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Photograph: (The Sootr)
पॉइंट्स में समझें बागीदौरा विधायक जयकृष्ण पटेल का रिश्वत मामला
- 4 अप्रैल 2025: शिकायतकर्ता रविंद्र सिंह ने एसीबी से संपर्क किया और शिकायत की।
- 5 अप्रैल 2025: डीजी एसीबी रवि प्रकाश ने शिकायत का सत्यापन कराया। विधायक का मोबाइल सर्विलांस पर लिया गया।
- 15 अप्रैल 2025: शिकायतकर्ता एक लाख रुपए देने के लिए बागीदौरा पहुंचा। शिकायतकर्ता से एक लाख रुपए लिए गए।
- 3 मई 2025: शिकायतकर्ता के पास विधायक का कॉल आया और 4 मई को पैसा लेकर जयपुर बुलाया।
- 4 मई 2025: शिकायतकर्ता ने पैसा विधायक को ही देने को कहा। विधायक फ्लैट से पार्किंग में आए और कार में बैठकर पैसा गिना।
- 4 मई 2025 (शाम): एसीबी ने विधायक को गिरफ्तार कर लिया।
- 27 अगस्त 2025 : विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने पटेल के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति दे दी।
- 28 अगस्त 2025: सदाचार समिति ने विधानसभा अध्यक्ष को सौंपी रिपोर्ट
राजस्थान में भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के बागीदौरा विधायक जयकृष्ण पटेल के खिलाफ रिश्वत लेने के आरोप में विधानसभा की सदाचार समिति ने अपनी जांच पूरी कर ली है। यह मामला 4 मई 2025 को उस वक्त सुर्खियों में आया था जब जयकृष्ण पटेल को एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) ने एक रिश्वत प्रकरण में ट्रेप किया था। इस मामले में सदाचार समिति ने पटेल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की सिफारिश की है, जिसमें उनकी विधायकी खत्म करने तक की सिफारिश भी हो सकती है।
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आज सौंपी जाएगी सदाचार समिति की रिपोर्ट
सदाचार समिति के अध्यक्ष कैलाश वर्मा ने 28 अगस्त 2025 को विधानसभा स्पीकर वासुदेव देवनानी को रिपोर्ट सौंपने की योजना बनाई है। इस रिपोर्ट में पटेल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की सिफारिश की गई है, हालांकि इसे अब तक गोपनीय रखा गया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगर रिपोर्ट में विधायक को दोषी ठहराया जाता है, तो उनकी विधायकी समाप्त करने की सिफारिश की जा सकती है।
अगर विधानसभा में सदाचार समिति की रिपोर्ट के आधार पर विधायकों ने वोटिंग के जरिए फैसला लिया और पटेल को दोषी ठहराया गया, तो उनकी विधायकी समाप्त हो सकती है। यह फैसला विधानसभा सत्र के दौरान लिया जाएगा, और अगर बहस के बाद विधायक को दोषी माना गया, तो उनकी सदस्यता समाप्त हो सकती है।
सदन में प्रस्तुत की जाएगी रिपोर्ट
यह रिपोर्ट 1 सितंबर से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में सदन में पेश की जाएगी। इसके बाद सदन में इस रिपोर्ट पर बहस हो सकती है। रिपोर्ट को लेकर अब तक कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया गया है, लेकिन यह स्पष्ट है कि सदाचार समिति ने पूरी जांच प्रक्रिया के बाद अपनी सिफारिशें तैयार की हैं।
बागीदौरा विधायक जयकृष्ण पटेल रिश्वत मामला क्या है?4 मई 2025 को राजस्थान एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने भारत आदिवासी पार्टी विधायक जयकृष्ण पटेल के बंगले से 20 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। इस गिरफ्तारी ने प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी थी क्योंकि यह राजस्थान के इतिहास में पहला मौका था जब कोई विधायक रिश्वत लेते पकड़ा गया। एसीबी के मुताबिक, पटेल ने विधानसभा में खनन विभाग से जुड़े प्रश्नों को डिलीट करने के बदले 10 करोड़ की डिमांड की थी, जो बाद में 2.5 करोड़ में तय हुई। एसीबी ने पहली किश्त के रूप में 20 लाख रुपए लेते हुए जयकृष्ण पटेल को जयपुर स्थित सरकारी आवास पर पकड़ा। हालांकि, उनका एक सहयोगी रिश्वत की राशि लेकर फरार हो गया, जिसे बाद में गिरफ्तार कर लिया गया। | |
विधानसभा की सदाचार समिति को सौंपी थी जिम्मेदारी
राजस्थान विधानसभा स्पीकर वासुदेव देवनानी ने इस मामले की जांच के लिए विधानसभा की सदाचार समिति को जिम्मेदारी सौंपी थी। सदाचार समिति विधायकों के आचरण से संबंधित मामलों की जांच करती है, और यदि किसी विधायक पर गंभीर दुराचरण का आरोप सिद्ध होता है, तो कार्रवाई की सिफारिश भी की जाती है।
रिश्वत लेते पकड़े गए विधायक जयकृष्ण पटेल कौन हैंबांसवाड़ा जिले की आनंदपुरी तहसील के कानेला गांव निवासी जयकृष्ण पटेल जून 2024 में पहली बार विधायक बने। हालांकि उन्होंने नवंबर 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में भी किस्मत आजमाई थी लेकिन उन्हें भाजपा के महेंद्रजीत सिंह मालवीय के सामने 41,35 वोटों से हार का सामना करना पड़ा। 2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले महेंद्रजीत सिंह मालवीय ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया और वे भाजपा में शामिल हो गए। इससे बागीदौरा विधानसभा सीट खाली हो गई। लोकसभा चुनाव के साथ जून 2024 में बागीदौरा विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ। इस उपचुनाव में बीएपी प्रत्याशी के रूप में जयकृष्ण पटेल चुनाव मैदान में उतरे। पटेल ने भाजपा के सुभाष तंबोलिया को 51434 वोटों से हरा दिया और पहली बार जीत दर्ज कर ली। | |
सदाचार समिति की जांच प्रक्रिया
सदाचार समिति ने एसीबी समेत अन्य संबंधित एजेंसियों से भी इस मामले की विस्तृत जांच की। इस जांच में विधायक जयकृष्ण पटेल के बयान, दस्तावेज और अन्य सुरागों को ध्यान में रखते हुए पूरी प्रक्रिया की गई। इसके बाद समिति ने अपने निष्कर्षों को तैयार किया। समिति ने विधायक से भी उनका पक्ष लिया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उन्हें उचित सुनवाई का मौका मिले।
सदाचार समिति की सिफारिशें क्या हैं?
विधायक जयकृष्ण पटेल पर सदाचार समिति की रिपोर्ट में पटेल की भूमिका को लेकर पूरी जांच की गई है। समिति का मानना है कि अगर पटेल दोषी पाए गए तो उनकी विधायकी खत्म करने तक की सिफारिश की जा सकती है। इस मामले में समिति ने सभी पहलुओं पर विचार किया है, और अपनी सिफारिशों को तैयार किया है।
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