26 साल बाद खोया हुआ भाई परिवार से मिला, कारगिल युद्ध के दौरान घर छोड़ गया था राकेश

1999 में कारगिल युद्ध के दौरान घर से गायब हुए राकेश का 26 साल बाद परिवार से मिलन हुआ। राजस्थान के भरतपुर के अपना घर आश्रम से राकेश अब अपने परिवार के पास लौट गया।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के मुमरेजपुर गांव का राकेश कुमार, जो 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान घर से गायब हो गया था, 26 साल बाद अपने परिवार से मिलकर सबको भावुक कर दिया। 

यह चमत्कारी मिलन भरतपुर के अपना घर आश्रम में हुआ, जहां राकेश के भाई मुनेश और बबलू ने उसे पहचान कर घर ले जाने की प्रक्रिया पूरी की।

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कारगिल युद्ध के दौरान घर से बिछड़ा

राकेश के भाई मुनेश कुमार ने बताया कि 1999 में कारगिल युद्ध के समय वह और उनका एक अन्य भाई रजनीश आर्मी में सेवा दे रहे थे। उसी दौरान जून, 1999 में राकेश बिना किसी सूचना के घर से निकल गया। परिवार ने शुरू में इसे पढ़ाई से बचने के रूप में लिया, लेकिन बाद में राकेश का कोई सुराग नहीं मिला। कई सालों तक उसकी तलाश की गई, लेकिन वह वापस नहीं लौटा और परिवार ने उसे खोया हुआ समझ लिया था।

राकेश की कठिन यात्रा और आश्रम में नया जीवन

राकेश ने घर छोड़ने के बाद कई कठिन परिस्थितियों का सामना किया। वह गुजरात पहुंचा, लेकिन नाबालिग होने के कारण उसे काम नहीं मिल पाया और वह भटकता रहा। कुछ सालों बाद उसने एक फैक्ट्री में काम करना शुरू किया, लेकिन एक गंभीर हादसा हुआ। फैक्ट्री में काम करते वक्त केमिकल के संपर्क में आने से उसका शरीर 50 फीसदी जल गया। इलाज के अभाव में उसकी हालत गंभीर हो गई, जिसके बाद उसे ठंडे इलाकों में जाने की सलाह दी गई। इसके बाद वह हरिद्वार चला गया।

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राकेश को आश्रम में उपचार और पुनर्वास

आश्रम सचिव बसंतलाल गुप्ता ने बताया कि तीन महीने पहले शुक्रताल की एंबुलेंस हरिद्वार में असहाय लोगों का रेस्क्यू कर रही थी। इसी दौरान टीम ने गंगा किनारे जले हुए और घावों से पीड़ित राकेश को देखा और उसे भरतपुर आश्रम लाकर भर्ती कराया। यहां लगातार इलाज और देखभाल के बाद राकेश की स्थिति में सुधार हुआ। काउंसलिंग के दौरान उसने अपने गांव मुमरेजपुर, जिला बुलंदशहर (उत्तर प्रदेश) का नाम बताया।

राकेश के परिवार को सूचित किया गया

आश्रम की पुनर्वास टीम ने राकेश के गांव से संपर्क किया और उसके भाई मुनेश और बबलू को सूचित किया। बुधवार को दोनों भाई भरतपुर पहुंचे और अपनी पहचान के दस्तावेज प्रस्तुत किए। इसके बाद राकेश को अपने साथ ले जाने की प्रक्रिया पूरी की गई। यह मिलन राकेश और उसके परिवार के लिए एक भावुक पल था।

FAQ

Q1: राकेश की 26 साल बाद अपने परिवार से मिलन की कहानी क्या है?
राकेश, जो 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान घर से गायब हो गया था, 26 साल बाद अपने परिवार से मिला। उसे एक आश्रम में भर्ती कराया गया और बाद में उसके परिवार को सूचित किया गया।
Q2: राकेश को आश्रम में कैसे भर्ती किया गया?
राकेश को हरिद्वार में जले हुए और घावों से पीड़ित पाया गया था। उसे आश्रम की एंबुलेंस द्वारा भरतपुर लाया गया, जहां उपचार के बाद उसकी पहचान हुई और उसे उसके परिवार से मिलवाया गया।
Q3: राकेश के घर से गायब होने के बाद परिवार ने क्या किया था?
राकेश के परिवार ने कई सालों तक उसकी तलाश की थी, लेकिन उनका मानना था कि वह अब कभी वापस नहीं आएगा। बाद में, आश्रम में उसका इलाज हुआ और परिवार को सूचित किया गया।

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