मारवाड़ी इंटरनेशनल फेडरेशन की पहल : बच्चे सीखेंगे अठीने, बठीने और लक्खण

मारवाड़ी इंटरनेशनल फेडरेशन ने प्रवासी राजस्थानियों के लिए 1100-1500 शब्दों का हिंदी-इंग्लिश अर्थ प्रदान करने की अनोखी पहल की है। उनके बच्चे भी अब आसानी से मायड़ सीख सकेंगे

author-image
Nitin Kumar Bhal
New Update
मारवाड़ी फेडरेशन

एआई से निर्मित चित्र Photograph: (The Sootr)

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

मारवाड़ी भाषा के शब्दों को सरल हिंदी और इंग्लिश में समझाना प्रवासी राजस्थानियों के लिए एक बड़ी मदद साबित होगा। "अठीने", "ऊबो होज्या", "डापाचुक", और "गीगलो" जैसे शब्द अब आसान भाषा में समझाए जाएंगे, ताकि देश-विदेश में रहने वाले राजस्थानियों को अपने मूल भाषा को समझने में दिक्कत न हो। मारवाड़ी इंटरनेशनल फेडरेशन (Marwadi International Federation) ने इस दिशा में एक अद्वितीय पहल शुरू की है। फेडरेशन अगले वर्ष तक 1100 से 1500 राजस्थानी (Rajasthani) मारवाड़ी शब्दों का हिंदी-इंग्लिश में अर्थ प्रकाशित करेगा।

 

मायड़ भाषा 

यह भाषा राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों में बोली जाती है, खासतौर से मारवाड़ क्षेत्र में

राजस्थानी भाषा का साहित्य समृद्ध है, जिसमें लोकगाथाएँ, कविताएँ, कहानियाँ, और अन्य साहित्यिक विधाएँ शामिल हैं

राजस्थानी भाषा को "विश्व की तेरह समृद्धतम भाषाओं" में से एक माना जाता है

कई संगठन और युवा राजस्थानी भाषा को आधिकारिक भाषा का दर्जा दिलाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं

युवा पीढ़ी और प्रवासी राजस्थानियों को भाषा से जोड़ना लक्ष्य

फेडरेशन के संस्थापक महासचिव सीए विजय गर्ग ने बताया कि प्रत्येक महीने 150 मारवाड़ी शब्दों को हिंदी-इंग्लिश में अनुवाद करके प्रवासी राजस्थानियों और संस्थाओं तक पहुंचाया जाएगा। यह शब्द रोजमर्रा की जिंदगी में उपयोग किए जाने वाले होंगे, जिससे प्रवासी राजस्थानी भाषा में सुधार कर सकेंगे और नई पीढ़ी के लिए इसे समझना आसान होगा।

प्रवासी संस्थाओं तक पहुंच: सॉफ्ट और प्रिंट प्रतिलिपि उपलब्ध कराएंगे

मारवाड़ी फेडरेशन (Marwadi International Federation) ने 2000 से अधिक प्रवासी संस्थाओं के पदाधिकारियों को इन शब्दों की सॉफ्ट और प्रिंट प्रतिलिपि उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। यह पहल उन राजस्थानियों के लिए बेहद उपयोगी होगी, जो अपनी मातृभाषा से दूर हैं और जिन्हें अपने घरेलू शब्दों का सही अर्थ समझने में समस्या आती है।

भाषाई पहचान और संवैधानिक मान्यता की दिशा में कदम

इस पहल के माध्यम से, प्रवासी राजस्थानियों को अपने शब्दों का अर्थ समझने में मदद मिलेगी, साथ ही वे राजस्थानी भाषा को संवैधानिक रूप से मान्यता दिलाने में भी योगदान दे सकेंगे। इस पहल से युवा पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक और भाषाई धरोहर से जोड़े रखने में मदद मिलेगी।

मारवाड़ी शब्दों का ब्रोशर और पोस्टर का वितरण

फेडरेशन ने 151 राजस्थानी मारवाड़ी शब्दों का हिंदी-इंग्लिश अर्थ ब्रोशर और पोस्टर के रूप में तैयार किया है। यह दस्तावेज प्रवासी संस्थाओं तक पहुंचाए जाएंगे, ताकि हर कोई इन शब्दों का सही उपयोग कर सके।

मायड़ भाषा के बारे में जानें

मायड़ भाषा (Mayad Bhasha) शब्द "मायड़" से बना है, जिसका अर्थ "मां" होता है, और "भाषा" का अर्थ "भाषा" है। इस प्रकार, "मायड़ भाषा" का अर्थ "मातृभाषा" या "माँ की भाषा" होता है, जो राजस्थान के लोगों के लिए उनकी अपनी भाषा को दर्शाता है।  राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता दिलाने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन अभी तक इसे आधिकारिक भाषा का दर्जा नहीं मिला है।

FAQ

1. मारवाड़ी शब्दों का हिंदी-इंग्लिश अर्थ क्यों जरूरी है?
मारवाड़ी शब्दों का सरल हिंदी-इंग्लिश में अनुवाद प्रवासी राजस्थानियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उन्हें अपनी मातृभाषा को समझने में मदद करेगा। यह पहल उनके रोजमर्रा के जीवन को सरल बनाएगी और भाषा से जुड़ी समस्याओं को हल करेगी।
2. यह पहल किसे लाभ पहुंचाएगी?
यह पहल मुख्य रूप से प्रवासी राजस्थानियों और उनकी नई पीढ़ी को लाभ पहुंचाएगी। इसके अलावा, यह उन संस्थाओं को भी मदद करेगी जो राजस्थान की संस्कृति और भाषा को बढ़ावा देती हैं।
3. राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता दिलाने में कैसे मदद मिलेगी?
इस पहल के द्वारा, राजस्थानी भाषा को लेकर जागरूकता बढ़ेगी, जिससे लोगों को भाषा के महत्व का अहसास होगा और वे इसे संवैधानिक रूप से मान्यता दिलाने के लिए और अधिक प्रेरित होंगे।

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें

📢🔃 🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

Rajasthan प्रवासी राजस्थानी मारवाड़ी मारवाड़ी इंटरनेशनल फेडरेशन मायड़ भाषा