RERA की सख्तीःराजधानी के सैकड़ों परिवारों को बंधी अपना घर मिलने की आस

सालों के बाद रेरा की कार्रवाई से भोपाल में रह रहे उन सैकड़ों परिवारों को राहत मिली है जो एक दशक से अपने घर के चक्कर में हेमंत सोनी के झांसे में आकर लाखों रुपए फंसा बैठे थे। यह लोगों के लिए राहत देने वाली खबर है...

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Jitendra Shrivastava
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संजय शर्मा, BHOPAL. लुभावने विज्ञापनों के सहारे हाउसिंग प्रोजेक्ट शुरू कर लाखों रुपए हड़पने वाले AG -8 वेंचर्स पर रेरा ने कसावट बढ़ा दी है। रेरा ( RERA ) ने उसके आकृति एक्वा सिटी सहित 9 हाउसिंग प्रोजेक्ट MPHIDB (मप्र हाउसिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बोर्ड) को हस्तांतरित कराने के निर्देश भोपाल कलेक्टर को दिए हैं। ऐसी कार्रवाई से बचने AG-8 वेंचर्स का मालिक हेमंत सोनी खुद को दिवालिया घोषित कराने सहित दूसरे सभी हथकंडे अपना चुका है। लेकिन पहले NCLAT (नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल) और पिछले माह सुप्रीम कोर्ट ने उसकी अपील खारिज कर दी। रेरा (मप्र भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण) ने इन अधूरे प्रोजेक्ट MPHIDB से पूरा कराने की तैयारी कर ली है। रेरा की यह सख्ती AG-8 वेंचर्स के इन प्रोजेक्ट में लाखों रुपए फंसने से परेशान लोगों को फिर अपना घर मिलने की आस बंधी है।  

NCLAT के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी दिया झटका

AG-8 वेंचर्स के हेमंत सोनी ने एक दशक में एक के बाद एक कई हाउसिंग प्रोजेक्ट शुरू किए थे। लोगों ने भी हेमंत के भरोसे में आकर लोगों ने राजधानी में अपने घर का सपना सजाते हुए लाखों रुपए जमा करा दिए थे। जब तय समय बीतने के बाद लोगों ने सोनी से घर मांगना शुरू किया तो उसने टाल दिया। पहले महीने बीते और फिर साल लेकिन लोगों को जब घर नहीं मिला तो उन्होंने इसकी शिकायत रेरा से की थी। इस बीच लाखों रुपए हड़पकर बैठे हेमंत सोनी और साथियों ने NCLT इंदौर में खुद को दिवालिया घोषित कराने की साजिश रच दी। NCLT ने उसके पक्ष में आर्डर भी कर दिया, लेकिन जब रेरा और ठगे गए लोगों ने NCLAT नई दिल्ली के समक्ष दस्तावेजों के साथ पक्ष रखा तो NCLT इंदौर का आर्डर निरस्त कर दिया गया। उधर सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुंचा तब भी हेमंत और उसके सहभागियों को राहत नहीं मिली और वहां याचिका खारिज कर दी। 

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AG-8 वेंचर्स कर रहा रेरा के आदेश की अनदेखी

सुप्रीम कोर्ट और बैंकरप्सी के मामले में कार्रवाई पूरी होने के बाद रेरा ने AG-8 वेंचर्स के अधूरे प्रोजेक्ट MPHIDB के माध्यम से पूरे कराना तय किया है। इसके लिए अधूरे हाउसिंग प्रोजेक्ट और संसाधन MPHIDB को सौंपने के निर्देश AG-8 वेंचर्स को दिए थे। इसके चलते सोनी को प्रोजेक्ट से सम्बंधित डिजाइन-ड्राइंग, बिजली, सीवर, वाटर सप्लाई सहित सभी दस्तावेज हाउसिंग बोर्ड कमिश्नर को सौंपने थे। लेकिन AG-8 वेंचर्स ने ऐसा करने से इंकार कर दिया। इस पर रेरा ने भोपाल कलेक्टर को हेमंत सोनी और सके AG-8 वेंचर्स से अधूरे पड़े प्रोजेक्ट एस्टर प्लेटिनम, एस्टर सीरिज, प्राइम स्ट्रीट, आकृति हाईलैंड, ऑर्चिड हाईटस, आकृति गार्डन फेस-4, आकृति फ्लेमिंगो फेस-3, आकृति ईको सिटी और आकृति एक्वासिटी के हस्तांतरण की कार्रवाई कराने के निदेश दिए हैं। 

एक दशक से भटक रहे लोगों को मिलेगी राहत

रेरा द्वारा AG-8 वेंचर्स के विरुद्ध की गई कार्रवाई और अधूरे प्रोजेक्ट को MPHIDB से जरिए पूरा कराने के लिए से सम्बंधित आदेश अपनी वेबसाइट पर भीअपलोड किया है। हेमंत सोनी ने भोपाल के अलग-अलग क्षेत्रों में AG-8 वेंचर्स के नाम के हाउसिंग प्रोजेक्ट शुरू किए थे। लोगों को लुभाने अखबारों में जमकर विज्ञापन छपवाए गए। उसके इसी जाल में लोग फंस गए। इतने सालों के बाद रेरा की कार्रवाई से भोपाल में रह रहे उन सैकड़ों परिवारों को राहत मिली है जो एक दशक से अपने घर के चक्कर में हेमंत सोनी के झांसे में फसकर लाखों रुपए फंसा बैठे थे।

RERA घर मिलने की आस