एसआई भर्ती 2021 : चयनित अभ्यर्थियों ने बयां की पीड़ा, हमने अपनी नौकरी खो दी और अब क्या?

राजस्थान में एसआई भर्ती रद्द होने के बाद चयनित अभ्यर्थियों के सामने बड़ा संकट, न तो एसआई की नौकरी मिल रही है और न पुरानी नौकरी में वापसी हो पा रही है।

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Gyan Chand Patni
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Photograph: (AI)

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राजस्थान में सब-इंस्पेक्टर (एसआई) भर्ती 2021 को रद्द किए जाने के बाद, अब चयनित अभ्यर्थियों के लिए समस्याएं बढ़ गई हैं।  कई ने केंद्र सरकार और अन्य राज्यों की स्थायी सरकारी नौकरियों को छोड़कर एसआई का पद ज्वॉइन किया था।

अब, न्यायिक प्रक्रिया और सेवा नियमों की पेचीदगियों के चलते उनकी स्थिति बहुत जटिल हो गई है। वे न तो एसआई बन पाएंगे और न ही पुरानी नौकरी में वापसी कर सकते हैं। एसआई भर्ती 2021 रद्द करने के विरोध में राज्य के विभिन्न शहरों में धरना-प्रदर्शन भी हो रहे हैं। 

सरकारी सेवा में कार्यरत थे 523 अभ्यर्थी

इस भर्ती में चयनित 807 अभ्यर्थियों में से 523 पहले से ही सरकारी सेवा में कार्यरत थे। इनमें से 203 अभ्यर्थी प्रोबेशन काल में थे, जिन्होंने अपनी नौकरी से इस्तीफा देकर एसआई पद ज्वॉइन किया था।

  सेवा नियमों में यह प्रावधान है कि अगर किसी कर्मचारी का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है, तो उसकी सेवा समाप्त मान ली जाती है। इसका मतलब यह है कि इस्तीफा देने के बाद अभ्यर्थी अपने सभी सेवा अधिकार खो देता है।

क्या कहा था हाईकोर्ट ने

राजस्थान हाईकोर्ट ने एसआई भर्ती 2021 को रद्द करने की आवश्यकता बताते हुए राज्य सरकार को सभी कारणों के साथ एक रिपोर्ट आरपीएससी को भेजकर भर्ती रद्द करने की सिफारिश करने के निर्देश दिए हैं। 
कोर्ट ने इसके ही 2021 के कैंडीडेट्स को राहत देते हुए कहा है कि आरपीएससी चाहे तो 2021 के विज्ञापन के तहत इन लोगों की पुन: परीक्षा करवा ले या विकल्प के तौर पर इन पदों को 2025 की भर्ती में शामिल करके आयु सीमा में छूट देकर भर्ती परीक्षा में शामिल कर ले। 

दूसरी नौकरी छोड़ने वालों को भी राहत 

हाईकोर्ट ने दूसरी नौकरियां छोड़कर एसआई भर्ती में शामिल होकर सलेक्ट होने वाले और फिलहाल ट्रेनिंग कर रहे कैंडीडेट्स को उनकी पुरानी नौकरियों में बहाल करने को भी कहा है। 

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जयपुर में एसआई भर्ती 2021 में चयनित अभ्यर्थियों ने रविवार को प्रदर्शन किया।

एसआई भर्ती  चयनित अभ्यर्थियों का धरना

एसआई भर्ती 2021: चयनित अभ्यर्थियों की पीड़ा एसआई भर्ती रद्द होने के बाद चयनित अभ्यर्थियों और उनके परिजनों ने रविवार को शहीद स्मारक पर प्रदर्शन किया और धरना दिया। अभ्यर्थियों का कहना है कि उन्होंने अपनी नौकरी ईमानदारी और मेहनत से पाई है। वे चाहते हैं कि दोषियों पर कार्रवाई की जाए, लेकिन उनकी मेहनत का सम्मान किया जाए। 

धरना स्थल पर बड़ी संख्या में अभ्यर्थी और उनके परिवार के लोग पहुंचे और मांग की कि भर्ती रद्द न की जाए। इस तरह के प्रदर्शन राज्य के दूसरे शहरों में भी हो रहे हैं।

प्रदर्शनकारियों ने यह भी चेतावनी दी कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं की जातीं, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि 6 प्रतिशत फर्जी उम्मीदवारों की वजह से 94 प्रतिशत ईमानदार उम्मीदवारों की जिंदगी खतरे में आ गई है। इस पूरे प्रकरण से आरपीएससी की छवि भी धूमिल हुई है।

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अब क्या होगा?

हाईकोर्ट के फैसले के अनुसार राज्य सरकार आरपीएससी को रिपोर्ट भेजकर भर्ती रद्द करने को कहेगी। इसके बाद आरपीएससी भर्ती रद्द करने के आदेश जारी करेगी और इस आदेश के आधार पर पुलिस मुख्यालय सलेकेक्टेड कैडींडेट्स के अलग—अलग नियुक्तियां रद्द करने के आदेश जारी करेंगे। हालांकि, राज्य सरकार को यह निर्णय लेना होगा कि वह इस फैसले के खिलाफ अपील करती है या नहीं । 
यदि राज्य सरकार अपील करती है तो,भर्ती को रद्द करने की प्रक्रिया फिलहाल शुरू नहीं होगी। यदि सरकार अपील नहीं करती है तो भर्ती रद्द करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसके अतिरिक्त भर्ती में चयनित अभ्यर्थी भी एकलपीठ के फैसले को चुनौती दे सकते हैं और यदि उन्हें एकलपीठ के आदेश पर स्टे मिलता है तो भी भर्ती रद्द होने की कार्यवाही नहीं होगी।

केंद्रीय मंत्री का रुख

इस बीच, केंद्रीय पर्यटन एवं कला-संस्कृति मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत ने एसआई भर्ती 2021 परीक्षा को रद्द किए जाने के फैसले पर अपना असहमति व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के कृत्य के लिए अन्य निर्दोष व्यक्तियों को दंडित करना उचित नहीं होगा। शेखावत ने यह भी कहा कि इस फैसले पर राज्य सरकार को विस्तार से विचार करना चाहिए, क्योंकि सैकड़ों ऐसे लोग हैं जिन्होंने कई अन्य नौकरियों को छोड़कर एसआई की भर्ती को स्वीकार किया है।

भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ का समर्थन

भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ भी एसआई भर्ती को रद्द नहीं करने के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा कि दोषियों को दंडित किया जाना चाहिए, लेकिन निर्दोषों को सजा नहीं मिलनी चाहिए। उनका मानना है कि यह कदम समाज के लिए नकारात्मक परिणाम ला सकता है।

सरकार का दृष्टिकोण

सरकार इस मुद्दे पर गहन विचार कर रही है और कैबिनेट के निर्णयों की जानकारी के लिए आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने यह कहा कि सरकार सबका भला चाहती है। हालांकि, उन्होंने इस मुद्दे पर कोई सीधा जवाब नहीं दिया, लेकिन उन्होंने इस मामले पर विचार करने की बात कही।

35 करोड़ रुपए का खर्चा

राजस्थान एसआई भर्ती 2021 के लिए परीक्षा फिर से आयोजित करने पर करीब 35 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। यह खर्च कौन वहन करेगा, यह सवाल भी पूछा जा रहा है। अब यह देखना होगा कि क्या सरकार यह खर्च उठाएगी या फिर पेपर लीक के दोषियों से वसूली की जाएगी।

FAQ

1. एसआई भर्ती 2021 क्यों रद्द की गई?
एसआई भर्ती 2021 को पेपर लीक के कारण रद्द किया गया। इसके बाद, चयनित अभ्यर्थियों को न तो एसआई की नौकरी मिल पाएगी और न ही उनकी पुरानी नौकरी में वापसी हो सकती।
2. एसआई भर्ती रद्द होने का क्या असर हो रहा है?
एसआई भर्ती रद्द होने के बाद अभ्यर्थी राजस्थान के विभिन्न शहरों में धरना-प्रदर्शन भी कर रहे हैं।
3. पुलिस उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा पर कितना खर्च आएगा?
पुलिस उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा फिर से करवाने पर करीब 35 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। यह खर्च कौन उठाएगा, यह सवाल भी चर्चा में है।

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