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Photograph: (The Sootr)
राजस्थान (Rajasthan) में पेयजल योजनाओं के तहत एस्को (एनर्जी सर्विस कंपनी) मॉडल पर आधारित ट्यूबवेलों के ऑपरेशन और मेंटेनेंस में 150 करोड़ रुपए का घोटाला सामने आया है। यह घोटाला राज्य के जलदाय विभाग से जुड़ा हुआ है, जिसने एस्को मॉडल के तहत ट्यूबवेलों के ऑपरेशन और मेंटेनेंस का ठेका दिया था। जांच में यह पाया गया है कि कई इंजीनियरों और ठेका फर्मों ने गलत तरीके से काम किया, जिससे राज्य को भारी वित्तीय नुकसान हुआ।
क्या है एस्को मॉडल?
एस्को मॉडल का उद्देश्य ऊर्जा बचत और संचालन में दक्षता लाना था। राजस्थान के जलदाय विभाग ने इस मॉडल को अपनाया था ताकि ट्यूबवेलों की मेंटेनेंस और ऑपरेशन में सुधार हो सके। यह योजना जल संरक्षण और पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए थी। ट्यूबवेलों के ऑपरेशन के लिए ठेकेदारों को काम सौंपा गया था, लेकिन बाद में जांच में यह पाया गया कि ठेकेदारों और इंजीनियरों ने नियमों का उल्लंघन किया।
वित्तीय समिति की अनुमति के बिना ही ठेके जारी
जांच कमेटी ने आरोप लगाया है कि वित्तीय समिति की अनुमति के बिना ही ठेके जारी किए गए थे। पहले केवल 20 ट्यूबवेलों का ठेका दिया गया था, लेकिन बाद में बिना किसी उचित प्रक्रिया के इस संख्या को बढ़ाकर 981 कर दिया गया। इसके अलावा, वर्क ऑर्डर में भी अनियमितताएं पाई गईं। एस्को मॉडल के तहत यह निर्णय लिया गया था कि ट्यूबवेलों की मेंटेनेंस के लिए वित्तीय संसाधन और दिशा-निर्देशों का पालन किया जाएगा, लेकिन घोटाले में लगे अधिकारियों और ठेकेदारों ने इन नियमों की अनदेखी की।
सात इंजीनियरों को दोषी ठहराया
जांच कमेटी ने कुल सात इंजीनियरों को दोषी ठहराया है, जिनमें से कुछ इंजीनियर पहले से दूसरी जगह पोस्ट हो चुके हैं और कुछ सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इनमें ताराचंद कुलदीप, रमेश चंद्र मीणा, श्याम बिहारी बैरवा, उमेश कुमार मीणा, आशीष द्विवेदी, जितेंद्र त्रिवेदी, और हेमन्त कुमार वैष्णव शामिल हैं। इन इंजीनियरों पर आरोप है कि उन्होंने ठेकेदारों के साथ मिलकर घोटाले को अंजाम दिया।
जल घोटाला में जल्द मिलेगी चार्जशीट
जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी और अतिरिक्त मुख्य सचिव IAS अखिल अरोड़ा ने इस मामले में सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं। दोषी इंजीनियरों को जल्द ही चार्जशीट दी जाएगी, और दो फर्मों- मैसर्स एमएम कंस्ट्रक्शन कंपनी और राज एंटरप्राइजेज को ब्लैक लिस्ट किया जाएगा। राज्य सरकार का इरादा है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े नियम और प्रक्रियाएं लागू की जाएं।
जल घोटाले में नोटिस और जांच की स्थिति क्या है?
एडिशनल चीफ इंजीनियर ने कुल 10 इंजीनियरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इनमें से तीन के जवाब संतोषजनक पाए गए, जबकि अन्य पर कार्रवाई जारी है। जांच अब भी जारी है, और जल्द ही अन्य संदिग्ध व्यक्तियों और फर्मों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
ESCO मॉडल के बारे में जानेंESCO मॉडल क्या है ?
ESCO मॉडल के मुख्य तत्व
ESCO मॉडल के लाभ
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भ्रष्टाचार पर सख्त है राजस्थान सरकार
राजस्थान सरकार ने इस घोटाले पर गहरी चिंता व्यक्त की है और इसे राज्य की पानी की आपूर्ति व्यवस्था पर गंभीर असर डालने वाली घटना बताया है। जलदाय विभाग ने घोटाले के आरोपियों के खिलाफ एक कड़ी कानूनी कार्रवाई की योजना बनाई है, ताकि भविष्य में इस तरह के मामले न सामने आएं।
घोटाले से उत्पन्न संकट
यह घोटाला न केवल राज्य के लिए एक वित्तीय संकट उत्पन्न करता है, बल्कि यह एक संकेत भी है कि कैसे प्रशासनिक ढांचे में व्याप्त भ्रष्टाचार और अनियमितताएं सार्वजनिक योजनाओं को प्रभावित कर सकती हैं। इस मामले में अधिकारियों की भूमिका और ठेकेदारों के साथ उनके संबंधों की जांच की जा रही है।
घोटाले के प्रभाव
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राज्य पर वित्तीय दबाव:
यह घोटाला राज्य के जल संसाधनों और पानी की आपूर्ति योजनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। -
विकास में रुकावट:
जब ऐसे घोटाले सामने आते हैं, तो जनता का विश्वास प्रशासनिक और सरकारी योजनाओं में कम हो सकता है। - प्राकृतिक संसाधनों की हानि:
पानी की आपूर्ति में अनियमितताएं होने से राज्य में जल संकट और अधिक गहरा सकता है।
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