जोधपुर जेल से सोनम वांगचुक का संदेश : लद्दाख हिंसा में मारे गए 4 लोगों की मौत की स्वतंत्र न्यायिक जांच की जाए

राजस्थान की जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद प्रसिद्ध सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक ने लद्दाख हिंसा में मारे गए 4 लोगों की मौत के मामले की स्वतंत्र न्यायिक जांच की मांग की है।

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Gyan Chand Patni
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Jodhpur. राजस्थान की जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद प्रसिद्ध सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक ने एक संदेश में लद्दाख हिंसा में मारे गए 4 लोगों के मामले की स्वतंत्र न्यायिक जांच की मांग की है। उन्होंने कहा जब तक यह काम नहीं हो जाता  जब तक वह जेल में बंद रहने के लिए तैयार हैं। उनकी पत्नी गीतांजलि जे अंगमो उनकी रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चुकी है। 

सोनम वांगचुक ने यह संदेश लद्दाख के लोगों के साथ पूरे देशवासियों के नाम जारी किया है। उनके वकील मुस्तफा हाजी और उनके बड़े भाई त्सेतन दोरजे ने शनिवार को विशेष अनुमति के बाद उनसे मुलाकात की। वकील मुस्तफा हाजी ने सोशल मीडिया पर उनका संदेश साझा किया। सोनम वांगचुक ने कहा कि मैं जेल में मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ हूं। 

सोनम वांगचुक का संदेश

वकील मुस्तफा हाजी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए बताया कि सोनम वांगचुक ने लद्दाख और भारत के लोगों को संदेश दिया कि वे शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ हैं। साथ ही, उन्होंने सभी की चिंता और प्रार्थनाओं के लिए धन्यवाद दिया। सोनम ने हिंसा में जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों और गिरफ्तार किए गए लोगों के लिए प्रार्थना की।

सोनम ने कहा कि जब तक 4 लोगों की मौत की जांच स्वतंत्र जांच नहीं होती, वे जेल में रहने के लिए तैयार हैं। उन्होंने लद्दाख के लोगों और KDA (Kargil Development Authority) के साथ खड़े रहने की बात कही और शांति बनाए रखने और अहिंसा के मार्ग पर चलने का आह्वान किया।

लद्दाख हिंसा मामले में हुई थी गिरफ्तारी

सोनम वांगचुक को 24 सितंबर को लद्दाख में हुई हिंसा के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। वे लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे थे। इस आंदोलन के दौरान हिंसा हुई और इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई।

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जोधपुर सेंट्रल जेल की हाई सिक्योरिटी व्यवस्था

सोनम वांगचुक को जोधपुर की सेंट्रल जेल में सुरक्षा कारणों से शिफ्ट किया गया था, जो देश की सबसे सुरक्षित जेलों में से एक मानी जाती है। उन्हें 1500 किलोमीटर दूर जेल में रखा गया है, जहां उनकी 24 घंटे सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। इसके अलावा, सोनम को एक अलग वार्ड में रखा गया है ताकि सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

सोनम वांगचुक की पहचान

सोनम वांगचुक लद्दाख के एक प्रसिद्ध इंजीनियर, शिक्षक और पर्यावरण कार्यकर्ता हैं। उन्होंने NIT श्रीनगर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की और इसके बाद शिक्षा और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में काम किया। उनकी प्रेरणा से बॉलीवुड फिल्म थ्री ईडियट्स बनी थी। वांगचुक लद्दाख के सामाजिक आंदोलनों में सक्रिय रूप से शामिल हैं और उन्होंने लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने और राज्य का दर्जा देने के लिए आंदोलन किया है।

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वांगचुक को लेकर सरकार की प्रतिक्रिया

सोनम वांगचुक पर आरोप है कि उन्होंने प्रदर्शनकारियों को हिंसा के लिए उकसाया, जिसके कारण लेह में हालात बिगड़े। केंद्र सरकार ने वांगचुक के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज की थीं और उनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई की। हालांकि वांगचुक ने आरोपों का खंडन किया है और कहा कि उनका उद्देश्य लद्दाख के लोगों की सामाजिक और सांस्कृतिक हक की रक्षा करना था।

सीकर सांसद अमराराम ने भी किया था मुलाकात का प्रयास

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी से सीकर सांसद अमराराम भी सोनम वांगचुक से मिलने के लिए मंगलवार को जोधपुर पहुंचे थे। उन्होंने जेल प्रशासन से मुलाकात की अनुमति मांगी, लेकिन प्रशासन ने उन्हें अनुमति देने से इनकार कर दिया। इस दौरान पुलिस ने जेल के बाहर बेरिकेडिंग कर दी और अमराराम को बाहर ही रोक लिया। उनके साथ कुछ अन्य समर्थक भी थे। इस घटना के बाद अमराराम ने केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना की और कहा कि यह दमनकारी कदम है।

अमराराम ने कहा कि केंद्र सरकार ने लद्दाख के लोगों से जो वादे किए थे, उन्हें पूरा नहीं किया है और सोनम वांगचुक को जेल में बंद कर दिया है। उन्होंने इसे वांगचुक के नेतृत्व को दबाने की कोशिश बताया और कहा कि सरकार को यह विचार करना चाहिए कि वह आगे क्या कदम उठाएगी। इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर लद्दाख के मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उभारा है और अब यह देखना है कि क्या सोनम वांगचुक की पत्नी और उनके समर्थक इस आंदोलन को नई दिशा दे पाएंगे।

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सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि।

सोनम वांगचुक की पत्नी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि जे अंगमो ने अपने पति की गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने इस याचिका में सोनम की रिहाई की मांग की थी और इसे भारतीय संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत हेबियस कार्पस (बंदी प्रत्यक्षीकरण) याचिका कहा। उनकी याचिका पर 6 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी।

सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि ने दावा किया कि उनके पति की गिरफ्तारी अवैध थी और दिल्ली में उनके साथ लगातार पीछा किया जा रहा था। साथ ही, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनके एक कर्मचारी को भी हिरासत में रखा गया था।

सोनम वांगचुक का यह संघर्ष न केवल लद्दाख के विकास के लिए है, बल्कि उनका उद्देश्य शांतिपूर्ण और अहिंसक तरीके से अपने अधिकारों की रक्षा करना भी है। उन्होंने हमेशा लद्दाख के लिए एक सकारात्मक बदलाव की दिशा में काम किया है, और उनका यह संघर्ष राज्य के दर्जे की मांग और छठी अनुसूची में लद्दाख को शामिल करने के लिए जारी रहेगा।

FAQ

1. सोनम वांगचुक को क्यों गिरफ्तार किया गया था?
सोनम वांगचुक को 24 सितंबर को लद्दाख में हुई हिंसा के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। वे लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहे थे।
2. सोनम वांगचुक ने किस प्रकार का संदेश भेजा है?
सोनम वांगचुक ने शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने का संदेश भेजा और लद्दाख के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने 4 हत्याओं की स्वतंत्र जांच की मांग की और कहा कि वे तब तक जेल में रहने के लिए तैयार हैं जब तक यह जांच नहीं होती।
3. सोनम वांगचुक की पत्नी ने क्या याचिका दायर की थी?
सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि ने सुप्रीम कोर्ट में हेबियस कार्पस (बंदी प्रत्यक्षीकरण) याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने उनके पति की अवैध गिरफ्तारी और तुरंत रिहाई की मांग की थी।

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