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Photograph: (the sootr)
Jaipur. राजस्थान में जनगणना की तैयारियों को लेकर राज्य सरकार ने एक सख्त चेतावनी जारी की है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई व्यक्ति जनगणना के कार्य में रुकावट डालता है या इसे करने से मना करता है, तो उसे एक हजार रुपए जुर्माना या तीन साल तक की सजा हो सकती है। यह आदेश शहरी निकायों, तहसील, उपखंड, जिला और संभाग स्तर पर जनगणना अधिकारियों की नियुक्ति से जुड़ी अधिसूचना में जारी किया गया है।
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जनगणना अधिकारियों की नियुक्ति
राज्य सरकार की ओर से जारी की गई अधिसूचना के तहत संभागीय आयुक्त को संभागीय जनगणना अधिकारी नियुक्त किया गया है। जिले स्तर पर जिला कलेक्टर को प्रमुख जनगणना अधिकारी बनाया गया है। इसके अलावा, नगर निगम आयुक्त को निगम सीमा का प्रमुख जनगणना अधिकारी नियुक्त किया गया है। जिले में अतिरिक्त कलेक्टर को जिला जनगणना अधिकारी की जिम्मेदारी दी गई है। जबकि जिला सांख्यिकी कार्यालय के संयुक्त या उप निदेशक को उप जिला जनगणना अधिकारी नियुक्त किया गया है।
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उपखंड और तहसील स्तर पर जनगणना अधिकारी
राज्य सरकार ने उपखंड स्तर पर उपखंड अधिकारी को उपखंड जनगणना अधिकारी की जिम्मेदारी दी है। तहसील स्तर पर तहसीलदार को चार्ज जनगणना अधिकारी और नायब तहसीलदार को अतिरिक्त चार्ज जनगणना अधिकारी नियुक्त किया गया है। इसके अतिरिक्त नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त या नगर परिषद आयुक्त को नगर जनगणना अधिकारी की जिम्मेदारी दी गई है। नगर निगम के जोन उपायुक्त, नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी और राजस्व अधिकारी को भी अपने-अपने क्षेत्रों में चार्ज या अतिरिक्त चार्ज जनगणना अधिकारी के रूप में कार्य सौंपे गए हैं।
जनगणना अधिकारियों के अधिकार
राज्य सरकार ने इन सभी अधिकारियों को यह अधिकार भी दिया है कि वे आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त जनगणना अधिकारियों की नियुक्ति कर सकते हैं। यह निर्णय जनगणना प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने और कार्य में कोई रुकावट न आने देने के लिए लिया गया है।
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2027 तक पूरी होगी जनगणना
भारत की 16वीं जनगणना 2025 में होगी। जबकि इसे 2021 में आयोजित किया जाना था। लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था। अब यह जनगणना 2025 में शुरू होगी और दो चरणों में पूरी होगी। पहला चरण जून 2025 में डेटा संग्रह की शुरुआत के साथ होगा। जबकि दूसरा चरण मार्च 2027 तक आधिकारिक गणना के रूप में संपन्न होगा। इस जनगणना में देश की जनसंख्या, जाति और अन्य सामाजिक-आर्थिक जानकारी को डिजिटल रूप से एकत्र किया जाएगा। जो भविष्य में सरकारी योजनाओं और नीतियों के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी।
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मुख्य बिंदु
जुर्माना या 3 साल सजा: यदि कोई व्यक्ति जनगणना के कार्य में रुकावट डालता है या इसे करने से मना करता है, तो उसे एक हजार रुपए जुर्माना या तीन साल तक की सजा हो सकती है।
अफसरों की नियुक्ति: राज्य सरकार ने विभिन्न स्तरों पर जनगणना अधिकारियों की नियुक्ति की है। जिसमें जिला कलेक्टर, उपखंड अधिकारी, तहसीलदार और नगर निगम आयुक्त शामिल हैं।
दो चरण में जनगणना: जनगणना 2025 में दो चरणों में होगी: पहला चरण जून 2025 में शुरू होगा, जिसमें डेटा संग्रह होगा, और दूसरा चरण मार्च 2027 तक आधिकारिक गणना के रूप में पूरा होगा। इसमें डिजिटल डेटा संग्रहण किया जाएगा।
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