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राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राज्य में सरकारी भवनों की स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए यह भी साफ किया कि भविष्य में किसी भी दुर्घटना के परिणामस्वरूप जनहानि होने पर व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि वे क्षतिग्रस्त या जीर्ण-क्षीर्ण भवनों की मरम्मत शीघ्र करें। इस तरह के भवनों की मरम्मत से किसी भी संभावित दुर्घटना से बचा जा सकेगा। सरकारी भवन मरम्मत के अभाव में हादसों की वजह बन रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने क्या दिए निर्देश
मुख्यमंत्री ने बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें जर्जर भवनों की मरम्मत और निरीक्षण पर विशेष ध्यान दिया गया।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे पिछले 6 वर्षों में बने सभी सरकारी भवनों, स्कूलों और आंगनबाड़ियों की सूची बनाकर एक विशेष राज्य स्तरीय कमेटी का गठन करें, जो इन भवनों की गुणवत्ता की जांच कर सके।
क्या रुक पाएंगे हादसे
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे क्षतिग्रस्त भवनों की मरम्मत के लिए आपदा प्रबंधन मद से स्वीकृति प्राप्त करें और समय पर प्रस्ताव तैयार कर कार्य प्रारंभ करें। इस निर्देश का उद्देश्य जर्जर भवनों की त्वरित मरम्मत को सुनिश्चित करना है ताकि कोई भी अप्रत्याशित घटना न हो।
ग्रामीण क्षेत्रों में मरम्मत पर विशेष ध्यान
मुख्यमंत्री शर्मा ने खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में बने भवनों की मरम्मत और रख-रखाव पर जोर दिया। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे सरकारी कर्मचारियों से सुनिश्चित करवाएं कि जर्जर भवनों की जानकारी तुरंत संबंधित अधिकारियों को दी जाए। इस कदम से मरम्मत कार्यों में त्वरित गति लाई जा सकेगी।
जर्जर आंगनबाड़ी केंद्र
मुख्यमंत्री ने आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कई आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन जर्जर हो चुके हैं और उनकी मरम्मत पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
उन्होंने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि इन केंद्रों का अनिवार्य निरीक्षण किया जाए और जहां भी आवश्यकता हो, उन्हें सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जाए।
राज्य सरकार ने 2025-26 के बजट में इन आंगनबाड़ी केंद्रों की मरम्मत के लिए 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इसके अलावा, अधिकारियों ने बताया कि सभी जीर्ण-क्षीर्ण आंगनबाड़ी केंद्रों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है।
क्या है क्षतिग्रस्त स्कूलों - अस्पतालों की मरम्मत योजना
मुख्यमंत्री शर्मा ने सार्वजनिक निर्माण विभाग, शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से कहा कि वे सभी सरकारी कार्यालयों का तत्काल निरीक्षण करें, विशेष रूप से स्कूलों, अस्पतालों और अन्य सार्वजनिक भवनों का।
उन्होंने इन भवनों की मरम्मत के लिए जिलेवार रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए ताकि सभी मरम्मत कार्य शीघ्र शुरू किए जा सकें।
बैठक में विभिन्न विभागों ने क्षतिग्रस्त और जीर्ण-क्षीर्ण भवनों और उनकी मरम्मत संबंधी रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि राज्य सरकार भवनों की मरम्मत के लिए गंभीर प्रयास कर रही है।
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