राजस्थान में खांसी की सिरप से बच्चों की मौत का सिलसिला नहीं थम रहा : एक और मामला आया सामने

राजस्थान में सरकारी अस्पतालों से मिली खांसी की सिरप के सेवन के बाद बच्चों की मौत के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। चूरू से लेकर भरतपुर, सीकर तक बच्चों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है।

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Gyan Chand Patni
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राजस्थान में खांसी की सिरप पीने से बच्चों की मौत का सिलसिला लगातार जारी है। सरकार के मुताबिक, मामले की जांच चल रही है, लेकिन परिजनों का कहना है कि यह सिरप ही बच्चों की मौत का कारण बनी। शनिवार को चूरू में 6 साल के बच्चे की मौत के बाद इस मामले ने एक नया मोड़ लिया। इससे पहले भरतपुर और सीकर के तीन बच्चों की मौत इसी सिरप के सेवन के बाद हो चुकी थी। राजस्थान में कफ सिरप से बच्चों की मौत के बढ़ते मामले चिंताजनक है।

परिजनों का आरोप है कि बच्चों को सरकारी अस्पतालों से प्राप्त खांसी की सिरप दी गई और इसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ी। हालांकि, राज्य सरकार ने इन दावों को निराधार बताया और यह कहा कि दवा की जांच पहले ही की जा चुकी है। चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने जोधपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि बच्चों की मौत सिरप पीने से नहीं हुई है, बल्कि इसकी जांच की जा चुकी है और एक नई जांच के आदेश दिए गए हैं।

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पहला मामला भरतपुर में 

18 सितंबर को राजस्थान के भरतपुर जिले में एक बेहद दुखद घटना घटी। सेवर थाना इलाके के मलाह गांव की रहने वाली ज्योति ने अपने 2 साल के बेटे सम्राट, 4 साल की बेटी साक्षी और बड़े बेटे विराट को खांसी-जुकाम की दवा दी थी। बच्चों को उप स्वास्थ्य केंद्र से खांसी की सिरप दी गई थी, जिसके बाद तीनों बच्चे करीब 5 घंटे तक गहरी नींद में सोते रहे।

साक्षी और विराट को होश आ गया, लेकिन सम्राट को होश नहीं आया। उसे भरतपुर के जनाना हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उसकी हालत गंभीर थी। डॉक्टरों ने उसे जयपुर रेफर किया, लेकिन 22 सितंबर को जयपुर के जेके लोन हॉस्पिटल में उसे मृत घोषित कर दिया।

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दूसरा मामला वैर क्षेत्र का  

23 सितंबर को भरतपुर जिले के वैर क्षेत्र के लुहासा गांव में निहाल सिंह के दो बच्चों की तबीयत खराब हो गई। बच्चों को खांसी, बुखार और जुकाम की शिकायत थी। निहाल सिंह ने बच्चों को सरकारी अस्पताल ले जाकर खांसी की सिरप दी। इसके बाद, छोटे बेटे तीर्थराज को दवा दी गई, लेकिन कुछ समय बाद वह 4 घंटे तक सोता रहा। जब परिवार ने देखा कि बच्चा जागा नहीं है, तो उसे हॉस्पिटल ले जाया गया। तीर्थराज को जयपुर के जेके लोन हॉस्पिटल रेफर किया गया, लेकिन 27 सितंबर को उसकी भी मौत हो गई। 

तीसरा मामला  सीकर जिले का

सीकर जिले के खोरी ब्राह्मणान गांव में 5 साल के नितियांस शर्मा की 29 सितंबर को मौत हो गई। उसके परिजनों का कहना है कि बच्चे को खांसी-जुकाम के लिए खांसी की सिरप दी गई थी। उसे सीएचसी से दवा मिली थी, और रात को दवा लेने के बाद उसे हिचकी आई, जिससे उसकी हालत और बिगड़ गई। अगले दिन सुबह उसे मृत घोषित कर दिया गया।

चौथा मामला, चूरू में कफ सिरप से बच्चे की मौत

चूरू जिले के 6 साल के बच्चे अनस की मौत का मामला हाल ही में सामने आया। अनस को खांसी-जुकाम था और परिवार ने उसे खांसी की सिरप दी थी। 4 दिन बाद, अनस की तबीयत और बिगड़ने के बाद उसे जेके लोन हॉस्पिटल रेफर किया गया। शुरुआती जांच में यह पाया गया कि उसे दिमागी बुखार था, लेकिन परिजनों का दावा है कि सिरप पीने के बाद बच्चे की हालत बिगड़ी और बाद में उसकी मौत हो गई। 

चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर का दावा

राज्य सरकार ने इन मौतों के बाद कहा है कि बच्चों की मौत कफ सिरप पीने से नहीं हुई। चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बताया कि दवा की जांच पहले ही की जा चुकी है और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की पुष्टि नहीं हुई है। हालांकि, एक और कमेटी गठित की जा रही है, जो इस मुद्दे की गहराई से जांच करेगी।

सरकारी दवा की जांच दो बार की जा चुकी है और इसे लेकर सरकार ने पूरी तरह से पारदर्शिता बनाए रखने की बात की है। दवा के संयोजन में कोई खतरनाक तत्व नहीं पाया गया है। इसके बावजूद सरकार मामले की जांच को लेकर गंभीर है।

क्या राजस्थान में खांसी की सिरप खतरे का कारण बन रही है?

यह सवाल उठता है कि क्या खांसी की सिरप बच्चों के लिए खतरनाक हो सकती है? चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी दवा के अत्यधिक सेवन से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। सा​थ ही कोई भी दवा डॉक्टर से परामर्श के बाद ही दी जानी चाहिए। स्पष्ट करना जरूरी है कि सिरप की गुणवत्ता और उसकी खुराक सही होनी चाहिए। सरकारी अस्पतालों द्वारा दी जा रही सिरप की गुणवत्ता और सुरक्षित उपयोग की जांच में पारदर्शिता बनाए रखना जरूरी है, ताकि किसी भी प्रकार की दुर्घटना को रोका जा सके।

FAQ

1. राजस्थान में बच्चों की मौत का कारण क्या है?
परिजनों का दावा है कि बच्चों की मौत सरकारी हॉस्पिटल से मिली खांसी की सिरप (Cough Syrup) के सेवन के कारण हुई है, हालांकि सरकार ने दवा को सुरक्षित बताया है।
2.खांसी की सिरप पीने के बाद क्या हुआ ?
सिरप पीने के बाद बच्चों की हालत बिगड़ गई, और उनमें से कुछ बेहोश हो गए थे। 4 बच्चों की मौत हो गई।
3.सरकार ने इस मामले में क्या कार्रवाई की है?
सरकार ने दवा की जांच की है और एक नई कमेटी बनाई है, जो फिर से इस मामले की जांच करेगी।
4.क्या इस सिरप से बच्चों के स्वास्थ्य पर असर हो सकता है?
खांसी की सिरप का अत्यधिक सेवन बच्चों के स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है। दवा का सेवन हमेशा निर्धारित खुराक में ही करना चाहिए और डॉक्टर की सलाह से ही दवा ली जानी चाहिए।

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