JAIPUR. राजस्थान में सरकारी नियमों के तहत प्राइवेट स्कूल राइट टू एजुकेशन के जरिए एडमिशन नहीं दे रहे हैं। इस वजह से शिक्षा विभाग जयपुर के 24 प्राइवेट स्कूलों की मान्यता रद्द कर सकती है। इसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी राजेंद्र कुमार हंस ने शिक्षा विभाग के निदेशक कानाराम को यह प्रस्ताव भेजा है।
वॉर्निंग लेटर को जयपुर के स्कूलों ने नकारा
जिला शिक्षा अधिकारी राजेंद्र कुमार हंस ने बताया कि विद्यालयों में 25 प्रतिशत सीटों पर जरूरतमंदों बच्चों को आरटीई के तहत एडमिशन दिया जाना प्रस्तावित है। राजधानी के 24 प्राइवेट स्कूलों ने इन नियमों को नकार दिया था। इन स्कूलों ने शिक्षा विभाग के रिमाइंडर लेटर और वॉर्निंग लेटर का भी कोई जबाव नहीं दिया। बता दें कि जयपुर के 24 प्राइवेट स्कूलों में केएम मुंशी मार्ग के पास भारतीय विद्या भवन विद्या आश्रम स्कूल, रुक्मणी बिरला मॉडर्न हाई स्कूल, जयपुर स्कूल, सेंट्रल एकेडमी, वॉरेन एकेडमी आदि कई स्कूल शामिल हैं।
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क्या है आरटीए ?
राइट टू एजूकेशन के तहत प्राइवेट स्कूल जरूरतमंद बच्चों को एडमिशन दे सकते हैं। बता दें कि भारत के संविधान के अनुसार छह से 14 साल के सभी बच्चों को उनके नजदीक के सरकारी स्कूल में नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा देने का प्रावधान है। इस दौरान बच्चों को स्कूल की फीस, यूनिफॉर्म और किताबें फ्री में मिलती हैं। इसका लाभ आर्थिक रूप से कमजोर और एससी, एसटी वर्ग के लोग ले सकते हैं।
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