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Photograph: (The Sootr)
जैसलमेर के आर्मी एरिया में सुरक्षा एजेंसियों ने एक संदिग्ध युवक को पकड़ा है, जिसका नाम जीवन खान (25) बताया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, इस युवक ने पाकिस्तानी नंबरों से बातचीत की थी, और उसके मोबाइल में पाकिस्तान के नंबर भी मिले हैं। इस मामले के बाद सुरक्षा एजेंसियां जांच में जुटी हैं और युवक से पूछताछ करने के लिए उसे संयुक्त जांच कमेटी (JIC) को सौंपने वाली हैं।
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संदिग्ध आर्मी एरिया के रेस्त्रां में करता था काम
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पकड़ा गया युवक 2-3 साल पहले जैसलमेर के आर्मी एरिया में स्थित एक रेस्त्रां में काम करता था। बाद में उसने काम छोड़ दिया था, लेकिन अब वह वापस उसी रेस्त्रां में काम जॉइन करने के लिए आया था। जांच के दौरान, युवक के मोबाइल से पाकिस्तान के नंबरों से बातचीत के सबूत मिले हैं, जिससे मामला और भी संदिग्ध हो गया है।
4 अगस्त को पकड़ा गया था DRDO गेस्ट हाउस मैनेजर
राजस्थान जासूसी मामला : इससे पहले, जैसलमेर के पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में 4 अगस्त को पकड़े गए DRDO गेस्ट हाउस के मैनेजर महेंद्र प्रसाद ने पाकिस्तान के सैन्य जानकारियां साझा की थीं। इस मामले ने सुरक्षा एजेंसियों को और भी सतर्क कर दिया है, और अब संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। जैसलमेर DRDO पाकिस्तानी जासूस मामला ने गहरी चिंता को उजागर किया है।
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जैसलमेर में जासूसी के मामलेसाल 2025 में पकड़े गए जासूस
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भारत में पाकिस्तान की नजर किस पर है?
राजस्थान की सीमाओं से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों की नजरें हमेशा रहती हैं, क्योंकि भारत-पाक सीमा की लंबाई 1070 किलोमीटर है। यहां तीन बड़े एयरबेस और कई सैन्य ठिकाने हैं, जो पाकिस्तान के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हैं। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इन क्षेत्रों से हर छोटी से छोटी जानकारी हासिल करने की कोशिश करती है, और इनकी गतिविधियां हमेशा सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का कारण बनी रहती हैं। आए दिन पाकिस्तानी जासूस गिरफ्तार होते रहते हैं।
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पाकिस्तान जासूसों से क्या जानकारी प्राप्त करना चाहता है?
सेना का मूवमेंट और सैन्य ठिकाने
पाकिस्तान के खुफिया एजेंट युद्ध के समय सेना की मूवमेंट, सैन्य ठिकानों की जानकारी, तैनाती, फेंसिंग और बीओपी (बॉर्डर आउटपोस्ट) की लोकेशन जैसी जानकारियां प्राप्त करना चाहते हैं। यह जानकारी पाकिस्तान को भारतीय सेना के खिलाफ रणनीति तैयार करने में मदद करती है।
सैन्य निर्माण और इन्फ्रास्ट्रक्चर
पाकिस्तानी एजेंटों के लिए, सैन्य ठिकानों के अलावा, ब्रिजों, सैन्य सड़कों, अंडरब्रिज, ओवरब्रिज और अंतर्राष्ट्रीय सीमा से जुड़े अन्य निर्माण कार्य की जानकारी भी महत्वपूर्ण होती है। इन क्षेत्रों के निर्माण से जुड़े डिटेल्स की तस्वीरें और लोकेशन की जानकारी पाकिस्तान के जासूस इकट्ठा करते हैं और अपने हैंडलरों को भेजते हैं।
स्कूल, हॉस्टल और अन्य प्रशासनिक भवन
आर्मी एरिया में स्थित स्कूलों, हॉस्टलों और अन्य प्रशासनिक भवनों की लोकेशन और उनकी तस्वीरें पाकिस्तानी खुफिया एजेंटों द्वारा इकट्ठी की जाती हैं। ये एजेंट इस प्रकार के महत्वपूर्ण डेटा को साझा करते हैं, ताकि पाकिस्तान अपनी सैन्य रणनीति में इन जानकारियों का उपयोग कर सके।
मोबाइल टावर और उनकी लोकेशन
सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थापित मोबाइल टावरों की लोकेशन, उनकी तस्वीरें, और उनकी कार्यक्षमता भी जासूस पाकिस्तान के एजेंटों को भेजते हैं। इन टावरों से जुड़े डेटा को भी वे अपने देश की खुफिया एजेंसियों को देते हैं, ताकि पाकिस्तान के लिए इनका रणनीतिक उपयोग किया जा सके।
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