राजस्थान विधानसभा सत्र एक सितम्बर से, पक्ष-विपक्ष दोनों बना रहे रणनीति, हावी रहेंगे ये मुद्दे

राजस्थान विधानसभा के चौथे सत्र में विपक्ष सत्तापक्ष को घेरने की तैयारी कर रहा है। प्रमुख मुद्दों को लेकर विपक्ष की रणनीति जानें और सत्र की पूरी जानकारी पाएं।

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Nitin Kumar Bhal
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राजस्थान में 16वीं विधानसभा का चौथा सत्र एक सितंबर 2025 से शुरू होने जा रहा है। इस सत्र को लेकर विपक्ष (Opposition) ने अपनी रणनीति तैयार करना शुरू कर दिया है। सत्तापक्ष को घेरने के लिए विपक्ष ने कुछ प्रमुख मुद्दों को छेड़ने का निर्णय लिया है। इन मुद्दों में सड़क निर्माण (Road Construction), किसानों की समस्याएं (Farmers' Issues), स्वामी विवेकानंद छात्रवृत्ति योजना (Swami Vivekananda Scholarship Scheme) में कटौती, आतिवृष्टि और फसल खराबी (Heavy Rain and Crop Damage) जैसे संवेदनशील विषय शामिल हैं।

विपक्षी पार्टी कांग्रेस (Congress) विधानसभा सत्र के दौरान इन मुद्दों को जोर-शोर से उठाने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक इन मुद्दों पर सरकार से सख्त सवाल पूछने के लिए तैयार हैं। विपक्षी नेताओं ने सत्र के पहले दिन ही विधायक दल की बैठक बुलाने की योजना बनाई है, जिसमें यह निर्णय लिया जाएगा कि कौन सा मुद्दा किस विधायक द्वारा उठाया जाएगा।

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राजस्थान विधानसभा का चौथा सत्र एक सितम्बर से, विपक्ष के हंगामे की आशंका, कई विधेयक पर होगी चर्चा

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राजस्थान विधानसभा सत्र के प्रमुख मुद्दे क्या हैं?

राजस्थान विधानसभा के इस सत्र में विपक्ष द्वारा उठाए जाने वाले कुछ प्रमुख मुद्दे हैं:

सड़क निर्माण में भाजपा नेताओं की सहमति पर काम

कांग्रेस इस मुद्दे को उठाने की तैयारी कर रही है, जिसमें आरोप लगाया जाएगा कि भाजपा नेताओं की सहमति से सड़कों का निर्माण किया जा रहा है और इसमें भेदभाव (Discrimination) किया जा रहा है।

विकास कार्यों में भेदभाव

कांग्रेस का आरोप है कि राज्य सरकार विकास कार्यों में भेदभाव कर रही है, जिससे किसानों (Farmers) और ग्रामीणों (Villagers) को नुकसान हो रहा है।

पंचायत-निकाय चुनाव और छात्रसंघ चुनाव

कांग्रेस, पंचायत और निकाय चुनाव को जल्द कराने की मांग कर रही है, ताकि स्थानीय प्रतिनिधित्व (Local Representation) मजबूत हो सके।

स्कूल दुर्घटना में बच्चों की मौत और जर्जर स्कूल भवनों की मरम्मत

कांग्रेस का यह भी कहना है कि स्कूलों में दुर्घटनाएं (Accidents in Schools) बढ़ रही हैं और जर्जर भवनों की मरम्मत के लिए सरकार को तत्काल कदम उठाने चाहिए।

स्मार्ट मीटर पर जनता में आक्रोश

स्मार्ट मीटर के कारण उपभोक्ताओं में भारी नाराजगी है, और विपक्ष सरकार से इसे वापस लेने की मांग करेगा।

अतिवृष्टि और फसल खराबे पर मुआवजा

किसानों की फसल (Crops) खराब हो गई है और मुआवजा (Compensation) की मांग की जा रही है। इस पर सरकार से सवाल पूछा जाएगा कि वह किस प्रकार किसानों के नुकसान की भरपाई करेगी।

किसानों को खाद-बीज की समस्या

विपक्ष ने किसानों को खाद (Fertilizer) और बीज (Seeds) उपलब्ध कराने में हो रही समस्याओं को प्रमुखता से उठाने का निर्णय लिया है।

राज्य सरकार और विपक्ष दोनों ही इस सत्र को लेकर अपनी-अपनी रणनीतियों पर काम कर रहे हैं। जहां सरकार विधेयकों की रूपरेखा तैयार कर रही है, वहीं विपक्ष ने भी अपने बड़े मुद्दों पर सरकार को घेरने की योजना बनाई है। विपक्ष इस बार झालावाड़ स्कूल हादसे को लेकर प्रदेश में सरकारी स्कूलों की जर्जर स्थिति को प्रमुख मुद्दा बनाने की तैयारी में है।

राजस्थान विधानसभा सत्र को लेकर विपक्ष की रणनीति क्या रहेगी?

विधानसभा सत्र (Assembly Session) के पहले दिन विधायक दल की बैठक (Legislative Party Meeting) बुलाई जाएगी। इस बैठक में नेता प्रतिपक्ष (Leader of Opposition) टीकाराम जूली (Tikar Ram Julie) की अध्यक्षता में यह निर्णय लिया जाएगा कि किस विधायक को किस मुद्दे पर शुरुआत करनी चाहिए। सत्र के दौरान, कांग्रेस पार्टी का फोकस अधिकतर इन प्रमुख मुद्दों पर रहेगा।

सत्र के दौरान कम से कम आठ से दस बैठकें (Eight to Ten Meetings) होने की उम्मीद है। कांग्रेस पार्टी इन बैठकों में सत्तापक्ष को घेरने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। विपक्ष के विधायक विधानसभा में सरकार के कामकाज पर सवाल उठाएंगे, जिससे सत्तापक्ष पर दबाव डाला जाएगा।

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राजस्थान विधानसभा क्या है?

  • राजस्थान विधानसभा का गठन 31 मार्च 1952 को हुआ।

  • यह स्वतंत्र भारत के संविधान के प्रावधानों के तहत बनी।

  • राज्य का गठन 30 मार्च 1949 को हुआ था, लेकिन विधानसभा का गठन 1952 में हुआ।

  • पहले विधानसभा में 160 सदस्य थे, बाद में 200 कर दिए गए।

  • राजस्थान विधानसभा एक एकसदनीय विधानमंडल (Unicameral Legislature) है।

  • विधानसभा की जगह जयपुर, राज्य की राजधानी में स्थित है।

  • विधानसभा के सदस्य सीधे जनता द्वारा चुने जाते हैं।

  • सामान्यत: विधानसभा का कार्यकाल 5 साल का होता है।

  • विधानसभा के पुराने भवन का स्थान जयपुर के चारदीवारी क्षेत्र में था, जिसे अब 'सवाई मान सिंह टाउन हॉल' कहा जाता है।

  • 2001 में नया, आधुनिक विधानसभा भवन बनवाया गया, जो देश के सबसे बड़े और आधुनिक विधानसभा भवनों में से एक है।

राजस्थान विधानसभा की सदस्य संख्या और संरचना

  • वर्तमान में विधानसभा में 200 सीटें हैं।

  • 1957 में सदस्य संख्या 160 से बढ़ाकर 176 की गई, क्योंकि अजमेर रियासत का विलय हुआ था।

  • 1967 में सदस्य संख्या बढ़कर 184 हुई।

  • 1977 में सदस्य संख्या 200 तक पहुंचाई गई।

  • सदस्य जनता द्वारा प्रत्यक्ष चुनाव से चुने जाते हैं।

  • वर्तमान विधानसभा के अध्यक्ष भाजपा से वासुदेव देवनानी हैं।

  • विधानसभा में विपक्ष के नेता कांग्रेस से टीकाराम जूली हैं।

  • विधानसभा का संचालन प्रत्यक्ष प्रतिनिधित्व प्रणाली और गुप्त मतदान के आधार पर होता है।

राजस्थान विधानसभा के ऐतिहासिक तथ्य

  • राजस्थान विधानसभा का गठन विभिन्न रियासतों के विलय से हुआ।

  • अजमेर-मेरवाड़ा को भी राजस्थान में मिलाया गया था।

  • विधानसभा ने 1987 में सती (निवारण) अधिनियम पारित किया, जिससे सती प्रथा समाप्त हुई।

  • विधानसभा ने कई सामाजिक और राजस्व सुधारों में अहम भूमिका निभाई।

  • विधानसभा में कई बार अविश्वास और विश्वास प्रस्ताव आए हैं।

विधानसभा की कार्यप्रणाली

  • विधानसभा के सदस्य विधायी मुद्दों पर चर्चा करते हैं और कानून बनाते हैं।

  • वे राज्य के प्रशासन की समीक्षा भी करते हैं।

  • विधानसभा सत्र आमतौर पर साल में दो-तीन बार होते हैं।

  • सदन के कामकाज का प्रमुख हिस्सा अध्यक्ष हैं, जो नियमों का पालन सुनिश्चित करते हैं।

  • विधानसभा के बजट सत्र, मानसून सत्र और शीत सत्र प्रमुख होते हैं।

राजस्थान विधानसभा के अनूठे तथ्य

  • राजस्थान विधानसभा का पहला उद्घाटन 31 मार्च 1952 को हुआ था।

  • वर्तमान विधानसभा भवन 2001 में स्थापित हुआ, और यह पूरी तरह से आधुनिक है।

  • सदस्य संख्या 160 से बढ़कर 200 हो गई।

  • विधानसभा का स्थान जयपुर में है, जो राज्य की विधायी शक्तियों का केंद्र है।

राजस्थान में विधानसभा अध्यक्ष बुलाएंगे सर्वदलीय बैठक 

राजस्थान विधानसभा का सत्र शुरू होने से पहले राजस्थान विधानसभा के स्पीकर वासुदेव देवनानी (Assembly Speaker Vasudev Devnani) ने सर्वदलीय बैठक (All-Party Meeting) बुलाने का निर्णय लिया है। यह बैठक एक सितंबर से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र से पहले होगी। बैठक का उद्देश्य सत्र को सुचारू रूप से चलाने (Conducting Session Smoothly) के लिए रणनीति तैयार करना है।

इस बैठक में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Chief Minister Bhajan Lal Sharma), नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली (Leader of Opposition Tikar Ram Julie), संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल (Parliamentary Affairs Minister Jogaram Patel), बसपा के मनोज कुमार (BSP's Manoj Kumar), भारत आदिवासी पार्टी के थावर चन्द (Thawar Chand of the India Tribal Party), और रालोद के सुभाष गर्ग (Subhash Garg of RLD) को आमंत्रित किया गया है।

इस बैठक में सरकार और विपक्ष दोनों को यह सुनिश्चित करना होगा कि विधानसभा सत्र में कोई अव्यवस्था न हो और सत्र सुचारू रूप से चले (Session Runs Smoothly)।

राजस्थान में विपक्ष के लिए विधानसभा सत्र महत्वपूर्ण क्यों है?

विपक्ष के लिए यह सत्र बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि वह विभिन्न मुद्दों को उठाकर सरकार को कठघरे में खड़ा करना चाहता है। यह मौका विपक्ष के लिए खुद को लोकप्रिय बनाने और जनता के मुद्दों को उठाने का है।

FAQ

1. राजस्थान विधानसभा सत्र में विपक्ष किस मुद्दे को प्रमुखता से उठाएगा?
विपक्ष किसानों की समस्याएं, सड़क निर्माण में भेदभाव, स्वामी विवेकानंद छात्रवृत्ति योजना में कटौती, और स्मार्ट मीटर जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाने की योजना बना रहा है।
2. राजस्थान में कांग्रेस विधायक दल की बैठक कब होगी?
कांग्रेस विधायक दल की बैठक सत्र के पहले दिन बुलाई जाएगी, जिसमें प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
3. राजस्थान विधानसभा की सर्वदलीय बैठक में कौन-कौन उपस्थित होगा?
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल, और अन्य दलों के नेता जैसे मनोज कुमार, थावर चन्द और सुभाष गर्ग बैठक में शामिल होंगे।
4. क्या राजस्थान में विपक्ष स्मार्ट मीटर के मुद्दे को विधानसभा सत्र में उठाएगा?
जी हां, स्मार्ट मीटर पर आक्रोश के मुद्दे को विपक्ष जोर-शोर से सत्र में उठाएगा।
5. राजस्थान विधानसभा के चौथे सत्र के प्रमुख मुद्दे कौन से होंगे?
इस सत्र में किसानों की समस्याएं, स्कूल दुर्घटनाएं, पंचायत चुनाव और विकास कार्यों में भेदभाव जैसे प्रमुख मुद्दे उठाए जाएंगे।

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