सरिस्का सीटीएच की हो सीबीआई जांच, कांग्रेस ने कहा-माफिया स​क्रिय, जमकर भ्रष्टाचार

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जितेंद्र सिंह ने राजस्थान के सरिस्का टाइगर रिजर्व में माफिया की सक्रियता और सीटीएच मामले में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए, सीबीआई जांच की मांग की।

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Nitin Kumar Bhal
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Photograph: (The Sootr)

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कांग्रेस (Indian National Congress) के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने राजस्थान (Rajasthan) के अलवर जिले में स्थित सरिस्का टाइगर रिजर्व (Sariska Tiger Reserve) में माफिया की सक्रियता और सीटीएच (क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट) मामले में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। सिंह ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग करते हुए कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे को लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा में प्रमुखता से उठाएगी।

सीटीएच मामला क्या है?

सीटीएच (Critical Tiger Habitat) एक ऐसा क्षेत्र है जिसे बाघों के संरक्षण के लिए विशेष रूप से चिन्हित किया गया है। इसे बाघों का मुख्य आवास माना जाता है। राजस्थान सरकार ने सरिस्का टाइगर रिजर्व में सीटीएच के ड्राफ्ट को पेश किया था, लेकिन इस पर सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर सवाल उठाए थे। सीटीएच के ड्राफ्ट में खनन गतिविधियों की अनुमति देने का प्रस्ताव था, जो सरिस्का के प्राकृतिक वातावरण और बाघों के संरक्षण के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकता था।

सरिस्का टाइगर रिजर्व का परिचय

राजस्थान के अलवर जिले में स्थित सरिस्का टाइगर रिजर्व, भारत के प्रमुख वन्यजीव संरक्षित क्षेत्रों में से एक है। यह रिजर्व बाघों, तेंदुओं, और अन्य वन्यजीवों की प्राकृतिक आवास व्यवस्था के लिए प्रसिद्ध है। सरिस्का को विशेष महत्व इस कारण से भी प्राप्त है क्योंकि यह राज्य का एक प्रमुख पर्यावरणीय स्थल है, जहां विभिन्न प्रकार के वन्यजीवों का संरक्षण किया जाता है।

 

सरिस्का टाइगर रिजर्व के बारे में जानें

  1. स्थान और क्षेत्रफल

    • सरिस्का टाइगर रिजर्व राजस्थान के अलवर जिले में स्थित है।

    • इसका कुल क्षेत्रफल 1203.34 किमी² है, जिसमें से 881 किमी² कोर टाइगर आवास क्षेत्र और 322.23 किमी² बफर क्षेत्र है।

  2. भौगोलिक विशेषताएँ

    • यह क्षेत्र झाड़ीदार कांटेदार शुष्क वन, शुष्क पर्णपाती वन, घास के मैदान और चट्टानी पहाड़ियों से घिरा हुआ है।

    • सरिस्का की ऊँचाई 300 मीटर से लेकर 722 मीटर (984 से 2,369 फीट) तक होती है।

  3. इतिहास और संरक्षण

    • 1958 में इसे वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया गया था।

    • 1978 में यह भारत के प्रोजेक्ट टाइगर का हिस्सा बना और बाघ अभयारण्य का दर्जा प्राप्त किया।

    • 1982 में इसे राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था, जो वन्यजीव संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था।

  4. विविध पारिस्थितिकी तंत्र

    • सरिस्का उत्तरी अरावली तेंदुए और वन्यजीव गलियारे का महत्वपूर्ण जैव विविधता क्षेत्र है।

    • यह अरावली पर्वतमाला और खटियार-गिर शुष्क पर्णपाती वन पारिस्थितिकी क्षेत्र का हिस्सा है।

    • यहां के पारिस्थितिकी तंत्र में तांबे जैसे खनिज संसाधन भी पाए जाते हैं।

  5. खनन और पर्यावरणीय खतरे

    • सर्वोच्च न्यायालय ने 1991 में इस क्षेत्र में खनन पर प्रतिबंध लगा दिया था।

    • इसके बावजूद, संगमरमर खनन अभी भी पर्यावरण के लिए एक खतरा बना हुआ है, जो सरिस्का के पारिस्थितिकी तंत्र को प्रभावित कर सकता है।

  6. वर्षा और जलवायु

    • सरिस्का में औसतन 700 मिमी (28 इंच) वर्षा होती है, जो इसे शुष्क और उष्णकटिबंधीय जलवायु क्षेत्र बनाता है।

  7. वन प्रकार

    • यहां उष्णकटिबंधीय, शुष्क पर्णपाती और कांटेदार उष्णकटिबंधीय वन पाई जाती हैं, जो इस क्षेत्र की जैविक विविधता को बनाए रखने में सहायक हैं।

 

सीटीएच ड्राफ्ट को लेकर कांग्रेस नेता जितेंद्र सिंह ने क्या आरोप लगाए?

जितेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि इस ड्राफ्ट के प्रस्ताव में राज्य सरकार की ओर से अवैध तरीके से भारी भ्रष्टाचार किया गया है। उनका कहना है कि केंद्र सरकार ने इस मामले में जिस तेजी से कार्रवाई की, वह भ्रष्टाचार की ओर इशारा करती है। उन्होंने कहा कि इस मामले में भ्रष्टाचार की बू आ रही है और इसलिए सीबीआई से इस मामले की जांच की मांग की है।

सीटीएच ड्राफ्ट पर सुप्रीम कोर्ट का क्या आदेश है?

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए राज्य सरकार के ड्राफ्ट को खारिज कर दिया और स्पष्ट निर्देश दिए कि सरिस्का में खनन गतिविधि तभी शुरू होगी जब अदालत की अनुमति प्राप्त होगी। अदालत ने राज्य सरकार की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए और कहा कि कैसे इतने कम समय में विभिन्न बोर्डों से अनुमोदन प्राप्त कर लिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 23 जून को राज्य बोर्ड ऑफ वाइल्डलाइफ ने इसे पास किया और 25 जून को एनटीसीए और 26 जून को नेशनल बोर्ड ऑफ वाइल्डलाइफ ने इसे मंजूरी दे दी, जबकि यह प्रक्रिया पारदर्शी नहीं थी और इसका कोई वैज्ञानिक या पर्यावरणीय आधार नहीं था।

सीटीएच मुद्दे पर कांग्रेस की भूमिका

जितेंद्र सिंह ने इस मामले में कांग्रेस पार्टी की सक्रिय भूमिका का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इस मुद्दे को विधानसभा और संसद में उठाने का निर्णय लिया है और जल्द ही राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और जयराम रमेश के नेतृत्व में इस मुद्दे को लेकर संसद में आवाज उठाई जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश सरिस्का के लिए ऐतिहासिक जीत

कांग्रेस नेता जितेंद्र सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सरिस्का टाइगर रिजर्व और उसके बाघों के लिए एक ऐतिहासिक जीत बताया है। उन्होंने कहा किसुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब सरिस्का में खनन गतिविधियां शुरू नहीं हो सकेंगी। इससे यह सुनिश्चित हो सकेगा कि बाघों का आवास सुरक्षित रहेगा। 

सीटीएच ड्राफ्ट को खारिज करना: क्या महत्वपूर्ण है?

सीटीएच ड्राफ्ट को सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज करना पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यदि यह ड्राफ्ट पास हो जाता, तो सरिस्का में खनन कार्यों से प्राकृतिक संसाधनों और बाघों के आवास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता था। कोर्ट का यह आदेश सरिस्का के बाघों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।

सीटीएच मामले पर कांग्रेस आगे क्या करेगी

अब, कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे को और गहराई से उठाने के लिए संसद में भी सीबीआई जांच की मांग करेगी। साथ ही, पर्यावरण संरक्षण संगठनों और वन्यजीवों के लिए काम करने वाले व्यक्तियों की ओर से भी इस फैसले की सराहना की जा रही है।

FAQ

1. सीटीएच (Critical Tiger Habitat) क्या है?
सीटीएच (Critical Tiger Habitat) बाघों के संरक्षण के लिए विशेष रूप से चिन्हित क्षेत्र होता है, जहां बाघों के प्राकृतिक आवास और संरक्षण की व्यवस्था की जाती है।
2. सुप्रीम कोर्ट ने सीटीएच ड्राफ्ट को क्यों खारिज किया?
सुप्रीम कोर्ट ने सीटीएच ड्राफ्ट को खारिज किया क्योंकि इसमें खनन गतिविधियों की अनुमति देने का प्रस्ताव था, जो न तो पारदर्शी था और न ही इसका कोई वैज्ञानिक या पर्यावरणीय आधार था।
3. कांग्रेस नेता जितेंद्र सिंह ने इस मामले में क्या आरोप लगाए?
कांग्रेस नेता जितेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि सीटीएच मामले में राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार किया और केंद्र सरकार ने इस मामले में अवैध तरीके से कार्रवाई की।
4. सरिस्का टाइगर रिजर्व को बचाने के लिए कौन से कदम उठाए गए हैं?
सरिस्का टाइगर रिजर्व को बचाने के लिए पर्यावरण प्रेमियों और वन्यजीव संरक्षण संगठनों ने संघर्ष किया, जिसके परिणामस्वरूप सुप्रीम कोर्ट ने खनन गतिविधियों पर रोक लगाई।
5. कांग्रेस सीटीएच ड्राफ्ट मामले में क्या कदम उठाएगी?
कांग्रेस इस मामले में सीबीआई जांच की मांग करेगी और इसे संसद में जोर-शोर से उठाएगी।

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