बांसवाड़ा में बनेगी 2610 मीटर पानी की टनल, जानिए किन गांवों को मिलेगा जलापूर्ति का लाभ

राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में 2610 मीटर लंबी पानी की टनल का निर्माण जारी है। इस परियोजना का कुल खर्च लगभग 2248 करोड़ रुपए है। दिसंबर, 2024 में शुरू हुआ काम नवंबर, 2026 तक पूरा होगा। इस टनल का उद्देश्य क्षेत्रीय जल आपूर्ति और सिंचाई के लिए महत्वपूर्ण है।

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Kamlesh Keshote
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Photograph: (the sootr)

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Banswara. राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में अपर हाई लेवल कैनाल परियोजना के तहत 2610 मीटर लंबी टनल का निर्माण तेज गति से हो रहा है। इस परियोजना का कुल खर्च लगभग 2248 करोड़ रुपए है और इस टनल का उद्देश्य क्षेत्रीय जलापूर्ति और सिंचाई परियोजना के लिए महत्वपूर्ण है। वर्तमान में 1200 मीटर से अधिक खुदाई का कार्य पूरा किया जा चुका है। इस टनल का निर्माण 21 नवंबर, 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है।

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कैनाल परियोजना में कुल सात टनल 

अपर हाई लेवल कैनाल परियोजना में कुल सात टनल बनाई जाएगी। जिनसे नहर का पानी बहेगा। इन टनल्स में से सिंगपुरा टनल का काम सबसे तेजी से हो रहा है। यह टनल पहाड़ी क्षेत्र में बनाई जा रही है। जो तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण है। टनल की चौड़ाई 20 फीट और ऊंचाई भी 20 फीट होगी। इसे प्रतिदिन 6 मीटर की गति से खोदा जा रहा है। कमजोर चट्टानों को सुरक्षित करने के लिए मोटे लोहे के पाइप लगाए जा रहे हैं और निर्माण के बाद दोनों ओर सीमेंट और कंक्रीट की दीवारें बनाई जाएगी।

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सुरक्षा और वेंटिलेशन पर जोर 

टनल के निर्माण के दौरान सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्रत्येक 100 मीटर पर 5 HP की मोटर लगाकर पानी को बाहर निकाला जाता है। विस्फोटक से चट्टानें तोड़ी जाती हैं। साइट इंजीनियर शैलेश गरासिया ने बताया कि 60 सदस्यीय टीम दिन-रात काम कर रही है, जिसमें 20 से 25 मजदूरों की टीम लगातार काम में जुटी रहती है। इसके अलावा टनल के अंदर ताजी हवा के लिए वेंटिलेशन सिस्टम लगाया गया है। जिससे मजदूरों को काम करने में कोई दिक्कत नहीं होती।

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बांसवाड़ा के 338 गांवों तक पहुंचेगा पानी 

इस परियोजना के पूरा होने के बाद बांसवाड़ा जिले के 338 गैर-कमांड गांवों तक पानी पहुंचेगा। माही बांध के पानी से 42 हजार हेक्टेयर भूमि को सिंचित किया जाएगा। इससे ग्रामीण इलाकों में पेयजल की आपूर्ति में सुधार होगा और कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी। कलेक्टर डॉ. इंद्रजीत यादव का कहना है कि यह परियोजना बांसवाड़ा को पानी, खनिज और कृषि के क्षेत्र में नई पहचान दिलाएगी।

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42 हजार हेक्टेयर भूमि को मिलेगा लाभ 

माही डैम के शेड्यूल डैम-1 से आनंदपुरी तक 102 किमी लंबी नहर का निर्माण भी तेजी से चल रहा है। इस नहर से 20 हजार लीटर प्रति सेकंड पानी छोड़ा जाएगा, जिससे 42 हजार हेक्टेयर भूमि को सिंचाई का लाभ मिलेगा। बांसवाड़ा, बागीदौरा, गांगड़तलाई, आनंदपुरी, कुशलगढ़ और सज्जनगढ़ तहसील के सैकड़ों गांव इस परियोजना से लाभान्वित होंगे।

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तीन शिफ्ट में 24 घंटे चल रहा काम  

बांसवाड़ा में पानी की टनल के निर्माण के लिए लगातार 24 घंटे काम चल रहा है। साइट इंजिनियर शैलेश गरासिया के मुताबिक टनल निर्माण के लिए 60 लोगों क टीम लगातार काम कर रही है। टनल में हर 100 मीटर पर 5-एचपी की मोटर से जमा पानी बाहर निकाला जा रहा है, जिससे खुदाई बाधित नहीं हो। खुदाई के दौरान एक शिफ्ट में 95 ड्रिल हॉल किए जाते हैं। इसके साथ ही नियंत्रक विस्फोटकों से चट्टानों को तोड़ा जाता है। एक शिफ्ट में 20 से 25 मजदूर जुटे रहते हैं।

राजस्थान जलापूर्ति सिंचाई परियोजना बांसवाड़ा टनल
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