राजस्थान में रिफाइनरी को रेलवे नेटवर्क से जोड़ने की तैयारी, 35 साल बाद दौड़ेगी पचपदरा-बालोतरा रेल

राजस्थान में पचपदरा रिफाइनरी को सीधे रेलवे नेटवर्क से जोड़ने की योजना पर काम शुरू हो गया है। लगभग 35 वर्षों के बाद बालोतरा से पचपदरा के बीच रेल सेवा फिर से शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है। उत्तर पश्चिम रेलवे ने प्रस्ताव तैयार कर बोर्ड को भेज दिया है।

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Kamlesh Keshote
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Photograph: (the sootr)

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Jaipur. राजस्थान में पचपदरा रिफाइनरी को सीधे रेलवे नेटवर्क से जोड़ने की योजना पर काम शुरू हो गया है। लगभग 35 वर्षों के बाद बालोतरा से पचपदरा के बीच रेल सेवा फिर से शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है। उत्तर पश्चिम रेलवे ने इस रेल परियोजना के लिए एक महत्वाकांक्षी प्रस्ताव तैयार किया है और इसे रेलवे बोर्ड को भेजा है। जैसे ही बोर्ड से मंजूरी मिलेगी। इस परियोजना पर काम शुरू हो जाएगा।

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औद्योगिक विकास के लिए महत्वपूर्ण 

यह रेल कनेक्टिविटी सिर्फ रिफाइनरी के संचालन के लिए ही नहीं। बल्कि पश्चिमी राजस्थान के औद्योगिक विकास के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण साबित होगी। इस नए रेलवे रूट के माध्यम से क्षेत्र में उद्योग, रोजगार और निवेश के नए अवसर पैदा होंगे। इससे क्षेत्र का औद्योगिक कॉरिडोर मजबूत होगा। रिफाइनरी से प्रतिदिन हजारों टन पेट्रोलियम उत्पादों का उत्पादन होगा। यदि इसे रेलवे के जरिए ढोया जाता है, तो रेलवे को सालाना सैकड़ों करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा। इस लाइन के निर्माण से पहले एक सर्वेक्षण किया जाएगा। जिसमें लगभग 33 लाख रुपए खर्च होने का अनुमान है।

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स्थानीय लोगों में परियोजना से उत्साह 

स्थानीय लोग इस परियोजना के प्रति उत्साहित हैं। क्योंकि यह एक पुराना रूट है। जिस पर पहले ट्रेन चलती थी। पचपदरा का नमक उद्योग और 1992 में बंद हुई ट्रेन इसके साथ जुड़े हुए हैं। 1939 में अंग्रेजी सरकार ने नगर सेठ गुलाब चंद के आग्रह पर बालोतरा से पचपदरा तक रेलवे ट्रैक बिछाया था। जिससे नमक का परिवहन आसान हो गया था। 1990 की बाढ़ में रेलवे ट्रैक क्षतिग्रस्त होने के बाद यह ट्रेन बंद कर दी गई थी।

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नए उद्योग स्थापित होने की संभावना 

रिफाइनरी के नए साल में शुरू होने और आसपास के क्षेत्रों में पेट्रोजोन जैसे नए उद्योग स्थापित होने की संभावना के कारण यह रेल कनेक्शन और भी महत्वपूर्ण हो गया है। जानकारों का मानना है कि डीएफसी (डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर) से जुड़ने के बाद रिफाइनरी प्रोडक्ट्स और अन्य उत्पादों के आदान-प्रदान में गति आएगी। स्थानीय प्रतिनिधियों और निवासियों ने भी उम्मीद जताई है कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर नए साल में काम शुरू होगा।

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मुख्य बिंदु 

रिफाइनरी के लिए सुविधा: यह रेल कनेक्टिविटी पचपदरा रिफाइनरी के संचालन को सुविधाजनक बनाएगी और पश्चिमी राजस्थान के औद्योगिक विकास को तेज़ करेगी। इससे उद्योग, रोजगार और निवेश के नए अवसर उत्पन्न होंगे।

रेलवे बोर्ड से मंजूरी: सर्वेक्षण के बाद जैसे ही रेलवे बोर्ड से मंजूरी मिलती है। इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो जाएगा। 35 साल बाद इस क्षेत्र में फिर से रेल सेवा शुरू हो सकती है।

परिवहन सुविधा: रेलवे लाइन रिफाइनरी से उत्पादों के परिवहन को आसान बनाएगी और इस क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण औद्योगिक विकास के अवसर प्रदान करेगी। इससे रेलवे को अतिरिक्त राजस्व भी मिलेगा।

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