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Photograph: (The Sootr)
कांग्रेस (Indian National Congress) के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने राजस्थान (Rajasthan) के अलवर जिले में स्थित सरिस्का टाइगर रिजर्व (Sariska Tiger Reserve) में माफिया की सक्रियता और सीटीएच (क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट) मामले में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। सिंह ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग करते हुए कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे को लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा में प्रमुखता से उठाएगी।
सीटीएच मामला क्या है?
सीटीएच (Critical Tiger Habitat) एक ऐसा क्षेत्र है जिसे बाघों के संरक्षण के लिए विशेष रूप से चिन्हित किया गया है। इसे बाघों का मुख्य आवास माना जाता है। राजस्थान सरकार ने सरिस्का टाइगर रिजर्व में सीटीएच के ड्राफ्ट को पेश किया था, लेकिन इस पर सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर सवाल उठाए थे। सीटीएच के ड्राफ्ट में खनन गतिविधियों की अनुमति देने का प्रस्ताव था, जो सरिस्का के प्राकृतिक वातावरण और बाघों के संरक्षण के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकता था।
सरिस्का टाइगर रिजर्व का परिचय
राजस्थान के अलवर जिले में स्थित सरिस्का टाइगर रिजर्व, भारत के प्रमुख वन्यजीव संरक्षित क्षेत्रों में से एक है। यह रिजर्व बाघों, तेंदुओं, और अन्य वन्यजीवों की प्राकृतिक आवास व्यवस्था के लिए प्रसिद्ध है। सरिस्का को विशेष महत्व इस कारण से भी प्राप्त है क्योंकि यह राज्य का एक प्रमुख पर्यावरणीय स्थल है, जहां विभिन्न प्रकार के वन्यजीवों का संरक्षण किया जाता है।
सरिस्का टाइगर रिजर्व के बारे में जानें
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सीटीएच ड्राफ्ट को लेकर कांग्रेस नेता जितेंद्र सिंह ने क्या आरोप लगाए?
जितेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि इस ड्राफ्ट के प्रस्ताव में राज्य सरकार की ओर से अवैध तरीके से भारी भ्रष्टाचार किया गया है। उनका कहना है कि केंद्र सरकार ने इस मामले में जिस तेजी से कार्रवाई की, वह भ्रष्टाचार की ओर इशारा करती है। उन्होंने कहा कि इस मामले में भ्रष्टाचार की बू आ रही है और इसलिए सीबीआई से इस मामले की जांच की मांग की है।
सीटीएच ड्राफ्ट पर सुप्रीम कोर्ट का क्या आदेश है?
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए राज्य सरकार के ड्राफ्ट को खारिज कर दिया और स्पष्ट निर्देश दिए कि सरिस्का में खनन गतिविधि तभी शुरू होगी जब अदालत की अनुमति प्राप्त होगी। अदालत ने राज्य सरकार की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए और कहा कि कैसे इतने कम समय में विभिन्न बोर्डों से अनुमोदन प्राप्त कर लिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 23 जून को राज्य बोर्ड ऑफ वाइल्डलाइफ ने इसे पास किया और 25 जून को एनटीसीए और 26 जून को नेशनल बोर्ड ऑफ वाइल्डलाइफ ने इसे मंजूरी दे दी, जबकि यह प्रक्रिया पारदर्शी नहीं थी और इसका कोई वैज्ञानिक या पर्यावरणीय आधार नहीं था।
सीटीएच मुद्दे पर कांग्रेस की भूमिका
जितेंद्र सिंह ने इस मामले में कांग्रेस पार्टी की सक्रिय भूमिका का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इस मुद्दे को विधानसभा और संसद में उठाने का निर्णय लिया है और जल्द ही राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और जयराम रमेश के नेतृत्व में इस मुद्दे को लेकर संसद में आवाज उठाई जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश सरिस्का के लिए ऐतिहासिक जीत
कांग्रेस नेता जितेंद्र सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सरिस्का टाइगर रिजर्व और उसके बाघों के लिए एक ऐतिहासिक जीत बताया है। उन्होंने कहा किसुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब सरिस्का में खनन गतिविधियां शुरू नहीं हो सकेंगी। इससे यह सुनिश्चित हो सकेगा कि बाघों का आवास सुरक्षित रहेगा।
सीटीएच ड्राफ्ट को खारिज करना: क्या महत्वपूर्ण है?
सीटीएच ड्राफ्ट को सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज करना पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यदि यह ड्राफ्ट पास हो जाता, तो सरिस्का में खनन कार्यों से प्राकृतिक संसाधनों और बाघों के आवास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता था। कोर्ट का यह आदेश सरिस्का के बाघों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
सीटीएच मामले पर कांग्रेस आगे क्या करेगी
अब, कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे को और गहराई से उठाने के लिए संसद में भी सीबीआई जांच की मांग करेगी। साथ ही, पर्यावरण संरक्षण संगठनों और वन्यजीवों के लिए काम करने वाले व्यक्तियों की ओर से भी इस फैसले की सराहना की जा रही है।
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