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राजस्थान की राजधानी जयपुर में 500 से अधिक रेस्टोरेंट और फूड व्यवसाय से जुड़े कारोबारियों के लिए एक समस्या खड़ी हो गई है। यहां नगर निगम के नोटिस को लेकर खलबली मची हुई है। ये नोटिस नगर निगम ग्रेटर और नगर निगम हेरीटेज की ओर से जारी किए गए हैं। इन दुकानदारों को ट्रेडिंग लाइसेंस के दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा गया है। दस्तावेज नहीं देने पर इनके कारोबार को सील कर दिया जाएगा।
हाईकोर्ट के आदेश पर नोटिस
दोनों निगमों ने यह नोटिस हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद जारी किया है। हाईकोर्ट ने निगमों को ट्रेडिंग लाइसेंस नहीं लेने वाले फूड व्यवसायियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। इसी आदेश के पालन में दोनों निगमों ने ये नोटिस जारी किए हैं। नोटिस मिलने के बाद खाने-पीने के व्यवसाय से जुड़े लोगों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है। फूड व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए नगर निगम की स्वास्थ्य शाखा से फूड लाइसेंस लेना अनिवार्य है। इसके तहत फूड की गुणवत्ता और साफ-सफाई अनिवार्य है। तभी यह लाइसेंस मिलता है। इससे इतर ट्रेडिंग लाइसेंस के लिए बहुत सारे कारक तय किए गए हैं।
हजारों लोग हो जाएंगे बेरोजगार
फूड कारोबारियों को लाइसेंस लेने में सर्वाधिक परेशानी सम्पत्ति का व्यवसायिक होने के कारण हो रही है। ज्यादातर फूड की दुकाने-रेस्टारेंट घरों में किराए पर चल रही है, इसी वजह से ट्रेड लाइसेंस मिलना आसान नहीं हैं। इसके अलावा मकान मालिक से दस्तावेज प्राप्त करना भी मुश्किल है। फूड व्यवसायियों का कहना है कि यदि इस लाइसेंस को लेने के लिए निगम से सख्ती दिखाई जाती है तो उन्हें अपना व्यवसाय बंद करना पड़ेग। इससे जयपुर में हजारों लोग बेरोजगार हो जाएंगे।
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