राम मंदिर बना, लेकिन इस बसंत पंचमी पर भी भोजशाला में नमाज पर रोक नहीं, अब 19 से 23 फरवरी के बीच होगी सुनवाई

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Jitendra Shrivastava
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राम मंदिर बना, लेकिन इस बसंत पंचमी पर भी भोजशाला में नमाज पर रोक नहीं, अब 19 से 23 फरवरी के बीच होगी सुनवाई

संजय गुप्ता, INDORE. धार भोजशाला विवाद को लेकर मप्र हाई कोर्ट की इंदौर बेंच में चल रही सात जनहित याचिकाओं पर मंगलवार को सुनवाई होना थी, लेकिन अब सुनवाई फरवरी में 14 तारीख बसंत पंचमी के बाद 19 से 23 फरवरी के बीच होगी। याचिकाओं में एक याचिका हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने दायर की है। जिसमें मुसलमानों को भोजशाला में नमाज पढ़ने से तुरंत रोकने और हिंदुओं को नियमित पूजा का अधिकार देने की मांग की गई है।

शासन सहित सभी पक्षकारों ने दिया जवाब

अधिवक्ता हरि शंकर जैन ने बताया कि मामले में जल्दी सुनवाई करने के लिए एक आवेदन लगाया गया था, मंगलवार को सुनवाई होना थी, लेकिन अब अगले महीने फरवरी में सुनवाई होगी। मामले में शासन सहित सभी पक्षों की तरफ से जवाब दे दिया गया है।

याचिका में यह कहा गया है...

याचिका में कहा गया है कि हर मंगलवार हिंदू भोजशाला में यज्ञ कर उसे पवित्र करते हैं और शुक्रवार को मुसलमान नमाज के नाम पर यज्ञ कुंड में थूक कर उन्हें अपवित्र कर देते हैं। हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता के शुरुआती तर्क सुनने के बाद इस मामले में राज्य शासन और केंद्र शासन सहित अन्य संबंधित पक्ष कारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। जिसके बाद शासन ने अपना जवाब दे दिया। याचिका के साथ 33 फोटोग्राफ भी लगाए गए हैं।

याचिका में लंदन से वाग्देवी प्रतिमा लाने की भी मांग

दायर याचिका में मां सरस्वती मंदिर भोजशाला की मुक्ति और उसके गौरव की पुनर्स्थापना के लिए और लंदन में कैद मां वाग्देवी की मूर्ति को भोजशाला में पुनः स्थापित कर सभी हिंदुओं को नियमित पूजा,अर्चना,आरती का अधिकार देने की मांग की गई है। याचिका में मांग की गई है कि भोजशाला का पूर्ण आधिपत्य हिंदुओं को सौंपा जाए और इसके लिए आवश्यक हो तो संपूर्ण भोजशाला की फोटोग्राफी, वीडियो ग्राफी और खुदाई करवाई जाए। हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने 1 मई 2022 को इंदौर हाईकोर्ट में यह याचिका दायर की थी।

यह है विवाद

भोजशाला विवाद सदियों पुराना है। हिंदू पक्ष का कहना है कि यह सरस्वती देवी का मंदिर है। सदियों पहले मुसलमानों ने इसकी पवित्रता भंग करते हुए यहां मौलाना कमालुद्दीन की मजार बनाई थी। भोजशाला में आज भी देवी-देवताओं के चित्र और संस्कृत में श्लोक लिखे हुए हैं। अंग्रेज भोजशाला में लगी वाग्देवी की प्रतिमा को लंदन ले गए थे। याचिका में कहा है कि भोजशाला हिंदुओं के लिए उपासना स्थली है। मुसलमान नमाज के नाम पर भोजशाला के भीतर अवशेष मिटाने का काम कर रहे हैं। भोजशाला में मंगलवार को हिन्दू पक्ष को पूजा-अर्चना की अनुमति है, जबकि शुक्रवार को मुस्लिम पक्ष को नमाज पढ़ने के लिए दोपहर 1 से 3 बजे तक प्रवेश दिया जाता है। दोनों ही पक्षों को निशुल्क प्रवेश मिलता है। बाकी दिनों में 1 रुपए का टिकट भोजशाला में प्रवेश के लिए लगता है। साल 2006, 2012, 2016 में शुक्रवार को बसंत पंचमी आई थी, तब विवाद की स्थिति बनी थी। अब साल 2026 में शुक्रवार को बसंत पंचमी आएगी।

सीएम रहते हुए शिवराज ने किया था प्रतिमा वापस लाने का वादा

सीएम रहते हुए शिवराज सिंह चौहान ने लंदन से वाग्देवी की प्रतिमा लाने का वादा किया था। हालांकि, इसके बाद मामला आगे नहीं बड़ा और यह वादा कोरा ही साबित हुआ। हिंदू पक्ष लगातार कानूनी तौर पर और हर मंच पर यह प्रतिमा लंदन से वापस लाने की मांग कर रहे हैं।

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