MLA शंकर रावत की बेटी की नौकरी की जांच SOG करेगी, नड्डा-भजनलाल तक पहुंची थी शिकायत

राजस्थान में विधायक शंकर सिंह रावत की बेटी कंचन चौहान पर फर्जी दिव्यांग प्रमाण-पत्र के आधार पर नौकरी लेने का आरोप है। इस मामले की जांच अब एसओजी (SOG) द्वारा की जाएगी।

author-image
Amit Baijnath Garg
New Update
rpsc

Photograph: (the sootr)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

राजस्थान के भाजपा विधायक शंकर सिंह रावत (MLA Shankar Singh Rawat) की बेटी कंचन चौहान (Kanchan Chauhan) पर फर्जी दिव्यांग प्रमाण-पत्र (Fake Disability Certificate) के आधार पर राजस्व विभाग (Revenue Department) में नायब तहसीलदार के पद पर नौकरी हासिल करने का गंभीर आरोप लगा है। 

यह मामला जब सामने आया, तो सियासी हलकों (Political Circles) में खलबली मच गई। आरोप है कि कंचन ने न सिर्फ रजिस्टर्ड दिव्यांग प्रमाण-पत्र (Registered Disability Certificate) में धोखाधड़ी की, बल्कि इसके जरिए सरकारी नौकरी भी प्राप्त की।

RPSC ने परीक्षा के प्रश्न-पत्रों को बताया पूरी तरह सुरक्षित, कहा-अफवाहों पर लेंगे सख्त एक्शन

राजनीतिक और प्रशासनिक हलचल

ब्यावर विधायक शंकर सिंह रावत भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता हैं और इस मामले में आरोपों को लेकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (CM Bhajanlal Sharma) से भी शिकायत की गई है। शिकायत की तूल पकड़ने के बाद केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) तक यह मामला पहुंचा। इसके बाद मामले की जांच के लिए राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) सक्रिय हुआ।

RPSC Agriculture Department Exam शेड्यूल जारी, जानें कब होगी परीक्षा

RPSC का बड़ा खुलासा

RPSC सचिव रामनिवास मेहता (RPSC Secretary Ramnivas Mehta) ने इस मामले में एक बड़ा खुलासा किया। उन्होंने कहा कि कंचन चौहान के खिलाफ आई शिकायत को SOG (Special Operations Group) को भेज दिया गया है। मेहता ने बताया कि अगर किसी दिव्यांगता प्रमाण-पत्र (Disability Certificate) पर संदेह उत्पन्न होता है, तो उसकी जांच SOG को सौंपी जाती है। इस प्रक्रिया के तहत कंचन चौहान के खिलाफ की गई शिकायत पर RPSC ने SOG को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है।

RPSC से हुई एक और भर्ती का गजब मामला | 4200 ग्रेड पे वालों को दे रहे 3600 ?

कार्मिक विभाग का आदेश

मेहता ने बताया कि कार्मिक विभाग (Personnel Department) द्वारा जारी किए गए परिपत्र के अनुसार, यदि दिव्यांगता प्रमाण-पत्र में कोई आपत्ति आती है, तो SOG को उस मामले की जांच सौंपी जाती है। इस परिपत्र के आधार पर अब कंचन चौहान के खिलाफ जांच चल रही है।

BJP MLA नौक्षम चौधरी की मुश्किल बढ़ी, पार्टी के जवाब मांगने के बाद अब सरपंचों ने खोला मोर्चा

नायब तहसीलदार पद पर कंचन की नियुक्ति

कंचन चौहान ने राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) की परीक्षा में विशेष योग्यता वर्ग (Special Category) के तहत पास होकर नायब तहसीलदार के पद पर नियुक्ति प्राप्त की। फर्जी दिव्यांग प्रमाण-पत्र (Fake Disability Certificate) के आधार पर नियुक्ति को लेकर उठ रहे सवालों से प्रशासन में हलचल मच गई है।

आरोपों का गंभीरता से लिया गया नोटिस

इस मामले को गंभीरता से लेते हुए शिकायतकर्ता फनीश (Complainant Phanish) ने मुख्यमंत्री (Chief Minister) को शिकायत दी और मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। आरोप है कि कंचन ने फर्जी प्रमाण-पत्र के सहारे सरकारी नौकरी हासिल की, जो कि एक गंभीर अपराध है। इससे भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता (Transparency in Recruitment Process) पर भी सवाल उठ रहे हैं।

FAQ

Q1: कंचन चौहान पर कौन सा आरोप लगा है?
कंचन चौहान पर फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र (Fake Disability Certificate) के आधार पर सरकारी नौकरी हासिल करने का आरोप है।
Q2: इस मामले की जांच कौन करेगा?
SOG द्वारा इस मामले की जांच की जा रही है, जो यह तय करेगा कि आरोप सही हैं या नहीं।
Q3: क्या कंचन चौहान ने किस पद पर नौकरी प्राप्त की थी?
कंचन चौहान ने राजस्व विभाग (Revenue Department) में नायब तहसीलदार (Naib Tehsildar) के पद पर नौकरी प्राप्त की थी।

कंचन चौहान नायब तहसीलदार RPSC राजस्थान लोक सेवा आयोग केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भारतीय जनता पार्टी ब्यावर विधायक शंकर सिंह रावत