त्योहारी सीजन का अलर्ट : तेल कंपनियों के भ्रामक विज्ञापनों से बचें, अधिक तेल खाने से बीमारियों का खतरा

त्योहारों में अधिक तेल का सेवन शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। राजस्थान में चलाए जा रहे कम तेल, ज्यादा सेहत अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग ने तेल की खपत कम करने की अपील की है।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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त्योहारों का मौसम आते ही घर-घर में पकवानों की तैयारी तेज हो जाती है, लेकिन यह समय तेल के अत्यधिक सेवन का भी होता है। यदि आप भी त्योहारों में अधिक तेल का सेवन करते हैं, तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। डॉक्टरों ने लोगों से अपील की है कि वे अपनी डाइट में तेल की मात्रा को नियंत्रित करें, ताकि उनका स्वास्थ्य बेहतर रहे।

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तेल का अधिक सेवन और स्वास्थ्य जोखिम

डॉक्टरों का कहना ​है कि त्योहारों में लोग अक्सर स्वाद के चक्कर में तले-भुने और तेलयुक्त खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन करते हैं, जो शरीर में अतिरिक्त वसा का निर्माण करते हैं। इससे मोटापा, मधुमेह, हृदय रोग और उच्च रक्तचाप जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

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प्रतिदिन कितने तेल का सेवन है पर्याप्त?

डॉक्टरों के मुताबिक, एक व्यक्ति के लिए प्रतिदिन केवल 25 ग्राम तेल का सेवन ही पर्याप्त होता है। इससे अधिक तेल का सेवन शरीर में अतिरिक्त कैलोरी का निर्माण करता है, जो वजन और मोटापे का कारण बन सकता है। इसके अतिरिक्त तेल की अधिकता पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचाती है और रक्त में शुगर का स्तर बढ़ा सकती है।

कम तेल, ज्यादा सेहत अभियान

राजस्थान सरकार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्वास्थ्य जागरुकता माह के दौरान कम तेल, ज्यादा सेहत अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य लोगों को संतुलित आहार और तेल के सीमित सेवन के प्रति जागरूक करना है। इस पहल का उद्देश्य न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाना है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी सुदृढ़ करना है।

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निरामय राजस्थान अभियान

राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजना निरामय राजस्थान के तहत इस अभियान को शुरू किया गया है। इस अभियान में बताया जाएगा कि तेल का सीमित सेवन कैसे लंबे समय तक स्वास्थ्य को बनाए रख सकता है। सरकार ने निर्देश दिए हैं कि सभी चिकित्सा संस्थान इस विषय पर रोगियों को जागरूक करें और कम तेल, ज्यादा सेहत के संदेश का प्रचार-प्रसार करें।

स्वास्थ्य को आदर्श बनाना है लक्ष्य

इस अभियान का मुख्य उद्देश्य यह समझाना है कि जीवनशैली में छोटे-छोटे बदलाव बड़े लाभ ला सकते हैं। तेल का कम सेवन न केवल हृदय रोग और मोटापे से बचाता है, बल्कि मानसिक स्थिरता और दीर्घायु में भी वृद्धि करता है। अगर हर व्यक्ति अपने दैनिक जीवन में तेल का सेवन नियंत्रित कर ले, तो वह न केवल खुद स्वस्थ रहेगा, बल्कि पूरे समाज को भी स्वस्थ बनाएगा।

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सभी तरह के तेल नुकसानदायक

देखा जाता है कि तेल बनाने वाली कंपनियां कुछ तेलों को शरीर के लिए फायदेमंद बताती हैं, जबकि ऐसा होता नहीं है। चाहे सरसों का तेल हो, पीली सरसों का तेल हो, नारियल तेल हो, रिफाइंड हो, मूंगफली हो या कुछ और। हर तरह के तेल के ज्यादा सेवन करने से शरीर को नुकसान पहुंचता है। इसलिए जरूरी है कि भ्रामक विज्ञापनों से बचा जाए और तेल का उपयोग सीमित किया जाए। यही स्वस्थ शरीर की कुंजी है।

FAQ

1. 'कम तेल, ज्यादा सेहत' अभियान क्या है?
यह अभियान स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य लोगों को तेल के सीमित सेवन और संतुलित आहार के बारे में जागरूक करना है।
2. तेल का अधिक सेवन किस तरह स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है?
तेल का अधिक सेवन मोटापा, मधुमेह, हृदय रोग और उच्च रक्तचाप जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है और पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है।
3. एक व्यक्ति को रोज कितने ग्राम तेल का सेवन करना चाहिए?
एक व्यक्ति को प्रतिदिन 25 ग्राम से अधिक तेल का सेवन नहीं करना चाहिए।

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