झालावाड़ दुखांतिका के बाद राजस्थान के स्कूलों में नामांकन पर लगा ग्रहण, असुरक्षित भवन सील होने से बैठने का संकट

राजस्थान में नामांकन अभियान को झटका, जर्जर स्कूल भवनों की स्थिति के कारण अभिभावक और छात्र हुए परेशान, सरकार ने 16 अगस्त तक बढ़ाया अभियान। असुरक्षित भवन सील होने से बैठने का भी संकट।

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Gyan Chand Patni
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राजस्थान में शिक्षा विभाग द्वारा चलाए गए 'प्रवेशोत्सव अभियान' का उद्देश्य सरकारी स्कूलों में छात्रों के नामांकन को बढ़ावा देना था। लेकिन, झालावाड़ जिले में हुई दुखांतिका ने इस अभियान को झटका दे दिया है। शिक्षा विभाग ने जुलाई में इस अभियान की शुरुआत की थी, लेकिन अब तक अभियान के लक्ष्य को पूरा करने में बड़ी रुकावटें आ रही हैं।

जर्जर स्कूल भवनों की समस्या

झालावाड़ में हुई दुखांतिका ने राजस्थान के शिक्षा तंत्र को हिला कर रख दिया। शिक्षा विभाग अब सरकारी स्कूलों में नए छात्रों के प्रवेश के बजाय जर्जर भवनों की सूची बनाने में व्यस्त है। इसके चलते स्कूलों में बच्चों के बैठने के लिए पर्याप्त स्थान नहीं बचा है।

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छात्रों को खुले आसमान के नीचे पढ़ाई करने की मजबूरी

भीलवाड़ा, कोटा, भरतपुर, अजमेर, बाड़मेर जैसे राजस्थान के जिलों में सैकड़ों स्कूल भवनों और कक्षा-कक्षों को असुरक्षित घोषित करके सील कर दिया गया है। यही वजह है कि नए छात्रों को अन्य स्कूलों में शिफ्ट किया जा रहा है या फिर खुले आसमान के नीचे पढ़ाई करने की मजबूरी बन गई है।

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शिक्षा विभाग की योजना और जमीनी हकीकत

राज्य सरकार ने प्रवेशोत्सव अभियान के तहत नामांकन बढ़ाने का लक्ष्य तय किया था, लेकिन जर्जर स्कूल भवनों की स्थिति की जांच नहीं की गई। जब स्कूलों में बच्चों को बैठाने की जगह नहीं थी, तो इस अभियानका औचित्य ही क्या है। शिक्षा विभाग और जमीनी हकीकत के बीच भारी अंतर सामने आया है।

नामांकन अभियान की अवधि बढ़ाई गई

राजस्थान शिक्षा विभाग की ओर से नामांकन अभियान को 16 अगस्त तक बढ़ा दिया गया है, लेकिन हालात सुधारने के लिए क्या ठोस कदम उठाए जा रहे हैं, यह सवाल अब भी बाकी है।

राजस्थान स्कूल नामांकन का लक्ष्य प्राप्त करने में विफल रहा है| इसलिए राजस्थान में प्रवेशोत्सव अभियान की तारीख बढ़ी है| राजस्थान के जर्जर स्कूल भवन विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए खतरा बने हुए हैं| इसलिए स्कूलों में खुले में पढ़ाई हो रही है।

FAQ

1. राजस्थान के स्कूलों में नामांकन की स्थिति क्या है?
राजस्थान में शिक्षा विभाग द्वारा चलाए गए नामांकन अभियान में बड़ी रुकावटें आई हैं, क्योंकि जर्जर स्कूल भवनों के कारण छात्रों को पढ़ाई में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
2. क्या नामांकन अभियान को बढ़ाया गया है?
हां, शिक्षा विभाग ने नामांकन अभियान को 16 अगस्त तक बढ़ा दिया है, हालांकि जर्जर भवनों की समस्या अब भी बनी हुई है।
3. क्या राजस्थान के स्कूलों में छात्रों के बैठने की जगह की कमी है?
जी हां, राजस्थान के कई स्कूलों में छात्रों के बैठने की जगह की कमी हो गई है, क्योंकि असुरक्षित स्कूल भवनों को सील कर दिया गया है और नए भवनों की स्थिति भी जर्जर है।

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