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Photograph: (TheSootr)
राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) की पूर्व सदस्य और प्रख्यात कवि कुमार विश्वास की पत्नी डॉ. मंजू शर्मा ने राजस्थान हाईकोर्ट में एक विशेष अपील याचिका (Special Appeal Petition) दायर की है। यह याचिका 28 अगस्त 2021 को राजस्थान हाईकोर्ट की एकलपीठ (Single Bench) द्वारा एसआई भर्ती-2021 (SI Recruitment 2021) को रद्द करने के फैसले और उनके खिलाफ की गई टिप्पणियों को चुनौती देने के लिए दायर की गई है। इस अपील में डॉ. मंजू शर्मा ने कहा है कि उनके खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणियों को हटाया जाए और भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने के आदेश पर पुनर्विचार किया जाए।
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क्या था हाईकोर्ट का आदेश?
28 अगस्त 2021 को राजस्थान हाईकोर्ट की एकलपीठ ने एसआई भर्ती-2021 को रद्द कर दिया था। कोर्ट ने इस भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं (Irregularities) का हवाला देते हुए आरपीएससी के छह सदस्यों की संलिप्तता की बात कही थी। इसके साथ ही कोर्ट ने आरपीएससी की कार्यप्रणाली और परीक्षा में हुई गड़बड़ियों (Irregularities in Examination) की जांच के लिए स्वप्रेरित संज्ञान लिया था। इस निर्णय में डॉ. मंजू शर्मा के खिलाफ की गई टिप्पणियां भी विवाद का विषय बनीं।
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डॉ. मंजू शर्मा की याचिका में क्या है?
डॉ. मंजू शर्मा ने अपनी याचिका में कहा है कि उन्हें इस मामले में पक्षकार नहीं बनाया गया था और न ही उन्हें सुनवाई का उचित अवसर (Fair Hearing Opportunity) प्रदान किया गया। याचिका में इस बात का उल्लेख किया गया है कि कोर्ट ने उनके खिलाफ बिना किसी ठोस प्रमाण (Concrete Evidence) के, जैसे ऑडियो रिकॉर्डिंग, गवाह या ऑडिट ट्रेल, अपमानजनक टिप्पणियां की हैं। याचिका में उन्होंने इसे भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) और अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार) का उल्लंघन बताया है।
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अपमानजनक टिप्पणियों से मानसिक तनाव
डॉ. मंजू शर्मा का कहना है कि कोर्ट की टिप्पणियों से उनकी सामाजिक और पेशेवर छवि को गंभीर नुकसान पहुंचा है। इस कारण उन्हें मानसिक तनाव का सामना करना पड़ा। उन्होंने यह भी कहा कि इस मानसिक तनाव के कारण 1 सितंबर 2025 को उन्हें आरपीएससी सदस्य के पद से इस्तीफा देना पड़ा। राज्यपाल ने 15 सितंबर 2025 को उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया।
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डॉ. मंजू शर्मा की मांग क्या है?
डॉ. मंजू शर्मा ने कोर्ट से अनुरोध किया है कि उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने वाली टिप्पणियों को हटाया जाए और राजस्थान एसआई भर्ती 2021 को रद्द करने के फैसले की पुनरावलोकन (Review) की जाए। उनका मानना है कि बिना किसी ठोस प्रमाण और उचित सुनवाई के उनके खिलाफ टिप्पणी करना प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों (Principles of Natural Justice) का उल्लंघन है।
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डॉ. मंजू शर्मा का तर्क
डॉ. मंजू शर्मा ने अपनी याचिका में तर्क दिया है कि उनके खिलाफ की गई टिप्पणियां गलत और अनुचित थीं। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में उन्हें उचित सुनवाई का अवसर नहीं दिया गया, जो उनके संविधानिक अधिकारों का उल्लंघन है।उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कोर्ट ने बिना किसी ठोस प्रमाण के उनके खिलाफ टिप्पणी की और उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया। उनका कहना है कि यह फैसला उनके लिए मानसिक उत्पीड़न (Mental Harassment) का कारण बना, जिससे उन्हें मानसिक शांति में बाधा आई और उनका इस्तीफा देना पड़ा।
एसआई भर्ती 2021 का रद्द होना और विवाद
28 अगस्त 2021 को जब राजस्थान हाईकोर्ट ने एसआई भर्ती-2021 को रद्द करने का आदेश दिया, तो इसके पीछे की मुख्य वजह भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताएं थीं। कोर्ट ने यह पाया कि आरपीएससी के छह सदस्य इस भर्ती प्रक्रिया में संलिप्त थे और उनकी कार्यप्रणाली में गड़बड़ियां थीं। इसके साथ ही कोर्ट ने स्वप्रेरित संज्ञान लेते हुए आरपीएससी की कार्यप्रणाली की जांच के आदेश भी दिए थे।
इस फैसले में डॉ. मंजू शर्मा के खिलाफ की गई टिप्पणियों से संबंधित विवाद भी सामने आया। कोर्ट ने एकलपीठ के निर्णय में डॉ. शर्मा के खिलाफ गंभीर टिप्पणी की थी, जबकि उन्होंने इस मामले में पक्षकार के रूप में कोई भूमिका नहीं निभाई थी।
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डॉ. मंजू शर्मा कौन हैं?
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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21 क्या है?
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 14 (Article 14) समानता का अधिकार (Right to Equality) प्रदान करता है, जो यह सुनिश्चित करता है कि किसी भी व्यक्ति के साथ भेदभाव नहीं किया जाए। अनुच्छेद 21 (Article 21) जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार (Right to Life and Personal Liberty) प्रदान करता है। डॉ. मंजू शर्मा ने अपनी याचिका में यही तर्क दिया कि उनके खिलाफ की गई टिप्पणियां इन दोनों अधिकारों का उल्लंघन करती हैं।
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आगामी सप्ताह में हो सकती है सुनवाई
इस मामले की सुनवाई राजस्थान हाईकोर्ट में आगामी सप्ताह में हो सकती है। कोर्ट इस याचिका पर विचार करेगा और डॉ. मंजू शर्मा के आरोपों की जांच करेगा। यह फैसला आने वाले समय में डॉ. मंजू शर्मा की प्रतिष्ठा और उनके करियर के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।
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