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Photograph: (the sootr)
राजस्थान में पुलिस कस्टडी में हुई मौतों का मामला अब गंभीर रूप धारण कर चुका है। बीते दो सालों में पुलिस हिरासत में 20 लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन आश्चर्यजनक बात यह है कि इनमें से किसी भी पुलिसकर्मी या अधिकारी को दोषी नहीं ठहराया गया। इन घटनाओं में से कई मामलों की जांच चल रही है, जबकि कुछ मौतों के कारण स्पष्ट नहीं हो पाए हैं।
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मौतों के कारण और जांच की स्थिति
पुलिस हिरासत में जिन 20 लोगों की मौत हुई, उनमें से पांच की मौत हार्ट अटैक से हुई, एक व्यक्ति ने कुएं में कूदकर आत्महत्या कर ली और 14 मामलों में मौत के कारण अभी तक अस्पष्ट हैं। पुलिस ने इन घटनाओं की जांच करने का दावा किया है, लेकिन अब तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सका है।
कांग्रेस विधायक ने विधानसभा में उठाया मुद्दा
कांग्रेस विधायक रफीक खान ने विधानसभा में इस मुद्दे को उठाया और सरकार से जवाब मांगा। राज्य सरकार के जवाब से यह पता चला कि पुलिस हिरासत में हुई इन मौतों में से किसी भी पुलिसकर्मी को दोषी नहीं पाया गया है। हालांकि दो मामलों में संतरी की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया गया है। इन मामलों में संतरी को नोटिस जारी किया गया और एक साल के लिए उनकी वेतन वृद्धि रोक दी गई।
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कुछ महत्वपूर्ण मामले, जिनमें मौत हुई
जयपुर में किशन प्रजापत की मौत : 26 अगस्त, 2023 को किशन प्रजापत को पुलिस ने गिरफ्तार किया और इलाज के लिए अस्पताल भेजा, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
जैसलमेर में बांग्लादेशी नागरिक की मौत : 19 मार्च, 2024 को बांग्लादेशी नागरिक मोहम्मद दुलाल की तबीयत खराब हुई और अस्पताल में भर्ती के बाद उसकी मौत हो गई, पुलिस ने हार्ट अटैक को मौत का कारण माना।
चितौड़गढ़ में उंकारलाल की मौत : 4 अप्रैल, 2024 को उंकारलाल की अचानक तबीयत बिगड़ी और अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
झुंझुनूं में पप्पूराम मीणा की मौत : 13 अप्रैल, 2025 को पप्पूराम को सीने में दर्द की शिकायत हुई और अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई।
दौसा में मनोज कुमार की आत्महत्या : 18 अप्रैल, 2024 को मनोज कुमार ने पुलिस हिरासत में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।
प्रशासन का जवाब और विवाद
पुलिस विभाग ने इन घटनाओं पर जांच की बात कही है, लेकिन अब तक कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आए हैं। इस बीच, कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों ने इस मुद्दे को उठाते हुए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इसके अलावा, सरकार ने स्पष्ट किया है कि पुलिस हिरासत में मौतों की घटनाओं की न्यायिक जांच की जा रही है।
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विरोध और असंतोष के स्वर
राजस्थान के कई इलाकों में पुलिस कस्टडी में हुई मौतों को लेकर भारी विरोध हो रहा है। कांग्रेस के कई नेता इस मुद्दे को उठाते हुए सख्त कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। वहीं राजस्थान सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए न्यायिक जांच की प्रक्रिया को तेज किया है।
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