/sootr/media/media_files/2025/10/04/jaipur-jkk-2025-10-04-18-16-36.jpg)
Jaipur. राजस्थान की राजधानी जयपुर में विवादों में रहे जवाहर कला केंद्र (जेकेके) में की गई पदोन्नति को राज्य सरकार ने निरस्त कर दिया है। राजस्थान सरकार ने यह कदम जयपुर के कलाकारों के बढ़ते विरोध को देखते हुए उठाया है।
फिलहाल जवाहर कला केंद्र की कोई स्वतंत्र नियमावली नहीं है। आरोप है कि इसके बावजूद यहां पदोन्नति प्रक्रिया अपनाई गई। इसमें पुरातत्व विभाग की नियमावली का अनुचित उपयोग किया गया, जबकि इसका अनुमोदन ही प्राप्त नहीं था। संस्थान में सहायक निदेशक एवं सुपरिंटेंडेंट कम असिस्टेंट डायरेक्टर जैसे पद न तो पुरातत्व विभाग में हैं और न ही जेकेके की सेवा संरचना में, फिर भी इन्हें दर्शाया गया है।
संशोधित आदेश जारी करने के निर्देश
शिकायतों के आधार पर कला एवं संस्कृति विभाग ने 29 सितंबर 2025 को जारी किए गए आदेश में 18 सितंबर 2023 को की गई सभी क्रमोन्नति और पदोन्नति को तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया। शासन सचिव बृजमोहन नोगिया ने इस संबंध में संशोधित आदेश जारी करने के निर्देश दिए हैं।
ये खबरें भी पढ़ें
राजस्थान में बुजुर्गों के खिलाफ अपराध हुए दोगुने, 2023 में 12 हत्या के मामले आए सामने
जेकेके के संविधान के विपरीत कर दी पदोन्नति
जवाहर कला केंद्र में सभी पदोन्नति निरस्त। खास बात यह है कि जवाहर कला केंद्र के संविधान के मुताबिक गवर्निंग कौंसिल और कार्यकारी समिति की अनुमति के बगैर किसी भी प्रकार की पदोन्नति या क्रमोन्नति करना नियमों के खिलाफ है।
ऐसे में अब यह देखना होगा कि नया आदेश किस प्रक्रिया और आधार पर लागू किया जाता है। अभी यह सवाल भी बना हुआ कि क्या इन अधिकारियों व कर्मचारियों के पद पूरी तरह वापस ले लिए जाएंगे? क्या पदोन्नत हुए अधिकारी व कर्मचारियों को दो साल में पे-स्केल के हिसाब से दिए गए अतिरिक्त वेतन की भी वसूली की जाएगी ?
ये खबरें भी पढ़ें
बॉर्डर पर बसा राजस्थान में देश पहला गांव अकली, 75 साल बाद भी मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझ रहे लोग
राजस्थान के 18 IAS-IPS बने चुनाव पर्यवेक्षक, बिहार चुनाव में निभाएंगे महत्वपूर्ण भूमिका
क्या सरकार खर्च का कराएगी जांच
बताया जाता है कि जवाहर कला केंद्र को दो साल में करीब 18 करोड़ रुपए का बजट मिला है। खर्च सिर्फ सहायक निदेशक के हस्ताक्षर से किए गए। कलाकारों का कहना है कि क्या सरकार इस पूरे हिसाब की जांच कराएगी। आरोप है कि सहायक निदेशक ने अपने चहेतों को उपकृत करने के लिए कई नियम विरूद्ध खर्च किए। एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि जेकेके का सम्पूर्ण वित्तीय मामला जांच के दायरे में है।
कलाकारों ने कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल
जयपुर के वरिष्ठ रंगकर्मी माधव सिंह, अमित शर्मा, उज्जवल प्रकाश मिश्रा और ओमप्रकाश सैनी का कहना है कि कुछ सालों से जेकेके में भारी अनियमितताएं चल रही हैं।
यहां के अधिकारी और कर्मचारी अपने लोगों को उपकृत करने में जुटे हुए हैं। कलाकारों ने आरटीआई (RTI) के माध्यम से दस्तावेज जुटा संस्थान की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि जवाहर कला केंद्र की कोई स्वतंत्र नियमावली नहीं बन पाई है।
पुरातत्व विभाग की नियमावली का अनुचित उपयोग किया जा रहा है। जयपुर के जवाहर कला केंद्र में नियमों का उल्लंघन करने की शिकायत की गई थी।