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Photograph: (TheSootr)
राजस्थान के सरिस्का और रणथंभौर नेशनल पार्क में 2 अक्टूबर 2025 से सफारी का नया सीजन शुरू होने जा रहा है। इस सीजन के साथ ही कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं, जो टूरिस्ट्स के लिए सफारी अनुभव को और भी रोमांचक और सुरक्षित बनाएंगे। इसके अलावा, इस बार सारिस्का में बाघों की संख्या भी बढ़कर 50 हो गई है, जो वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक अच्छी खबर है। कि, यह सफारी सीजन एक अक्टूबर से शुरू हुआ है लेकिन, बुधवार को दोनों ही अभयारण्यों में अवकाश के कारण दो अक्टूबर 2025 से ही सफारी शुरू होगी। TheSootr के इस लेख में हम आपको नए सफारी शेड्यूल, बाघों की संख्या, सफारी के दौरान की सुरक्षा सुविधाएं, और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी देंगे।
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सरिस्का और रणथंभौर सफारी का नया सीजन
सरिस्का टाइगर रिजर्व और रणथंभौर नेशनल पार्क दोनों ही प्रसिद्ध वन्यजीव पर्यटन स्थल हैं, जो अपने बाघों और विविध वन्यजीवों के लिए जाने जाते हैं। 2 अक्टूबर से इन दोनों पार्कों में सफारी का नया सीजन शुरू हो रहा है। वन विभाग द्वारा इस सीजन के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं, और सफारी के समय में बदलाव भी किया गया है। इस बार सफारी सुबह और शाम दो शिफ्ट्स में होगी, ताकि पर्यटकों को अलग-अलग समय पर बाघों को देखने का मौका मिल सके।
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17 साल बाद सरिस्का में बाघों की संख्या 50
यह एक अहम उपलब्धि है कि 17 साल बाद सरिस्का टाइगर प्रोजेक्ट में बाघों की संख्या बढ़कर 50 हो गई है। 2005 में सरिस्का में एक भी बाघ नहीं था, लेकिन 2008 में टाइगर विस्थापन (tiger relocation) के बाद इस संख्या में वृद्धि हुई है। हाल ही में बाघिन ST-2302 अपने दो शावकों के साथ पहली बार कैमरा ट्रैप में एक साथ देखी गई। यह दृश्य करणी माता मंदिर क्षेत्र में कैद हुआ था और वन्यजीव प्रेमियों के लिए यह एक ऐतिहासिक क्षण था।
वन विभाग का मानना है कि अगले कुछ सालों में सरिस्का में टाइगर की संख्या दोगुनी हो सकती है। 2020 में सरिस्का में केवल 20 बाघ थे, लेकिन अब उनकी संख्या 50 हो गई है। अगले 5 सालों में यदि यही रफ्तार रही, तो रणथंभौर के बराबर बाघों की संख्या हो सकती है।
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सीसीएफ IFS अनूप के आर ने बताया कि नए सीजन के लिए सभी सफारी वाहनों का निरीक्षण और रजिस्ट्रेशन पूरा हो चुका है। इस बार विस्थापितों के 12 कैंटर (Canter) सफारी में शामिल होंगे, जिनमें से 10 में लग्जरी सीटें लगाई गई हैं, ताकि पर्यटकों को सफर में आराम मिल सके।
सफारी का नया शेड्यूल और तैयारियां
सरिस्का और रणथंभौर में अक्टूबर से जून तक सफारी की जा सकेगी। सफारी के दौरान जिप्सी और कैंटर वाहन दोनों का उपयोग किया जाएगा, और इन सभी वाहनों का फिटनेस चेक भी किया गया है। इसके अलावा, सभी वाहनों में GPS ट्रैकिंग (GPS Tracking) की सुविधा होगी, ताकि पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और वाहन की लोकेशन ट्रैक की जा सके। इस बार वन विभाग ने सफारी के दौरान नेचर गाइड (Nature Guide) और ड्राइवर (Driver) के लिए ड्रेस कोड भी लागू किया है। जहां नेचर गाइड ग्रीन ड्रेस पहनेंगे, वहीं ड्राइवर ब्राउन ड्रेस में रहेंगे और उनके गले में पहचान पत्र भी होगा। यह व्यवस्था पर्यटकों को असमंजस से बचाएगी और सफारी के दौरान उनके साथ एक निश्चित पहचान होगी।
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सफारी में सुरक्षा सुविधाएं
सरिस्का और रणथंभौर में सफारी के दौरान सुरक्षा बेहद महत्वपूर्ण है। इस कारण, वन विभाग ने सफारी ट्रैक की मरम्मत करवाई है और सफारी के लिए सभी सुरक्षा मानकों (Safety Standards) का पालन किया गया है। इसके अलावा, सफारी की पूरी प्रक्रिया में पर्यटकों को एक अद्वितीय और सुरक्षित अनुभव देने के लिए सभी वाहन और गाइड प्रशिक्षित होंगे।
सभी सफारी वाहनों में जीपीएस (GPS) लगाए गए हैं, जिससे उनके ट्रैकिंग और मॉनिटरिंग की सुविधा मिलेगी। यह न केवल पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि जंगल में वन्यजीवों के बारे में सही जानकारी प्रदान करने में भी मदद करेगा।
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रणथंभौर में सफारी का नया सीजन
रणथंभौर नेशनल पार्क में भी 1 अक्टूबर से नया टूरिज्म सीजन शुरू हुआ था, लेकिन बुधवार को साप्ताहिक अवकाश के कारण आधिकारिक रूप से सफारी की शुरुआत 2 अक्टूबर से हुई। यहां भी सफारी की तैयारी पूरी हो चुकी है। रणथंभौर में सफारी के लिए नए सफारी ट्रैक (Safari Track) की मरम्मत की गई है और ऑनलाइन बुकिंग साइट (Online Booking Site) भी अपडेट कर दी गई है।
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सफारी के दौरान वन्यजीवों की सुरक्षा
सरिस्का और रणथंभौर में टाइगर सफारी का उद्देश्य न केवल पर्यटकों को वन्यजीवों से रूबरू कराना है, बल्कि इन बाघों और अन्य वन्यजीवों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करना है। दोनों पार्कों में बाघों की संख्या बढ़ने के साथ ही इनके आवास का संरक्षण भी बेहद जरूरी हो गया है। वन विभाग ने बाघों की सुरक्षा के लिए कई उपाय किए हैं, ताकि जंगल में उनकी संख्या बढ़े और वे सुरक्षित रहें।
सरिस्का और रणथंभौर सफारी: एक रोमांचक अनुभव
सरिस्का और रणथंभौर में सफारी करना एक अविस्मरणीय अनुभव है। यहां के जंगलों में घूमते बाघ, तेंदुए, जंगली सूअर, और अन्य वन्यजीवों को देखना पर्यटकों के लिए एक रोमांचक अनुभव होता है। विशेषकर, बाघों के शावकों को देखना और उनकी हरकतों को देखना वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक अद्वितीय अनुभव है।
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रणथंभौर से कौन से बाघ लापता हैं?
रणथंभौर टाइगर रिजर्व के बाघ टी-90 की फीमेल शावक, बाघिन टी-92, बाघ टी-20, बाघ टी-70, 71, 76 और बाघ भैरूपुरा सहित 11 बाघ लापता हैं। इनकी तलाश के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं किए गए हैं।