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Photograph: (the sootr)
राजस्थान हाई कोर्ट ने पेपर लीक माफिया भूपेंद्र सारण को सीनियर टीचर भर्ती-2022 का पेपर लीक करने के मामले में जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं। जस्टिस प्रवीर भटनागर ने भूपेंद्र की जमानत याचिका मंजूर करते हुए दिए।
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भूपेंद्र सारण के एडवोकेट महेंद्र शांडिल्य ने अदालत को बताया कि सारण के खिलाफ पुलिस स्टेशन बेकरिया उदयपुर में पेपर लीक करने सहित विभिन्न आरोपों में एफआईआर दर्ज है। याचिकाकर्ता को मामले में झूठा फंसाया है। वह 24 फरवरी, 2023 से हिरासत में है और अब तक आरोप भी तय नहीं हुए हैं। चार्जशीट बहुत बड़ी है और अभियोजन ने 93 गवाहों की सूची पेश की है।
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सह-अभियुक्तों को मिल चुकी जमानत
सह-अभियुक्त विजय कुमार डामोर तथा अरुण उर्फ राजेंद्र को जमानत मिल चुकी है। दूसरे दो अभियुक्त अनिता तथा रामगोपाल को सुप्रीम कोर्ट से तथा सह-अभियुक्त सुरेश साहू को ट्रायल कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। याचिकाकर्ता के खिलाफ बताए गए मुकदमों में से 11 में उसे जमानत मिल चुकी है तथा 13 मुकदमों में से 10 मामले उसकी गिरफ्तारी के बाद दर्ज किए गए हैं। निकट भविष्य में ट्रायल पूरी होने की कोई संभावना नहीं है।
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संबंधित थाने में देनी होगी हाजिरी
कोर्ट ने जमानत याचिका मंजूर करते हुए शर्त लगाई है कि भूपेंद्र को हर महीने पहले और चौथे शनिवार को संबंधित थाने में हाजिरी दर्ज करवानी होगी। थाना इंचार्ज आरोपी की उपस्थिति के लिए रजिस्टर रखेगा और उपस्थिति की जानकारी उसी दिन संबंधित ट्रायल कोर्ट को भेजेगा। आरोपी को अपने वर्तमान पते सहित मोबाइल नंबर भी संबंधित थाना इंचार्ज को देना होगा। थानाधिकारी पता और मोबाइल नंबर वैरिफाई करेगा।
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नहीं होगा शर्तों का उल्लंघन
ट्रायल कोर्ट के जज को भी आरोपी को जमानत पर रिहा करने से पूर्व जमानत देने वालों के संबंध में संबंधित थानाधिकारी के जरिए उनके घर के पते व अन्य डिटेल वैरीफाई करनी होगी। आरोपी को पासपोर्ट जमा करवाना होगा और बिना अदालती अनुमति के देश से बाहर नहीं जाएगा। शर्तों का उल्लंघन होने पर सरकार उसकी जमानत रद्द करने की कार्रवाई शुरू करने को स्वतंत्र होगी।