुरक्षित है, लेकिन यह दावा कई मामलों में कमजोर नजर आता है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश और राजस्थान सरकार की स्थिति
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सीसीटीवी कैमरे पूरे प्रदेश के थानों में लगाए गए थे, लेकिन 2023 में कोर्ट ने एक और महत्वपूर्ण आदेश जारी किया। कोर्ट ने कहा कि सीसीटीवी रिकार्डिंग को कम से कम 18 महीने तक सेव रखना चाहिए और अगर तकनीकी दिक्कतें हैं, तो कम से कम एक साल तक की रिकार्डिंग को सुरक्षित रखा जाना चाहिए। इसके साथ ही, कोर्ट ने यह भी कहा कि रिकार्डिंग को केंद्रीकृत सर्वर पर सेव किया जाना चाहिए, जबकि राज्य के थानों में कैमरों की रिकार्डिंग अभी भी स्थानीय हार्ड डिस्क में सेव हो रही है।
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बूंदी के एसपी IPS राजेंद्र मीणा का कहना है कि थाने से सूचना प्राप्त करने के बाद वे पूरी स्थिति के बारे में स्पष्ट जानकारी देंगे। थानाधिकारीअजीत सिंह का कहना है कि कंपनी की टीम ने इंटरनल जांच शुरू कर दी है, और पाया गया कि थाने में कम क्षमता की हार्ड डिस्क लगी हुई थी।
रिकार्डिंग की समय सीमा
कोर्ट के आदेश के बाद, कैमरा रिकार्डिंग की समय सीमा को लेकर भी दिशा-निर्देश दिए गए थे। पहले, केवल 35 से 40 दिन की रिकार्डिंग डेटा सेव रहता था, लेकिन अब कोर्ट के आदेश के बाद इस अवधि को बढ़ाकर 18 महीने तक किया गया है। इसके बावजूद, स्थानीय हार्ड डिस्क और कम क्षमता वाली हार्ड डिस्क के इस्तेमाल से यह संभावना बनी रहती है कि रिकार्डिंग सुरक्षित नहीं रहेगी।
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थाने में कैमरे और उनकी स्थिति
राजस्थान के थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे, लेकिन बहुत से थाने में इन कैमरों की स्थिति अब भी चिंताजनक बनी हुई है। जयपुर के सदर थाने में 21 जून 2023 को एक युवक ने आत्महत्या कर ली। घटना के बाद जब थाने के कैमरे चेक किए गए, तो वे चालू हालत में नहीं मिले। रोजनामचे में उनके खराब होने की रपट डली थी। इस घटना के बाद अधिकारियों ने सावधानी बरती और कैमरे को ठीक करवाया।
कैमरों का सुधार और केंद्रीय निगरानी की जरूरत
राज्य सरकार ने टीसीआईएल (टीसीआईएल कंपनी) को इन कैमरों की निगरानी के लिए नियुक्त किया है। यह कंपनी सुनिश्चित करती है कि कैमरे सही से काम कर रहे हों। हालांकि, कुछ कैमरे खराब हो चुके थे, और इस मुद्दे की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए एक मजबूत निगरानी प्रणाली की आवश्यकता महसूस की गई है।
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कैमरों के लिए केंद्रीय सर्वर की आवश्यकता
सुप्रीम कोर्ट के आदेश में यह भी कहा गया था कि थानों की रिकॉर्डिंग को केंद्रीय सर्वर पर सेव किया जाना चाहिए, जिससे हर स्थान से रिकॉर्डिंग को आसानी से एक्सेस किया जा सके। लेकिन राज्य में इस व्यवस्था की कमी दिखाई दे रही है, और सेंट्रलाइज्ड सर्वर के लिए लगभग 150 से 200 करोड़ रुपए की आवश्यकता है। इस पर राज्य सरकार के स्तर पर विचार-विमर्श चल रहा है।
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थाने में कैमरे लगाने का उद्देश्य
थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का मुख्य उद्देश्य पुलिस की कार्यशैली में पारदर्शिता लाना और लोकप्रिय विश्वास को बढ़ाना है। इसके अलावा, थानों के महत्वपूर्ण क्षेत्रों जैसे एंट्री प्वाइंट, लॉकअप, एसएचओ रूम, और डीओ रूम को कैमरे की निगरानी में रखा जाना चाहिए।
अब सुप्रीम कोर्ट के नए आदेश के बाद थानों में लगाए गए सीसीटीवी कैमरे की संख्या और बढ़ाई जाएगी। पहले, प्रत्येक थाने में छह कैमरे लगाए गए थे, लेकिन नए आदेश के तहत कैमरों की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता जताई गई है।
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राजस्थान में 915 थानों में सीसीटीवी कैमरे
राजस्थान में कुल 1050 थाने हैं, जिनमें से 915 थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। 135 थानों में अभी भी कैमरे नहीं लगाए गए हैं, जिनमें ज्यादातर थाने 2021 के बाद बने हैं। इन नए थानों में कैमरे लगाने के लिए सरकार को 38 करोड़ रुपये की जरूरत होगी।
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2023 में थाने की घटनाओं का खुलासा
राजस्थान के झुंझुनू जिले के खेतड़ी थाने में 13 अप्रैल 2023 को एक युवक की हिरासत के दौरान मौत हो गई। थाने में लगे कैमरों की रिकॉर्डिंग रिकवर करने के लिए साइबर एक्सपर्ट टीम को बुलाना पड़ा। इस घटना से यह साफ हो गया कि थानों में लगे कैमरों की रिकार्डिंग को सुरक्षित रखने की व्यवस्था में गंभीर खामियां हैं।