नरेश मीणा ने 15 दिन बाद तोड़ा आमरण अनशन, पिपलोदी स्कूल हादसे के पीड़ितों के लिए जुटाए 80 लाख रुपए

पिपलोदी स्कूल हादसे के पीड़ितों के लिए संघर्ष कर रहे राजस्थान के युवा नेता नरेश मीणा ने 15 दिन के बाद आमरण अनशन को तोड़ा। उन्होंने 80 लाख रुपए की सहायता राशि जुटाई और समरावता के मुद्दे पर भी लड़ाई जारी रखने का वादा किया।

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Gyan Chand Patni
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राजस्थान के युवा नेता नरेश मीणा ने शुक्रवार को करीब 15 दिन बाद अपने आमरण अनशन को समाप्त किया। यह अनशन उन्होंने झालावाड़ के पिपलोदी स्कूल हादसा में मारे गए बच्चों के परिजनों को न्याय दिलाने के लिए शुरू किया था। नरेश मीणा ने शुक्रवार को अपना आमरण अनशन समाप्त किया और सरकार से पिपलोदी स्कूल पीड़ित परिवारों के लिए न्याय की मांग की।

इस तरह खत्म किया आमरण अनशन

नरेश मीणा ने ट्वीट भी किया। इसमें बताया गया है कि एसएमएस अस्पताल में पूर्व मंत्री भरत सिंह कुंदनपुर, पूर्व मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा और पीड़ित परिवारों को 51 लाख रुपए की आर्थिक मदद करने वाले मातादीन गुर्जर व पिपलोदी स्कूल हादसे के शिकार बच्चों के परिजनों के हाथों से जूस पीकर आमरण अनशन खत्म किया।

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जयपुर में मशाल जुलूस 

नरेश मीणा का आमरण अनशन खत्म हो गया है। नरेश मीणा के अनशन को जनता से व्यापक समर्थन मिला था। बीती रात उनके समर्थकों ने जयपुर की सड़कों पर मशाल जुलूस निकाला, जिसमें सर्व समाज के लोग शामिल हुए। यह जुलूस त्रिवेणी नगर चौराहे से शुरू होकर गुर्जर की थड़ी तक गया। इस जुलूस में नरेश मीणा के बेटे अनिरुद्ध मीणा, पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा, कांग्रेस विधायक संजय जाटव और अन्य कई लोग शामिल हुए। इस दौरान समर्थकों ने पिपलोदी स्कूल हादसे के पीड़ित परिवारों के लिए न्याय की मांग की।

पीड़ित परिवारों के लिए 80 लाख रुपए की सहायता राशि 

नरेश मीणा ने अनशन तोड़ने के बाद कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य झालावाड़ स्कूल हादसा पीड़ित परिवारों में विश्वास जगाना था। उन्होंने यह भी बताया कि 24 घंटे के भीतर झालावाड़ स्कूल हादसे के पीड़ित परिवारों के लिए 80  लाख रुपए की सहायता राशि जुटाई जा चुकी है।

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क्या बताई अनशन तोड़ने की वजह

नरेश मीणा ने कहा कि उन्होंने अनशन तोड़ने का निर्णय भरतसिंह कुंदनपुर के आग्रह पर लिया, जो एसएमएस हॉस्पिटल में भर्ती थे। जब मीणा उनसे मिलने गए, तो कुंदनपुर भावुक हो गए और उन्होंने कहा, "राजस्थान को तुम्हारी जरूरत है।" इस आग्रह के बाद मीणा ने जूस पीकर अपना अनशन तोड़ा। उन्होंने राजस्थान की जनता का आभार व्यक्त किया और कहा कि वे जनता के विश्वास को कभी टूटने नहीं देंगे।

जारी रहेगी लड़ाई  

नरेश मीणा ने यह भी स्पष्ट किया कि समरावता के मुद्दे पर उनका संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि पीपलोदी के पीड़ितों के लिए सरकार ने 15 दिन के अनशन के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया। बावजूद इसके, मीणा ने कहा कि वह खाली हाथ नहीं जा रहे हैं और समरावता के लोगों को न्याय दिलाने के लिए वह दोबारा सरकार के दरवाजे पर आएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार की उदासीनता के बावजूद वह पीड़ितों के लिए आवाज उठाते रहेंगे और भगत सिंह की सेना बनकर उनके हक की लड़ाई लड़ेंगे।

FAQ

1. नरेश मीणा ने क्यों अनशन शुरू किया?
नरेश मीणा ने झालावाड़ के पिपलोदी स्कूल हादसे में मारे गए बच्चों के परिजनों को न्याय दिलाने के लिए अनशन शुरू किया था।
2. नरेश मीणा के अनशन को कितने दिनों तक समर्थन मिला?
नरेश मीणा के अनशन को 15 दिनों तक व्यापक जनसमर्थन मिला, जिसमें उनके समर्थक जयपुर में मशाल जुलूस लेकर सड़कों पर उतरे।
3. पिपलोदी स्कूल हादसा पीड़ित परिवारों के लिए कितनी राशि जुटाई गई?
नरेश मीणा ने पिपलोदी स्कूल हादसे के पीड़ित परिवारों के लिए 80 लाख रुपए की सहायता राशि जुटाई है।
4. नरेश मीणा ने अनशन क्यों तोड़ा?
नरेश मीणा ने अपने अनशन को भरतसिंह कुंदनपुर के आग्रह पर तोड़ा।
5. नरेश मीणा समरावता के मुद्दे पर क्या कार्रवाई करेंगे?
नरेश मीणा ने कहा कि वह समरावता के मुद्दे पर अपनी लड़ाई जारी रखेंगे और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष करेंगे।

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