BJP MLA नौक्षम चौधरी की मुश्किल बढ़ी, पार्टी के जवाब मांगने के बाद अब सरपंचों ने खोला मोर्चा

राजस्थान के कामां से बीजेपी विधायक नौक्षम चौधरी के बयान के बाद सरपंचों ने राजनीतिक दुर्भावना, जातिवाद और लोकतंत्र पर हमले की निंदा की। नौक्षम से पार्टी पहले ही जवाब मांग चुकी है।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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राजस्थान के डीग जिले की कामां सीट से बीजेपी विधायक नौक्षम चौधरी के बयान के बाद नगर पंचायत समिति के जनप्रतिनिधियों में भारी आक्रोश फैल गया है। 26 अगस्त को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विधायक ने नगर प्रधान डॉ. आरिफ खान को पद से हटाने की बात की थी, जिसके बाद स्थानीय नेताओं ने विरोध जताया।

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जातिवाद-राजनीतिक दुर्भावना का आरोप

विधायक के बयान को लेकर नगर प्रधान डॉ. आरिफ खान और अन्य जनप्रतिनिधियों ने इसे जातिवादी मानसिकता और राजनीतिक दुर्भावना करार दिया। उनका कहना था कि इस तरह के बयान लोकतंत्र और भाईचारे पर हमला करने के समान हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि विधायक कामां की सौहार्दपूर्ण राजनीति को जातिवाद के आधार पर नुकसान पहुंचाना चाहती हैं।

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सरपंचों की बैठक में विरोध

कामां विधायक नौक्षम चौधरी के बयान के बाद नगर प्रधान डॉ. आरिफ खान ने एक बैठक बुलाई, जिसमें सभी सरपंचों और जनप्रतिनिधियों ने विधायक की आलोचना की। बैठक में यह तय किया गया कि वे जाति से ऊपर उठकर विकास और समरसता की भावना से कार्य करेंगे और इसके साथ ही लोकतंत्र और भाईचारे की रक्षा करेंगे।

नौक्षम चौधरी का बयान और उसकी प्रतिक्रिया

बीजेपी विधायक नौक्षम चौधरी ने कामां और पहाड़ी में बीजेपी समर्थित उम्मीदवारों की जीत के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिना नाम लिए राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म पर निशाना साधा। उन्होंने सवाल उठाया कि कांग्रेस समर्थित प्रधान अभी भी नगर पंचायत में कैसे काम कर रहे हैं। यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और पार्टी के अंदर असहज स्थिति पैदा कर दी।

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राजनीतिक मुद्दे पर बढ़ती तकरार

नौक्षम चौधरी का बयान बीजेपी के लिए मुश्किलें बढ़ाने वाला साबित हुआ, क्योंकि कांग्रेस ने इसे एक मौका मानते हुए विरोध करना शुरू कर दिया। इसके अलावा, पार्टी के भीतर इस बयान के बाद उथल-पुथल मच गई और पार्टी के कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे पर विवाद उठाया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ भी उनसे जवाब मांग चुके हैं।

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जनप्रतिनिधियों का एकजुट जवाब 

बैठक में जनप्रतिनिधियों ने एकजुट होकर यह संकल्प लिया कि वे किसी भी प्रकार की जातिवाद और राजनीतिक दुर्भावना के खिलाफ काम करेंगे। उन्होंने प्रदेश की राजनीति में भाईचारे और समरसता की भावना को बनाए रखने का फैसला लिया।

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महत्वपूर्ण तथ्य

विधायक के बयान का विरोध : बीजेपी विधायक नौक्षम चौधरी के बयान पर जनप्रतिनिधियों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
जातिवाद का मुद्दा : विधायक के बयान को जातिवाद और राजनीति की दुर्भावना से जोड़कर देखा गया।
राजनीतिक असहमति : बीजेपी में उठे विवाद और कांग्रेस की ओर से विरोध।
समाज का संदेश : सभी जनप्रतिनिधियों ने भाईचारे और समरसता के साथ काम करने का संकल्प लिया। 

FAQ

Q1: विधायक नौक्षम चौधरी ने क्या बयान दिया था?
विधायक ने नगर प्रधान डॉ. आरिफ खान को पद से हटाने की बात की थी और यह बयान राजनीतिक दुर्भावना और जातिवाद पर आधारित था, जिसे जनप्रतिनिधियों ने नकारा।
Q2: विधायक के बयान के बाद पार्टी में क्या प्रतिक्रिया हुई?
विधायक के बयान के बाद पार्टी में असहज स्थिति उत्पन्न हुई, और सरपंचों ने एकजुट होकर इसका विरोध किया, इसे लोकतंत्र और भाईचारे पर हमला बताया।
Q3: विधायक का बयान किसे निशाना बनाकर दिया गया था?
विधायक ने अपने बयान में बिना नाम लिए राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम को निशाना बनाया था, और यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

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