वसुंधरा राजे का राग, जोधपुर में कहा-परिवार और राजनीति के बीच संतुलन बनाने की जरूरत

राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जोधपुर में दिया बड़ा बयान। उन्होंने कहा कि अगर हम लड़ेंगे तो समस्या होगी, साथ रहेंगे तो...। इस बयान से प्रदेश की राजनीति पर बड़ा असर।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) का मंगलवार को जोधपुर में दिया गया बयान राजनीतिक गलियारों में हलचल मचाने वाला था। उन्होंने कहा कि राजस्थान हम सबका परिवार है। मेरी यही कामना है कि यहां सभी लोग खुशहाल रहें। राजनीति में मतभेद स्वाभाविक हैं, लेकिन समाज और परिवार की तरह आपसी मेल-जोल और सद्भावना सबसे बड़ा आधार है। अगर हम लड़ेंगे तो प्रॉब्लम होगी, साथ रहेंगे तो...

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राजे की राजनीतिक यात्रा की शुरुआत

वसुंधरा राजे ने इस दौरान अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत का जिक्र भी किया। उन्होंने बताया कि उनकी यात्रा बाबा रामसा पीर के दर्शन से शुरू हुई थी। मुझे पहला आशीर्वाद देवता ने ही दिया था। इसके बाद सभी समाज के लोगों का आशीर्वाद मिला। मैं चुनाव जीती और मेरा कारवां बढ़ता गया। मैं विश्वास से कह सकती हूं कि रामसा पीर में हर किसी की इच्छा पूरी होती है, बस विश्वास बनाए रखना चाहिए।

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परिवार और वनवास के शब्दों का महत्व

राजे द्वारा हाल ही में इस्तेमाल किए गए शब्द जैसे वनवास, धैर्य और अब परिवार को राजनीतिक विश्लेषक उनके मौजूदा सियासी हालात से जोड़कर देख रहे हैं। उनके इन बयानों को सीधे तौर पर उनके समर्थकों और पार्टी आलाकमान दोनों के लिए संदेश माना जा रहा है। 

राजे ने कहा कि आजकल की दुनिया बड़ी अजीब है, जिसको अपना समझा है, वह पराया भी हो जाता है, लेकिन अपने परिवार के लिए हर किसी की एक ड्यूटी होती है। ऐसे समय में परिवार की बहू, मां, बेटी को अपना-अपना काम करना पड़ता है। यह बयान राजे के राजनीतिक संदर्भ में महत्वपूर्ण समझा जा रहा है।

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धैर्य और वनवास के मायने

राजे ने आगे कहा कि वनवास सिर्फ भगवान श्रीराम की जिंदगी का हिस्सा नहीं है। हर इंसान के जीवन में कहीं न कहीं वह वनवास आता है, लेकिन वह कभी स्थायी नहीं होता। रामजी ने हमें धैर्य का महत्व सिखाया। हमें समझना चाहिए कि कोई भी चीज स्थायी नहीं है और जब कोई समस्या आती है तो वह भी जाती है। यह बयान दर्शाता है कि राजे के अनुसार, हर मुश्किल से निपटने के लिए धैर्य और सकारात्मक दृष्टिकोण आवश्यक है।

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अजमेर दौरे पर वसुंधरा राजे

वसुंधरा राजे मंगलवार को जोधपुर से मोहनगढ़ के लिए रवाना हुईं, जहां वह पूर्व सांसद सोनाराम को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगी। इसके बाद वह जोधपुर लौटकर रात्रि विश्राम करेंगी। बुधवार को राजे का अजमेर दौरा निर्धारित है, जहां कई भाजपा नेता और पूर्व राजा सूर्यवीर सिंह समेत अन्य लोग उनसे शिष्टाचार भेंट करेंगे।

FAQ

Q1: वसुंधरा राजे ने जोधपुर में 'परिवार' वाले बयान का क्या मतलब दिया?
वसुंधरा राजे का बयान राजनीतिक एकता और समाज में सद्भावना की आवश्यकता को दर्शाता है। उनका कहना था कि अगर हम आपस में लड़ेंगे तो समस्या होगी, लेकिन अगर साथ रहेंगे तो कामयाबी मिलेगी।
Q2: वसुंधरा राजे ने अपनी राजनीति यात्रा की शुरुआत कहां से की थी?
वसुंधरा राजे ने अपनी राजनीति यात्रा की शुरुआत बाबा रामसा पीर के दर्शन से की थी और वहां से उन्हें पहले आशीर्वाद प्राप्त हुआ था।
Q3: वसुंधरा राजे ने वनवास और धैर्य पर क्या टिप्पणी की?
वसुंधरा राजे ने कहा कि जीवन में कभी न कभी वनवास आता है, लेकिन यह स्थायी नहीं होता। उन्होंने यह भी कहा कि धैर्य रखना बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि कोई भी मुश्किल अंततः समाप्त हो जाती है।

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