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Photograph: (TheSootr)
Jaipur. राजस्थान के धौलपुर जिला अस्पताल में एक महिला कर्मचारी ने प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. विजय सिंह पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। इस घटना के बाद महिला ने महिला पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है और इस मामले की जांच पुलिस द्वारा की जा रही है। यह मामला तब सामने आया जब पीएमओ का 30 सितंबर 2025 को रिटायरमेंट है।
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29 अगस्त 2025 की घटना
पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया कि 29 अगस्त 2025 को मचकुंड मेले के अगले दिन प्रमुख चिकित्सा अधिकारी विजय सिंह ने उसे घर पर बुलाया था। महिला कर्मचारी का आरोप है कि जब वह आरोपी के घर पहुंची, तो पीएमओ ने उसे जबरन पकड़ लिया और उसके साथ अश्लील हरकतें शुरू कर दीं। पीड़िता के अनुसार, यह घटना बहुत डरावनी थी, और उसने किसी तरह आरोपी के घर से बाहर भाग कर अपनी जान बचाई।
पीड़िता की प्रतिक्रिया और आरोपी पर आरोप
पीड़िता ने यह भी बताया कि जब उसने इस घटना की जानकारी अपने साथियों को दी, तो पीएमओ ने उस पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। आरोपी ने उसे धमकाने की कोशिश की और मामले को दबाने के लिए उसे धमकी दी। हालांकि, महिला कर्मचारी ने डर के बावजूद शिकायत दर्ज करने का फैसला किया।
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पुलिस द्वारा की जा रही जांच
महिला थाना पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि जब तक मामले की जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक आरोपी के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाएगा। पुलिस के मुताबिक, इस मामले की जांच के बाद ही कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पीड़िता का बयान और जांच का प्रक्रिया
महिला कर्मचारी ने अपने बयान में कहा कि उसे यकीन है कि आरोपी को सजा मिलेगी, क्योंकि उसने जो किया वह पूरी तरह से गलत था। पुलिस ने कहा है कि इस मामले में गवाहों के बयान और घटना की अन्य परिस्थितियों की जांच की जाएगी। महिला थाना पुलिस की टीम अब इस मामले में हर पहलू की जांच कर रही है।
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मामले पर धौलपुर जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी विजय सिंह ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि महिला कर्मचारी का ट्रांसफर दूसरे वार्ड में किया गया था, और इसी वजह से महिला कर्मचारी ने उनके चरित्र पर झूठे आरोप लगाए हैं। पीएमओ का कहना है कि इस मामले के पीछे कुछ लोग साजिश कर रहे हैं। विजय सिंह ने आरोपों को पूरी तरह से नकारते हुए कहा कि उनका ऐसा कोई इरादा नहीं था, और उन्हें इस मामले में फंसाया जा रहा है।
महिला कर्मचारियों के लिए सुरक्षा की आवश्यकता
यह मामला इस बात को उजागर करता है कि महिला कर्मचारियों की सुरक्षा और उनके खिलाफ होने वाले यौन उत्पीड़न के मामलों में सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है। स्वास्थ्य सेवाओं में कार्यरत महिलाएं अक्सर ऐसे खतरों का शिकार होती हैं और उनके लिए एक सुरक्षित कार्य वातावरण जरूरी है।
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संस्थाओं की जिम्मेदारी
यह घटना अस्पतालों और अन्य संस्थाओं के लिए एक चेतावनी है कि उन्हें महिला कर्मचारियों के लिए एक सुरक्षित कार्य वातावरण सुनिश्चित करना चाहिए। छेड़छाड़ या उत्पीड़न के मामलों में तत्काल और प्रभावी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि महिलाओं को विश्वास हो सके कि उनके अधिकारों की रक्षा की जाएगी।
कार्यस्थल पर महिलाओं से छेड़छाड़ को लेकर क्या कानून हैं?
कानून के मुख्य प्रावधान:
इसके अतिरिक्त:
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कानूनी प्रक्रिया और महिला अधिकार
इस घटना में न्याय की प्रतीक्षा कर रही महिला कर्मचारी को पूरी उम्मीद है कि आरोपी को कड़ी सजा मिलेगी। भारत में महिलाओं के खिलाफ हिंसा और उत्पीड़न के मामलों में कानून बहुत सख्त है। महिलाओं के अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ रही है, और ऐसे मामलों में पुलिस और न्यायालयों की भूमिका महत्वपूर्ण है।
सख्त कानूनों की आवश्यकता
धौलपुर पीएमओ पर छेड़छाड़ का आरोप की यह घटना यह भी दिखाती है कि हमें महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा के मामलों में सख्त कानूनों की आवश्यकता है। अस्पतालों और कार्यस्थलों पर महिलाओं को सुरक्षित रखने के लिए संस्थाओं को और ज्यादा जागरूक और जिम्मेदार बनने की जरूरत है।