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राजस्थान सरकार ने भ्रष्ट आचरण और काम में गंभीर लापरवाही के 15 मामलों में 28 अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ अलग-अलग कार्रवाई करने की मंजूरी दी है। इन मामलों में रिश्वत लेने और नियमों के खिलाफ काम करने के आरोप शामिल हैं। इसके तहत दो आरएएस अफसरों को सस्पेंड करने का आदेश दिया गया है, वहीं 13 अफसरों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों में मुकदमा चलाने की मंजूरी दी गई है। राजस्थान में 28 अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई से सही संदेश गया है।
13 अफसरों के खिलाफ मुकदमा
सरकार ने भ्रष्टाचार से जुड़े तीन मामलों में 13 अफसरों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति दी है, जिससे अब इन अफसरों पर भ्रष्टाचार के आरोप में मुकदमे चलेंगे। इस कार्रवाई के बाद, राजस्थान के सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार को लेकर कड़ी कार्रवाई की संभावना है।
राजस्थान में दो अफसरों की पेंशन रोकी
भ्रष्टाचार के मामलों में दोषी पाए जाने वाले अफसरों की पेंशन भी रोकने का निर्णय लिया गया है। दो अफसरों की पूरी पेंशन को रोकने का फैसला किया गया है, वहीं तीन मामलों में दोषी पाए गए पांच अफसरों की समानुपातिक पेंशन राशि भी रोक दी जाएगी।
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क्या हैं प्रमुख निर्णयराजस्थान में भ्रष्टाचार और लापरवाही के मामलों में कार्रवाई 13 अफसरों के खिलाफ मुकदमा : सरकार ने भ्रष्टाचार के तीन मामलों में 13 अफसरों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है। इन अफसरों पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं और अब इनके खिलाफ अदालत में मामले चलेंगे। पेंशन में कटौती : भ्रष्टाचार के मामलों में दोषी पाए गए अफसरों की पेंशन को रोकने का फैसला लिया गया है। दो अफसरों की पूरी पेंशन और पांच अफसरों की समानुपातिक पेंशन राशि रोकी जाएगी। चुनाव कार्य में लापरवाही : एक एसडीओ और एक तहसीलदार को चुनाव कार्य में लापरवाही के कारण चार्जशीट दी जाएगी और विभागीय कार्रवाई शुरू की जाएगी। जबरन रिटायरमेंट और प्रिंसिपल के खिलाफ एक्शन : एक कर्मचारी को ड्यूटी में लापरवाही के कारण जबरन रिटायर किया जाएगा। इसके अलावा, एक प्रिंसिपल के खिलाफ भी क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर कार्यवाही करने पर कार्रवाई की जाएगी। | |
चुनाव कार्य में लापरवाही की सजा
चुनाव कार्य में लापरवाही बरतने के आरोप में एक एसडीओ और तहसीलदार के खिलाफ चार्जशीट दी जाएगी। राजस्थान सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण अपील) नियम, 1958 के नियम 16 के तहत दोनों अफसरों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की जाएगी।
जबर्दस्ती रिटायरमेंट
एक सरकारी कर्मचारी को ड्यूटी में लापरवाही और लंबे समय तक गायब रहने के आरोप में जबरन रिटायर किया जाएगा। यह कदम सरकारी कामकाजी जीवन में अनुशासन बनाए रखने के उद्देश्य से उठाया गया है।
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आरपीएस अफसर के खिलाफ कार्रवाई
एक आरपीएस अफसर के खिलाफ नियम-34 के तहत कार्रवाई को बरकरार रखा गया है। आरपीएस अफसर ने सीएम के सामने रिव्यू याचिका दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया और पहले के फैसले को कायम रखा गया।
प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई
रिटायरमेंट के बाद जांच में आरोप प्रमाणित पाए जाने पर एक प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई की मंजूरी राज्यपाल से प्राप्त की गई। नियम 17-सीसीए के तहत क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर कार्यवाही करने पर यह कदम उठाया गया है।