बिजली उपभोक्ताओं को राजस्थान सरकार का झटका, फ्री की बिजली अब नहीं!

राजस्थान की पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना में छत ना होने वाले उपभोक्ताओं के लिए समस्या उत्पन्न हो गई है। सरकार की नई गाइडलाइन के तहत सामुदायिक सोलर पैनल लगाने का विकल्प हटा दिया गया है।

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Nitin Kumar Bhal
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राजस्थान में प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना (PM Surya Ghar Free Electricity Scheme) के तहत एक बड़ा बदलाव किया गया है। यह योजना राज्य के उपभोक्ताओं को 150 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने का वादा करती है, लेकिन अब उन उपभोक्ताओं के लिए समस्या उत्पन्न हो गई है जिनके पास सोलर पैनल लगाने के लिए छत नहीं है। पहले जिन उपभोक्ताओं को सामुदायिक सोलर पैनल लगाने का विकल्प दिया गया था, अब मंत्रालय द्वारा जारी की गई नई गाइडलाइनों के तहत वह विकल्प भी हटा दिया गया है।

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प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना: मूल उद्देश्य

यह योजना उन घरों को 150 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने का लक्ष्य रखती है जो सोलर पैनल्स का उपयोग करते हैं। इस योजना के तहत, उपभोक्ताओं को छत पर 1.1 किलोवाट क्षमता का सोलर पैनल लगाया जाएगा, जिसकी लागत लगभग ₹17,000 होगी। केंद्र सरकार इसके लिए सब्सिडी भी देती है। पहले इसका उद्देश्य था कि सामुदायिक रूप से एक जगह पर सोलर पैनल लगाए जाएं, ताकि जिनके पास छत नहीं है, वे भी इसका लाभ उठा सकें।

योजना में बदलाव और मंत्रालय की गाइडलाइन

लेकिन नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने संशोधित गाइडलाइन जारी करते हुए स्पष्ट किया कि पीएम सूर्यघर योजना में केवल उन्हीं उपभोक्ताओं को सब्सिडी दी जाएगी जो छत पर सोलर पैनल लगाएंगे। सामुदायिक सोलर पैनल लगाने की योजना को इस गाइडलाइन में हटा दिया गया था। मंत्रालय ने इस गाइडलाइन को जुलाई में ही जारी कर दिया था, लेकिन इसका असर अब तक नहीं दिखा था। डिस्कॉम के अधिकारियों को इस बदलाव के बारे में जानकारी थी, फिर भी इस बदलाव की पूरी जानकारी जनता को नहीं दी गई थी।

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उपभोक्ताओं के लिए यह बदलाव क्यों है चिंता का विषय?

इस बदलाव से सबसे बड़ा असर उन उपभोक्ताओं पर पड़ने वाला है जिनके पास सोलर पैनल लगाने के लिए छत नहीं है। यह बदलाव न केवल उन्हें भ्रमित करता है, बल्कि इससे उनकी योजना के लाभ में भी कमी आ सकती है। पहले जिन्हें सामुदायिक सोलर पैनल का विकल्प मिला था, अब वे इस सुविधा से वंचित हो जाएंगे, क्योंकि मंत्रालय ने छत पर सोलर पैनल लगाने को अनिवार्य कर दिया है।

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मंत्रालय से संपर्क और फैसले की प्रतीक्षा

हालांकि, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय से इस मामले में औपचारिक रूप से आग्रह किया गया है और अब यह मामला सुलझने के लिए इंतजार कर रहा है। अभी तक मंत्रालय की ओर से कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन यह मामला उपभोक्ताओं के बीच चिंता का कारण बन चुका है। यदि मंत्रालय सामुदायिक सोलर पैनल का विकल्प फिर से शामिल करता है, तो प्रभावित उपभोक्ता इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। यह योजना छत न होने के कारण प्रभावित हो रही है, और मंत्रालय द्वारा जल्द ही कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए जाने की उम्मीद है।

सामुदायिक सोलर पैनल योजना क्या है?

पहले, जिन उपभोक्ताओं के पास छत नहीं थी, उन्हें सामुदायिक रूप से सोलर पैनल लगाने का विकल्प दिया गया था। इसका मतलब यह था कि उपभोक्ताओं को किसी एक स्थान पर सामूहिक रूप से सोलर पैनल लगाने की सुविधा मिलती, जिससे वे भी मुफ्त बिजली योजना का लाभ उठा सकते थे। यह एक तरह से उन उपभोक्ताओं के लिए था जो सोलर पैनल लगाने की भौतिक स्थिति में नहीं थे।

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सोलर पैनल से जुड़ी योजना के तीन मॉडल

इस योजना को तीन अलग-अलग मॉडल में बांटा गया है:

  1. छत पर पैनल लगाने वाला मॉडल – इस मॉडल के तहत जिन उपभोक्ताओं के पास छत है, उनके लिए 1.1 किलोवाट क्षमता का सोलर पैनल लगाया जाएगा। इसकी लागत ₹17,000 होगी और केंद्र सरकार की सब्सिडी भी मिलेगी।

  2. सामुदायिक सोलर पैनल मॉडल – जिन उपभोक्ताओं के पास छत नहीं है, उनके लिए यह मॉडल था, जिसमें सामूहिक रूप से एक जगह पर सोलर पैनल लगाए जाते थे। यह विकल्प अब खत्म हो चुका है।

  3. सब्सिडी का लाभ – इस योजना के तहत सरकार हर महीने 150 यूनिट तक मुफ्त बिजली देती है, जिससे उपभोक्ताओं को अपने बिजली बिलों में बड़ी राहत मिलती है।

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प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना क्या है?

प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना भारत सरकार की एक पहल है, जिसका उद्देश्य सोलर पैनल के जरिए घरों को मुफ्त बिजली और बिजली बिल में बचत प्रदान करना है। यहां इसे सरल और बिंदुवार तरीके से हिंदी में समझाया गया है:

योजना के मुख्य उद्देश्य:

  • मुफ्त बिजली का लाभ: एक करोड़ घरों को प्रतिदिन 300 यूनिट तक सौर ऊर्जा से मुफ्त बिजली मिल सकेगी।

  • नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देना: घरों में सौर ऊर्जा का उपयोग बढ़ाकर पर्यावरणीय फायदे प्राप्त करना।

  • बिजली बिल में बचत: सोलर पैनल लगाने पर सब्सिडी के जरिए घरों के बिजली बिल में कमी करना।

योजना कैसे काम करती है:

  • सब्सिडी का लाभ:

    • 2 किलोवाट (kW) तक के सोलर सिस्टम पर कुल लागत का 60% सब्सिडी मिलेगी।

    • 2 से 3 kW तक के सोलर सिस्टम पर अतिरिक्त 40% सब्सिडी दी जाएगी।

  • पंजीकरण प्रक्रिया:
    इच्छुक उपभोक्ताओं को भारत के राष्ट्रीय पोर्टल (National Portal for Rooftop Solar) पर पंजीकरण करना होगा।

  • विक्रेता का चयन:
    उपभोक्ता अपनी छत के लिए उपयुक्त सोलर पैनल सिस्टम और विक्रेता चुन सकते हैं।

पात्रता के मापदंड:

  • आवेदक भारतीय नागरिक होना चाहिए।

  • घर की छत सोलर पैनल लगाने के लिए उपयुक्त होनी चाहिए।

  • घर में वैध बिजली कनेक्शन होना चाहिए।

  • परिवार को पहले सोलर पैनलों के लिए कोई सब्सिडी नहीं मिलनी चाहिए।

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योजना का फायदा किसे मिलेगा और कौन प्रभावित होगा?

राजस्थान में पीएम सूर्यघर योजना से खासतौर पर उन उपभोक्ताओं को फायदा मिलना था जिनके पास छत है, क्योंकि उन्हें सोलर पैनल लगाने की पूरी सुविधा मिली थी। लेकिन जिनके पास छत नहीं है, वे सामुदायिक सोलर पैनल के माध्यम से इसका लाभ उठा सकते थे, और अब वे इस लाभ से वंचित हो सकते हैं। अगर मंत्रालय सामुदायिक सोलर पैनल का विकल्प पुनः शुरू करता है, तो प्रभावित उपभोक्ताओं को इसका लाभ मिल सकता है। लेकिन फिलहाल इसका कोई स्पष्ट संकेत नहीं है।

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FAQ

1. पीएम सूर्यघर योजना क्या है?
पीएम सूर्यघर योजना एक सरकारी योजना है, जिसके तहत उपभोक्ताओं को 150 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जाती है, लेकिन इसके लिए सोलर पैनल लगाना अनिवार्य है।
2. सोलर पैनल लगाने के लिए क्या सब्सिडी मिलेगी?
हां, इस योजना के तहत सोलर पैनल लगाने के लिए केंद्र सरकार सब्सिडी देती है, जिससे उपभोक्ताओं को सोलर पैनल की लागत में राहत मिलती है।
3. जिनके पास छत नहीं है, वे पीएम सूर्यघर योजना का लाभ कैसे उठाएं?
पहले पीएम सूर्यघर योजना में सामुदायिक सोलर पैनल का विकल्प था, लेकिन अब मंत्रालय ने इसे हटा दिया है। अगर सामुदायिक सोलर पैनल फिर से लागू किया जाता है, तो इन्हें इसका लाभ मिल सकता है।
4. क्या पीएम सूर्यघर योजना में यह बदलाव अचानक हुआ था?
हां, पीएम सूर्यघर योजना में यह बदलाव अचानक हुआ। मंत्रालय ने जुलाई में संशोधित गाइडलाइन जारी की थी, लेकिन इसका प्रभाव उपभोक्ताओं को समय से नहीं बताया गया।
5. पीएम सूर्यघर योजना में यह बदलाव से प्रभावित उपभोक्ताओं के लिए सरकार क्या कदम उठाएगी?
मंत्रालय से अभी औपचारिक आग्रह किया गया है। जल्द ही इस पर फैसला होने की उम्मीद है और प्रभावित उपभोक्ताओं को इसके बारे में जानकारी दी जाएगी।

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