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अरुण तिवारी, BHOPAL. प्रशासन अकादमी में पदस्थ रहे अफसरों से अब सरकार वसूली कर रही है। ये वसूली है अफसरों के उन लेक्चर्स पर लिए गए लाखों के भत्ते की जो इन्होंने अकादमी में प्रशिक्षण के दौरान दिए हैं। 23 जुलाई 2023 को ये आदेश निकाला गया है कि जिन अधिकारियों ने प्रशिक्षण के तय मापदंडों का पालन नहीं किया और भत्ता लिया है उनसे ली गई राशि की रिकवरी की जाएगी। ये रिकवरी साल 2014 से की जा रही है। प्रशासन अकादमी में 2014 से 2023 जुलाई तक 41 अधिकारी पदस्थ रहे हैं, लेकिन 15 अफसरों से ही वसूली के आदेश निकाले गए हैं। इनमें आईएएस अफसरों को पूरी तरह से छोड़ दिया गया है। जिन अफसरों से वसूली निकाली गई है उनमें आईएफएस, आईआरएस, डिप्टी कलेक्टर, महिला बाल विकास और वित्त सेवा के अधिकारी। इस आदेश में रिटायर्ड और दिवंगत अधिकारियों को बाहर किया गया है। इनमें भी कई दिग्गज आईएएस अफसरों के नाम शामिल हैं।
ये है प्रशिक्षण भत्ता की पात्रता
- मूल वेतन का 15 फीसदी मिलेगा भत्ता
- अधिकारियों को महीने में कम से कम 20 प्रशिक्षण सत्र लेने होंगे
- प्रशिक्षण संचालक का कार्य नहीं करने वाले अधिकारियों को कम से कम 26 सत्र जरुरी
प्रशासन अकादमी में पदस्थ रहे इन अधिकारियों से वसूली
जिनसे वसूली की जा रही है उनमें किरण गुप्ता डिप्टी कमिश्नर भोपाल संभाग, सपना लोमवंशी एडीएम इंदौर, माया माहेश्वरी आईआरएस इंकम टैक्स, राकेश यादव आईएफएस, प्रज्ञा अवस्थी ज्वाईंट डायरेक्टर महिला एवं बाल विकास विभाग, हृदेश श्रीवास्तव के नाम शामिल हैं।
- प्रतिभा टैगोर, उप संचालक वित्त, 2014 से 2016 तक पदस्थ, 78090 रुपए भत्ता, एक भी सत्र नहीं लिया।
- शोभा बकोरिया,उप संचालक वित्त- 2014 से 2015 तक पदस्थ, 34345 रुपए भत्ता, एक भी सत्र नहीं लिया।
- देवेंद्र सुंदरियाल,सहायक संचालक- 2016 से 2018 तक पदस्थ, 80760 रुपए भत्ता, एक भी सत्र नहीं।
- सपना लोवंशी, उप संचालक- 2017 से 2018 तक पदस्थ, 60109 रुपए भत्ता, 11 सत्र लिए।
- माया माहेश्वरी, ओएसडी- 2018 से 2021 तक पदस्थ, 3 लाख 25 हजार 371 रुपए भत्ता, 14 सत्र।
- श्वेता पवार, उप संचालक- 2018 से 2020 तक पदस्थ, 1 लाख 5 हजार 258 रुपए भत्ता, एक भी सत्र नहीं।
- डॉ. अंजलि अग्रवाल, प्रध्यापक, लोक प्रशासन- 2019 से 2021 तक पदस्थ, 1 लाख 97 हजार 296 रुपए भत्ता, 2 सत्र लिए- इनको भत्ते की पात्रता नहीं।
- किरण गुप्ता, उप संचालक- 2013 से 2016 तक पदस्थ, 55 हजार 418 रुपए भत्ता, एक भी सत्र नहीं।
- नेहा भारतीय, ओएसडी- 2021 से अब तक- 98240 रुपए भत्ता, एक सत्र।
- डॉ. प्रज्ञा अवस्थी,संयुक्त संचालक- 2009 से 2019 तक पदस्थ, 4 लाख 9 हजार 826 रुपए भत्ता, 5 सत्र।
ये आईएएस वसूली से बाहर
- जिन आईएएस अफसरों से वसूली नहीं की जा रही है उनमें सोनाली वायगंणकर कमिश्नर आयुष विभाग, अभय बेड़ेकर कलेक्टर अलीराजपुर, सुश्चिमिता सक्सेना डिप्टी सेक्रेटरी राजस्व के नाम शामिल हैं।
- अभय बेड़ेकर, ओएसडी- 2017 से 2019 तक पदस्थ, 1 लाख 52 हजार 883 रुपए भत्ता, 32 सत्र।
- सोनाली वायगंणकर,संचालक- 2020 से 2022 तक पदस्थ, 2 लाख 94 हजार 841 रुपए भत्ता, एक भी सत्र नहीं।
- सुश्चिमिता सक्सेना, ओएसडी- 2017 से 2021 तक पदस्थ, 2 लाख 10 हजार रुपए भत्ता, 31 सत्र।
- सचिन सिन्हा, संचालक- अप्रैल 2016 से अक्टूबर 2017 तक पदस्थ, 44029 रुपए भत्ता, एक भी सत्र नहीं।
- रुही खान, ओएसडी- 2019 से 2021 तक पदस्थ, 1 लाख 42 हजार 736-71 सत्र।
जो भत्ते का पात्र नहीं उसे सबसे ज्यादा भुगतान और वसूली से बाहर
लेक्चर भत्ता देने के मामले में एक और कमाल की बात सामने आई है। जो भत्ता लेने का पात्र नहीं है उसे सबसे ज्यादा भुगतान किया गया है। और उसे रिकवरी से भी बाहर रखा गया है। कॉमर्स के सहायक प्राध्यापक प्रमोद चतुर्वेदी। अब तक प्रशासन अकादमी में लेक्चर के नाम पर सबसे ज्यादा राशि 11 लाख रुपए से ज्यादा लेने वाले प्रमोद चुतर्वेदी से भी वसूली नहीं की जा रही है। चतुर्वेदी ने 2009 से अब तक केवल 32 क्लास ली हैं और उन्होंने 11 लाख रुपए से ज्यादा अकादमी से लिए हैं।
ये रिटायर्ड और दिवंगत अधिकारी रिकवरी से बाहर
रिटायर्ड : प्रशांत जाधव, अजय खोसला, संध्या श्रीवास्तव, सुमन सिंह चौहान, आरडी चौरे, आईएस दाणी, कंजन जैन, शिखा दुबे, अशोक भाटिया, एसएस गौड़, राजेंद्र बजाज, नितिन नांदगांवकर, एपी श्रीवास्तव, डीके श्रीवास्तव।
दिवंगत : सुधीर कुमार, नरेशचंद्र टेकाम।