राजस्थान में पेंशन फर्जीवाड़ा, दूसरी शादी करने के बावजूद विधवा पेंशन उठा रहीं हजारों महिलाएं

राजस्थान में पेंशन घोटाले में 11 हजार से ज्यादा महिलाएं और 9 हजार मृत व्यक्तियों के खाते से पेंशन निकाल रहे थे। 17 करोड़ की रिकवरी के नोटिस जारी किए गए।

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Nitin Kumar Bhal
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Photograph: (TheSootr)

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सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग राजस्थान (Social Justice and Empowerment Department) ने राज्य में पेंशन घोटाले का खुलासा किया है। ताजा जांच के अनुसार, 11 हजार 232 महिलाएं, जिन्होंने दूसरी शादी कर ली थी, अभी भी विधवा (Single Woman) पेंशन योजना के तहत पेंशन उठा रही थीं। इसके साथ ही, 9 हजार से ज्यादा मृतकों के खातों से पेंशन निकाली जा रही थी। यह मामला इतना गंभीर है कि राज्य में पेंशन घोटाले के चलते करीब 17 करोड़ रुपए की वसूली की जा चुकी है और 10 हजार से ज्यादा लोगों से 16 करोड़ रुपए की रिकवरी अभी बाकी है।

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पेंशन योजना में गड़बड़ियां: 11 हजार महिलाएं क्यों कर रही थीं घोटाला?

विधवा पेंशन योजना (Widow Pension Scheme) एक ऐसी योजना है, जो विधवा, परित्यक्ता और अकेली महिलाओं को सरकार द्वारा दी जाती है। हालांकि, इस योजना के अंतर्गत कई महिलाओं ने दूसरी शादी करने के बाद भी पहले पति की मृत्यु के बाद मिलने वाली पेंशन को उठाना जारी रखा। यही नहीं, इन महिलाओं ने विभाग को दूसरी शादी की सूचना भी नहीं दी, जो एक गंभीर उल्लंघन था। अधिकारियों का कहना है कि योजना के तहत पेंशन प्राप्त करने के लिए सभी लाभार्थियों को किसी भी बदलाव की सूचना विभाग को देनी होती है, लेकिन अधिकतर लाभार्थियों ने ऐसा नहीं किया।

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झुंझुनूं जिले में पेंशन घोटाला: 50 हजार से ज्यादा फर्जी लाभार्थी

झुंझुनूं जिले में सबसे अधिक पेंशन घोटाले का खुलासा हुआ है, जहां करीब 50 हजार फर्जी लाभार्थी सामने आए हैं। इन लाभार्थियों के खातों में करीब 17 करोड़ रुपये का ट्रांसफर हुआ है। इस मामले में सामाजिक सुरक्षा विभाग ने इन सभी अपात्र लाभार्थियों से रिकवरी के लिए नोटिस जारी किए हैं। विभाग ने सभी खातों का सत्यापन किया और जिनका सत्यापन नहीं हुआ था, उनके खिलाफ कार्रवाई की गई।

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मृत व्यक्तियों से पेंशन निकालने के मामले

पेंशन घोटाले के सबसे गंभीर और चौंकाने वाले मामले मृत व्यक्तियों के पेंशन से संबंधित हैं। कई परिवारों ने अपने मृत सदस्य की मृत्यु के बाद भी विभाग को सूचित नहीं किया और उनके नाम पर पेंशन निकालते रहे। झुंझुनूं जिले में करीब 33,565 बुजुर्गों की पेंशन को संदिग्ध करार दिया गया था, जिनमें से 9,000 से अधिक लाभार्थी मृत थे। इनके खातों में जमा की गई राशि का डीडी बना कर विभाग को लौटा दिया गया।

विभाग की स्क्रूटनी: दो साल की जांच के बाद खुलासा

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग पिछले दो साल से पेंशनभोगियों की स्क्रूटनी (Scrutiny) कर रहा था। इस दौरान राजस्थान में पेंशन फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ। जांच के बाद, जब ये लाभार्थी वेरिफिकेशन के लिए नहीं आए, तो उनका भौतिक सत्यापन किया गया। विधवा और एकल नारी पेंशन उठा रही महिलाओं के आधार कार्ड (Aadhar Card) और विभाग में जमा दस्तावेजों की जांच की गई, जिसके बाद फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। विभाग ने ब्लॉकवार इन लाभार्थियों की जांच की और पेंशन के फर्जी लाभार्थियों से रिकवरी के नोटिस जारी किए।

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17 करोड़ की वसूली और नोटिस

अब तक 4,304 लोगों से 1 करोड़ 11 लाख रुपये की वसूली की जा चुकी है। हालांकि, 10,000 से ज्यादा लोग ऐसे हैं, जिनसे 16 करोड़ रुपये की रिकवरी अभी बाकी है। विभाग ने नोटिस जारी (Notices Issued) करके इनसे रिकवरी की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इन मामलों के सामने आने से यह साफ है कि पेंशन योजनाओं में निगरानी की आवश्यकता और भी बढ़ गई है।

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पेंशन में फर्जीवाड़ा के कुछ मामले

केस 1: खेतड़ी क्षेत्र में वृद्ध की पेंशन

झुंझुनूं जिले के खेतड़ी क्षेत्र में एक बुजुर्ग के बैंक खाते में हर महीने पेंशन जमा होती रही। उनका बेटा इसे सरकारी मदद मानकर निकालता रहा। जब विभाग ने इसका वेरिफिकेशन किया, तो पता चला कि बुजुर्ग की 4 साल पहले मृत्यु हो चुकी थी। अब विभाग ने 1 लाख रुपये से ज्यादा की रिकवरी नोटिस जारी की है।

केस 2: उदयपुरवाटी में महिला पेंशन घोटाला

उदयपुरवाटी क्षेत्र में एक महिला की मृत्यु के बाद भी परिवार ने हर महीने पेंशन निकालना जारी रखा। विभाग ने इसका सत्यापन किया, तो पता चला कि महिला की 3 साल पहले मृत्यु हो चुकी थी। इस मामले में विभाग ने 80 हजार रुपये का रिकवरी नोटिस जारी किया है।

केस 3: झुंझुनूं शहर की विधवा पेंशन घोटाला

झुंझुनूं शहर में एक महिला का केस काफी चर्चा में रहा। उसने पहले विधवा पेंशन ली और करीब डेढ़ साल बाद दूसरी शादी कर ली। महिला ने विभाग को दूसरी शादी की सूचना नहीं दी और विधवा पेंशन लेती रही। विभाग ने जनाधार कार्ड और विभागीय रिकॉर्ड की जांच की, तो दोनों में पति का नाम अलग-अलग मिला। इसके बाद विभाग ने महिला से 5 साल की पेंशन की वसूली की।

केस 4: सूरजगढ़ में वृद्धा की पेंशन घोटाला

सूरजगढ़ क्षेत्र में एक वृद्धा की मृत्यु 4 साल पहले हो चुकी थी। हालांकि, परिवार ने विभाग को सूचित नहीं किया और लगातार पेंशन निकालते रहे। जांच में यह गड़बड़ी सामने आई, जिसके बाद विभाग ने 50 हजार रुपये का रिकवरी नोटिस जारी किया।

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FAQ

1. राजस्थान में पेंशन घोटाले के मामलों में क्या हुआ था?
राजस्थान में पेंशन घोटाले में कई महिलाओं और मृत व्यक्तियों ने पेंशन योजनाओं का फर्जी तरीके से फायदा उठाया। अब तक 17 करोड़ रुपए की रिकवरी की जा चुकी है।
2. राजस्थान में किस प्रकार से पेंशन फर्जी तरीके से उठाई जा रही थी?
महिलाएं और मृत व्यक्तियों के परिवारों ने पेंशन योजना के लाभ के लिए दूसरी शादी या मृत्यु के बाद विभाग को सूचित नहीं किया, जिससे घोटाले हुए।
3. क्या विभाग ने इन पेंशन घोटाले की जांच की है?
हां, विभाग ने दो साल तक पेंशन लाभार्थियों की स्क्रूटनी की और इसके बाद फिजिकल सत्यापन किया, जिसके बाद कई फर्जी पेंशन योजनाओं का खुलासा हुआ।
4. रिकवरी की प्रक्रिया में अब तक कितना पैसा वसूला गया है?
अब तक 4,304 लोगों से 1 करोड़ 11 लाख रुपए की वसूली की जा चुकी है। 10,000 से ज्यादा लोगों से 16 करोड़ रुपए की रिकवरी बाकी है।
5. क्या यह घोटाले को रोकने के लिए कोई कदम उठाए जा रहे हैं?
विभाग ने अब पेंशन योजनाओं में कड़ी निगरानी और सत्यापन प्रक्रिया लागू की है ताकि इस प्रकार के फर्जीवाड़े को रोका जा सके।

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