/sootr/media/media_files/2025/09/26/anashan-2025-09-26-19-24-56.jpg)
राजस्थान के युवा नेता नरेश मीणा ने शुक्रवार को करीब 15 दिन बाद अपने आमरण अनशन को समाप्त किया। यह अनशन उन्होंने झालावाड़ के पिपलोदी स्कूल हादसा में मारे गए बच्चों के परिजनों को न्याय दिलाने के लिए शुरू किया था। नरेश मीणा ने शुक्रवार को अपना आमरण अनशन समाप्त किया और सरकार से पिपलोदी स्कूल पीड़ित परिवारों के लिए न्याय की मांग की।
इस तरह खत्म किया आमरण अनशन
नरेश मीणा ने ट्वीट भी किया। इसमें बताया गया है कि एसएमएस अस्पताल में पूर्व मंत्री भरत सिंह कुंदनपुर, पूर्व मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा और पीड़ित परिवारों को 51 लाख रुपए की आर्थिक मदद करने वाले मातादीन गुर्जर व पिपलोदी स्कूल हादसे के शिकार बच्चों के परिजनों के हाथों से जूस पीकर आमरण अनशन खत्म किया।
ये खबरें भी पढ़ें
जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा होंगे राजस्थान हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश
राजस्थान हाईकोर्ट में कल से छह दिन अवकाश, अक्टूबर के पहले सप्ताह में सिर्फ एक दिन काम
जयपुर में मशाल जुलूस
नरेश मीणा का आमरण अनशन खत्म हो गया है। नरेश मीणा के अनशन को जनता से व्यापक समर्थन मिला था। बीती रात उनके समर्थकों ने जयपुर की सड़कों पर मशाल जुलूस निकाला, जिसमें सर्व समाज के लोग शामिल हुए। यह जुलूस त्रिवेणी नगर चौराहे से शुरू होकर गुर्जर की थड़ी तक गया। इस जुलूस में नरेश मीणा के बेटे अनिरुद्ध मीणा, पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा, कांग्रेस विधायक संजय जाटव और अन्य कई लोग शामिल हुए। इस दौरान समर्थकों ने पिपलोदी स्कूल हादसे के पीड़ित परिवारों के लिए न्याय की मांग की।
पीड़ित परिवारों के लिए 80 लाख रुपए की सहायता राशि
नरेश मीणा ने अनशन तोड़ने के बाद कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य झालावाड़ स्कूल हादसा पीड़ित परिवारों में विश्वास जगाना था। उन्होंने यह भी बताया कि 24 घंटे के भीतर झालावाड़ स्कूल हादसे के पीड़ित परिवारों के लिए 80 लाख रुपए की सहायता राशि जुटाई जा चुकी है।
ये खबरें भी पढ़ें
राजस्थान में महिला कांस्टेबल ने की मीना समाज पर विवादित टिप्पणी, गरमाया माहौल, जानें पूरा मामला
राजस्थान मौसम अपडेट : दिन में गर्मी-रात में हल्की सर्दी, कई शहरों में न्यूनतम तापमान 20 डिग्री से कम
क्या बताई अनशन तोड़ने की वजह
नरेश मीणा ने कहा कि उन्होंने अनशन तोड़ने का निर्णय भरतसिंह कुंदनपुर के आग्रह पर लिया, जो एसएमएस हॉस्पिटल में भर्ती थे। जब मीणा उनसे मिलने गए, तो कुंदनपुर भावुक हो गए और उन्होंने कहा, "राजस्थान को तुम्हारी जरूरत है।" इस आग्रह के बाद मीणा ने जूस पीकर अपना अनशन तोड़ा। उन्होंने राजस्थान की जनता का आभार व्यक्त किया और कहा कि वे जनता के विश्वास को कभी टूटने नहीं देंगे।
आज SMS अस्पताल जयपुर में ईमानदारी के प्रतीक पूर्व मंत्री आदरणीय भरत सिंह जी कुंदनपुर,पूर्व मंत्री राजेन्द्र जी गुढ़ा और पीड़ित परिवारों को 51 लाख की आर्थिक मदद करने वाले मातादीन जी गुर्जर व पिपलोदी स्कूल हादसे में मृतक बच्चों के परिजनों के हाथों से
— Naresh Meena (@NareshMeena__) September 26, 2025
"आमरण अनशन" खत्म किया! pic.twitter.com/6dSBZ22yph
जारी रहेगी लड़ाई
नरेश मीणा ने यह भी स्पष्ट किया कि समरावता के मुद्दे पर उनका संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि पीपलोदी के पीड़ितों के लिए सरकार ने 15 दिन के अनशन के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया। बावजूद इसके, मीणा ने कहा कि वह खाली हाथ नहीं जा रहे हैं और समरावता के लोगों को न्याय दिलाने के लिए वह दोबारा सरकार के दरवाजे पर आएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार की उदासीनता के बावजूद वह पीड़ितों के लिए आवाज उठाते रहेंगे और भगत सिंह की सेना बनकर उनके हक की लड़ाई लड़ेंगे।